देश का इनटौलरेंस गैंग नरेंद्र मोदी के प्रधान मंत्री बनने के पहले से एक्टिव हो चुका था। उनकी छवि धूमिल करने के लिए उनके खिलाफ कई लेख लिखे गए थे। यह आज भी जारी है। प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल को ऐसे दिखाया जाता है जैसे डर का माहौल है। अधिकतर यह खीजे हुए पत्रकारों और लेखकों द्वारा बनाया जाता है।
कुछ अवार्ड वापसी गैंग भी हैं जो एक मौके पर अवार्ड वापस करते हैं तो दूसरे मौके पर शुतुरमुर्ग की तरह अपना सिर बालू में छिपा लेते हैं। इसी इनटौलरेंस गैंग में अब एक जाने-माने उद्योगपति भी जुड़ गए है। उनका नाम है बजाज कंपनी के चेयरमैन और गांधी परिवार के बेहद करीबी राहुल बजाज। पहले तो उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए यह आरोप लगाया कि- देश में डर का माहौल है और सरकार की कोई आलोचना नहीं कर पा रहा है।
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यह तो वही बात हो गयी की आप खा भी रहे है और खाना न मिलने के लिए कम्पलेन भी कर रहे हैं। अमित शाह भी कहां चुप रहने वाले थे। उन्होंने एक ही वाक्य में राहुल बजाज को यह बता दिया कि आप खड़े हो कर आलोचना भी कर रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि कोई आलोचना नहीं कर पा रहा है।
दरअसल, शनिवार को इक्नोमिक्स टाइम्स के कार्यक्रम में राहुल बजाज ने गृहमंत्री अमित शाह से कहा, “जब यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे। अब हम अगर आपकी खुले तौर पर आलोचना करें तो इतना विश्वास नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे। उद्योगपति राहुल बजाज मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में ऐसा माहौल है कि लोग सरकार की आलोचना नहीं कर सकते। राहुल बजाज ने कहा है कि इस समय ऐसा माहौल है कि लोग सरकार की आलोचना करने से डरते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पता नहीं उनकी आलोचना को सही से लिया जाएगा या सरकार में बैठे लोग नाराज हो जाएंगे।
इसके बाद राहुल बजाज की टिप्पणी का उत्तर देते हुए अमित शाह ने कहा-
मुझे लगता है कि आपके पूछने के बाद कोई नहीं मानता होगा कि कोई डरता है। उन्होंने यह स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह सिर्फ हौवा बनाया गया है। ढेर सारे आर्टिकल्स लिखने वाले भाइयों ने और बहनों ने भी लिखा है और आज भी धड़ल्ले से लिख रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि सबसे अधिक अगर किसी के खिलाफ कुछ लिखा गया है तो भाजपा के खिलाफ लिखा गया है।
उन्होंने आगे जवाब देते हुए कहा, “किसी को भी किसी से डरने की आवश्यकता नहीं है और जैसा कि आप कह रहे हैं कि डर का एक ऐसा माहौल बना है तो हमें इस माहौल को बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए। मैं इतना स्पष्ट तौर पर कहना चाहूंगा कि किसी को डरने की ज़रूरत नहीं और ना ही कोई डराना चाहता है।”
बता दें कि राहुल बजाज गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे हैं। बजाज और नेहरू परिवार में तीन जेनरेशन से फैमिली फ्रैंडशिप चली आ रही है। राहुल के पिता कमलनयन और इंदिरा गांधी कुछ समय एक ही स्कूल में पढ़े थे। कमलनयन के पहले बेटे के लिए ‘राहुल’ नाम जवाहर लाल नेहरू ने खुद चुना था। इसे लेकर इंदिरा गांधी नाराज हो गई थीं, क्योंकि उनकी इच्छा थी कि वे अपने बेटे का नाम राहुल रखें।
इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह UPA-2 की इतनी बड़ाई क्यों कर रहे हैं। उस समय उनके घर जैसा माहौल था, जो भी मन करता था उन्हें करने की खुली छूट थी लेकिन अब वो आजादी नहीं मिल पा रहा है शायद यही वजह है कि इन्हें परेशानी होने लगी है। राहुल बजाज भी अवार्ड वापसी गैंग और इनटोलरेंस गैंग की तरह ही यही रोना रो रहे हैं कि देश में डर का माहौल है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि कौन से एक पत्रकार हैं जो व्यक्ति की जाति और मोदी सरकार में डर के माहौल से ऊपर नहीं उठ पाये हैं। लगता है राहुल बजाज भी उन्हीं का प्राइम टाइम देखकर आए थे जिससे उन्हें ऐसा महसूस हुआ।