भारतीय संसद व न्यायालय में कोई भी मुद्दा सुलझे और पाकिस्तान बीच में न कूदे ऐसा कभी नहीं हो सकता। ऐसा लगता है कि इमरान खान सुबह-शाम भारत के न्यूज़ चैनल ही देखते रहते हैं और मोदी सरकार के किसी भी कदम का त्वरित विरोध कर देते हैं। अनुच्छेद 370 और अयोध्या मामले के बाद अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर रोना रोया है। पाकिस्तान के तरफ आधिकारिक बयान तो आया ही है साथ-साथ इमरान खान ने भी ट्विटर पर अपना दुखड़ा रोया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मध्य रात्रि के बाद एक बयान जारी किया। उसमें कहा गया है,-
‘हम इस विधेयक की निंदा करते हैं। यह भेदभावपूर्ण है और सभी संबद्ध अंतरराष्ट्रीय संधियों और मानदंडों का उल्लंघन करता है। यह पड़ोसी देशों में दखल का भारत का दुर्भावनापूर्ण प्रयास है।’
इस बयान में कहा गया कि इस बिल का आधार झूठ है और यह धर्म या आस्था के आधार पर भेदभाव को हर रूप में खत्म करने संबंधी मानवाधिकारों की वैश्विक उद्घोषणा और अन्य अंतरराष्ट्रीय संधियों का पूर्ण रूप से उल्लंघन करता है। इसके बाद इमरान खान ने ट्विटर पर ट्वीट किया।
We strongly condemn Indian Lok Sabha citizenship legislation which violates all norms of int human rights law & bilateral agreements with Pak. It is part of the RSS "Hindu Rashtra" design of expansionism propagated by the fascist Modi Govt. https://t.co/XkRdBiSp3G
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) December 10, 2019
उन्होंने लिखा कि,-
‘भारतीय लोकसभा के द्वारा नागरिकता विधेयक को पारित किए जाने की हम कड़ी निंदा करते हैं। यह बिल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों और पाकिस्तान के साथ हुए द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है। ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हिंदू राष्ट्र का एजेंडा है जिसे अब मोदी सरकार लागू कर रही है।’
ऐसा पहली बार नहीं है जब इमरान खान और पाकिस्तान ने भारत के किसी मामले में इस तरह से पीएम मोदी और RSS को लेकर बयानबाजी की हो। राम मंदिर पर फैसला आने के बाद पाक आर्मी के प्रवक्ता (DG ISPR) मेजर जनरल आसिफ गफ़ूर ने ट्विटर पर एक के बाद एक ट्वीट करते हुए भारत पर निशाना साधा था। आसिफ गफ़ूर ने ट्वीट में लिखा, “दुनिया ने एक बार फिर से अतिवादी भारत का असली चेहरा देख लिया है। पांच अगस्त को कश्मीर का भारत ने संवैधानिक दर्जा ख़त्म किया और आज बाबरी मस्जिद पर फ़ैसला आया। दूसरी तरफ़ पाकिस्तान दूसरे धर्म का आदर करते हुए गुरु नानक के सेवकों के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोल दिया।”
https://twitter.com/peaceforchange/status/1193112844893593600?s=20
पाकिस्तान उसी समय से बौखलाया हुआ है। इसी बौखलाहट में अयोध्या मामले को भी UNGA में ले जाने की कोशिश की लेकिन वहां भी भारत ने पाकिस्तान की जमकर लताड़ लगाई थी।
इससे पहले पाकिस्तान कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के फैसले के खिलाफ भी प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए कई बार UN में ले जाने की कोशिश की जहां उसे हार का ही सामना करना पड़ा। पाक ने चीन की मदद से कश्मीर मामले को UN सिक्योरिटी काउंसिल में भी ले जाने का प्रयास किया लेकिन उसे वहां भी असफलता मिली थी।
ये सोचने वाली बात है कि जो देश अपने अल्पसंख्यकों के साथ पशुओं से भी बदतर व्यवहार करता है, वो आखिर नागरिकता संशोधन विधेयक जैसे हमारे आंतरिक मामलों में टांग कैसे अड़ा सकता है? परंतु यह पाक है, जो चाहे ज़मीन फट जाये या आसमान निगल ले, परंतु भारत के विरुद्ध विष उगलना नहीं छोड़ेगा।