CAA पर रेडियो मिर्ची की RJ सायमा ने जहर उगला, फिर लोगों ने जमकर लताड़ा तो ट्वीट डिलीट कर भागी

रेडियो मिर्ची, सायमा,

नागरिकता संशोधन अधिनियम को संसद में पारित हुए अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ है कि वामपंथी ब्रिगेड दर्द के मारे बिलबिला रहे हैं। अपनी बात को सिद्ध करने के लिए वे हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने से भी बाज़ नहीं आ रहे हैं। कुछ ऐसा ही दिल्ली में रेडियो मिर्ची की एक कर्मचारी, आरजे सायमा ने किया। वह उपद्रवियों को दिल्ली पुलिस के खिलाफ भड़काने के लिए खुलेआम ट्वीट कर रही थीं।

इस ट्वीट में सायमा लिखती हैं, “जामिया के विद्यार्थियों के खिलाफ हो रही पुलिस हिंसा के विरुद्ध आईटीओ में जय सिंह मार्ग पर स्थित दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर्स के सामने रात 9 बजे ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में जमा होइए और प्रदर्शन कीजिये”।

परंतु ठहरिए, सायमा यहीं पर नहीं रुकी, उन्होंने आगे यह भी ट्वीट किया, “पूरा हिंदुस्तान कश्मीर बनता जा रहा है क्योंकि जब कश्मीर पर गुज़र रही थी, तब हम चुप थे”। ऐसे ट्वीट के पीछे असल मंशा क्या है, इसे पता लगाने के लिए हमें कोई विशेष शोध करने की आवश्यकता नहीं है।

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के उपद्रवी छात्र छात्राएं सीएए के विरोध के नाम पर उत्पात मचाए हुए हैं। कई जगह तो उन्होंने कश्मीर के उपद्रवियों की भांति पत्थरबाजी भी की है। ऐसे में आरजे सायमा चाहती हैं कि लोग पुलिस हेडक्वार्टर का घेराव करें, जिससे टकराव पैदा हो और हिंसा भड़के। दुर्भाग्यवश रेडियो मिर्ची इस पूरे प्रकरण पर मौन व्रत धारण की हुई है, अभी तक सायमा के बयानों पर कोई एक्शन नहीं ली गई है।

परंतु आरजे सायमा के ट्वीट से मानो ट्विटर पर आक्रोश उमड़ पड़ा। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने आरजे सायमा पर स्थिति को बिगाड़ने और हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। कुछ यूज़र्स तो  #BoycottRadioMirchi भी ट्रेंड कराने लगे। एक पत्रकार नवल कान्त सिन्हा लिखते हैं, “#BoycottRadioMirchi इसके आरजे आगजनी करवा रहे हैं। रेडियो का लाइसेंस मनोरंजन के लिए है देश की संपत्ति जलाने के लिए नहीं, और न आंदोलन के लिए”। कई यूज़र्स तो संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से रेडियो मिर्ची और आरजे सायमा का लाइसेन्स निरस्त कराने की मांग भी करने लगे, और अंत में आरजे सायमा को अपने भड़काऊ ट्वीट डिलीट करने पड़े।

परंतु यह पहली बार नहीं है जब आरजे सायमा ने दिल्ली में स्थिति को बिगाड़ने का प्रयास किया हो। ट्विटर यूजर अंकुर सिंह ने आरजे सायमा की कलई खोलते हुए ट्वीट किया, “प्रिय रेडियो मिर्ची, ज़रा स्पष्ट कीजिये कि यह आपका आधिकारिक बयान तो नहीं। यदि नहीं, तो इस कट्टरपंथी तो तुरंत हिंसा भड़काने के लिए अपने ऑर्गनाइज़ेशन से निकालिए। AAP से मिलने वाले पैसों के लिए दिल्ली की बलि मत चढ़ाइये” –

इसके साथ ही अंकुर और कई अन्य ट्विटर यूज़र्स ने आरजे सायमा की पूरी जन्मकुंडली ट्विटर पर पेश की, जिससे साफ पता चलता है कि आरजे सायमा न केवल आम आदमी पार्टी की चाटुकारिता करती हैं, बल्कि अक्सर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रेडियो मिर्ची के माध्यम से भारत विरोधी भावनाओं को बढ़ावा भी देती हैं। स्वयं रेडियो मिर्ची ऐसे भारत विरोधी तत्वों को अपने कर्मचारियों के तौर पर नियुक्त करने के लिए विवादों के घेरे में रही है।

2017 में रेडियो मिर्ची के दिल्ली विभाग ने एक अभियान चलाया, #मतआओइंडिया। इसका नेतृत्व वही आकाश बैनर्जी कर रहे थे, जो आज ‘द देशभक्त’ के नाम से यूट्यूब पर ध्रुव राठी की भांति भारत विरोधी प्रोपगैंडा चला रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी बात सिद्ध करने के लिए एबीपी न्यूज़ का हवाला भी दिया, जिसका एबीपी न्यूज के तत्कालीन संपादक मिलिंद खांडेकर ने पुरजोर खंडन किया।

इतना ही नहीं, इस प्रोपगैंडा के कारण सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भी एक्शन लेना पड़ा और उन्होंने रेडियो मिर्ची को शो कॉज़ नोटिस भेजना पड़ा। फलस्वरूप आकाश बैनर्जी को न केवल अपने आपत्तिजनक पोस्ट के लिए माफी मांगनी पड़ी, बल्कि रेडियो मिर्ची को भी माफीनामा जारी करते हुए अपना विवादास्पद अभियान वापस लेना पड़ा।

सच कहें तो आरजे सायमा उसी वर्ग से संबंध रखती हैं, जो आए दिन सीएए के विरुद्ध देश भर में हिंसक प्रदर्शनों को बढ़ावा दे रहे हैं। इन लोगों को एक शांत और समृद्ध भारत से कितनी घृणा है, ये इनके भड़काऊ बयानों को देखकर ही पता चलता है, और यदि रेडियो मिर्ची में थोड़ी बहुत भी शर्म बची है, तो वह अविलंब आरजे सायमा को रेडियो मिर्ची से निष्कासित करें।

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