PM मोदी और अमित शाह ने मिलकर लिया विपक्ष को आड़े हाथों, अपने अंदाज में किया उनके मंसूबों को ढेर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी चुनौती से नहीं घबराते है और कड़े फैसले डंके की चोट पर लेते हैं। पिछले 6 वर्षो में कई ऐसे मौके आए जब उन्होंने यह साबित भी किया है। परंतु अब पीएम मोदी का एक नया रूप देखने को मिला। उन्होंने कांग्रेस सहित सभी विपक्ष की पार्टियों को खुली चुनौती दी है वह भी चुनावी मैदान से। उन्होंने खुले शब्दों में नागरिकता संशोधन कानून के ऊपर चुनौती देते हुए कहा है यदि दम है तो कांग्रेस यह घोषणा करे कि वह पाकिस्तान के सभी नागरिकों को भारत की नागरिकता दे देगी। यही चुनौती अमित शाह ने भी एक कार्यक्रम के दौरान दी। 

दरअसल, झारखंड के बेरहट में अपने चुनावी भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस देश के मुसलमानों का इस्‍तेमाल कर रही है। उनके पीछे छिपकर कांग्रेस और उसके चेले-चपाटी झूठ की राजनीति कर रहे हैं। पीएम ने कहा- ‘मैं उन्‍हें चुनौती देता हूं कि उनमें दम है तो वे देश के सामने कहें कि वे हर पाकिस्‍तानी को भारतीय नागरिकता देने को तैयार हैं। कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून को रद करने और वापस करने का एलान करे’।

पीएम ने कहा कि कांग्रेस और वामपंथियों ने पूरी ताकत झोंक दी है, भारत के मुसलमानों को डराने के लिए। यह बात पत्‍थर की लकीर की तरह साफ है कि नागरिकता संशोधन कानून से भारत के एक भी नागरिक की नागरिकता पर कोई असर नहीं होगा।

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट तौर से कहा कि मुसलमानों को डराकर कांग्रेस और उसके साथी अपनी राजनीति कर रहे हैं। इन्‍होंने अवैध तरीके से लाखों घुसपैठिए को यहां घुसने दिया। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, “अपने वोट बैंक के लिए ये देश की सुरक्षा को दांव पर लगा रहे हैं। मैं कांग्रेस को चुनौती देता हूं। आप बताइए चुनौती दूं कि न दूं। आप बताएं वीरों की धरती से यह आवाज उठनी चाहिए कि नहीं। अगर उनमें हिम्‍मत है तो खुलकर घोषणा करें कि वो पाकिस्‍तान के हर नागरिक को भारत की नागरिकता देने को तैयार हैं”। पीएम मोदी ने कहा, “वे कह दें जरा, देश उनका हिसाब करेगा। साहस है तो वे कहें कि जम्‍मू कश्‍मीर में वे फिर से 370 लागू करेंगे। तीन तलाक कानून को रद्द करेगी। ये पार्टी गुमराह कर रही है लोगों को। अगर कांग्रेस में हिम्‍मत है तो वे देश के सामने कहे कि तीन तलाक कानून रद कर देंगे। वे इसका एलान करें। वरना दूसरों को ढाल बनाकर राजनीति करना बंद करें।”

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके सा‍थियों को बता देता हूं कि युवाओं को भड़काना बंद करो। अपनी राजनीति के लिए देश को मत जलाओ। देश देख रहा है कि कांग्रेस ने किस तरह सफाई से नागरिकता संशोधन कानून पर बोलना ही बंद कर दिया है। 

उन्होंने कहा, ”मैं देश के कॉलेजों और विश्वविद्यालय के युवा साथियों से आग्रह करता हूं कि अपना और अपने संस्थानों के महत्व को समझें। सरकार के फैसलों और नीतियों को लेकर चर्चा करें और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर सरकार तक आवाज पहुंचाएं। आपको यह भी समझना होगा कि कहीं कुछ दल और अर्बन नक्सल और अपने आप को बुद्धिजीवी कहने वाले लोग आपके कंधे पर बंदूकें चलाकर आपना राजनीतिक उद्देश्य तो पूरा नहीं कर रहे। याद रखिएगा कि यह देश देख रहा है उऩ्हें सिर्फ और सिर्फ मोदी से नफरत है, देशहित से जुड़ा कोई भी मुद्दा हो वो मोदी के प्रति जो उनकी नफरत है उससे आगे वो देख ही नहीं पाते। जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और वाम पंथियों के सिर्फ नाम अलग है इनकी सोच और कारनामे एक जैसे ही हैं।” अमित शाह ने भी यही बात दोहराई और विपक्ष को आड़े हाथों लिया।

इसके अलावा अमित शाह ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कुछ भी हो इस कानून को देश भर में लागू किया जाएगा और मोदी सरकार सुनिश्चित करेगी कि इन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता हासिल हो और वे सम्मान के साथ भारतीय नागरिक बनकर जिएं। उन्होंने ने नए कानून का विरोध करने वाले लोगों को चुनौती देते हुए कहा कि वे जितना चाहें कानून का विरोध कर सकते हैं लेकिन वो कामयाब नहीं होंगे।

अमित शाह और पीएम मोदी की चुनौती से जरूर कांग्रेस सहित विपक्ष में हलचल मच गया होगा क्योंकि जो भी मोदी सरकार निर्णय ले रही है कहीं न कहीं उसकी नींव कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में रखी थी। चाहे वो अनुच्छेद 370 के टेम्परोरी करने का हो या नागरिकता संशोधन कानून के लिए में नेहरू-लियाकत समझौता या फिर NRC के लिए राजीव गांधी द्वारा लाया गया कानून। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इन सभी का फैसला तुष्टीकरण से ऊपर उठकर लिया है और आगे भी ऐसे ही कड़े फैसले लेते रहेंगे। कांग्रेस और विपक्ष की पार्टियों को इसके लिए तैयार रहना होगा।   

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