पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर एक बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है। इस बार राहुल ने भारत को विश्व का रेप कैपिटल बताया है। पिछले कई महीनों में एक के बाद एक हुए कई दुष्कर्म और हत्या के मामलों ने देश को झकझोर के रख दिया है। ऐसे नाज़ुक माहौल में राहुल जनता के आक्रोश का अनुचित उपयोग करते हुए कहते हैं–
‘भारत दुनिया के रेप कैपिटल के रूप में जाना जाता है। दूसरे देश पूछ रहे हैं कि क्यों भारत अपनी बहन-बेटियों की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है? एक बीजेपी एमएलए भी एक महिला के रेप में शामिल है, लेकिन पीएम एक शब्द भी नहीं बोलते हैं।’
राहुल गांधी के बयान से कई लोग आक्रोशित अवश्य हुए, परंतु ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। इससे पहले भी राहुल कई बार भारत विरोधी और हिन्दू विरोधी बयान दे चुके हैं। उदाहरण के लिए 2016 में राहुल गांधी में जेएनयू में टुकड़े टुकड़े गैंग के समर्थन में अपनी आवाज़ उठाई थी।
इसी वर्ष राहुल गांधी की पोल एक बार फिर खुली जब उन्होंने पीओके में भारतीय सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक्स के लिए सबूत मांगे। सर्जिकल स्ट्राइक्स पर राहुल गांधी खून की दलाली वाला बयान देकर भी आलोचना की केंद्र में बने हुए थे।
एक वर्ष बाद राहुल गांधी ने फिर भारत विरोधी रुख अपनाते हुए गुप्त रूप से चीनी राजदूत लुओ ज़्हाऊई से मुलाक़ात की। ये इसलिए भी और विवादित था क्योंकि डोकलम के विवाद के दौरान भारत और चीन में कूटनीतिक रूप से बातचीत जारी थी और कोई निष्कर्ष नहीं निकल रहा था। कांग्रेस ने इस मीटिंग को दबाने का भरसक प्रयास किया, परंतु अंत में उसे इस गुप्त बैठक को स्वीकारना ही पड़ा, क्योंकि मीडिया में पहले ही भांडा फूट चुका था।
बालाकोट में आतंकी अड्डों पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमलों पर भी राहुल गांधी ने अपना भारत विरोधी रुख स्पष्ट किया। एयर स्ट्राइक्स पर प्रश्न करते हुए जिस तरह उन्होंने आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर को सम्मान दिया, वो अपने आप में देखने लायक था।
परंतु राहुल गांधी केवल भारत विरोधी ही नहीं है, वे विशिष्ट रूप से सनातन विरोधी भी हैं, और वे इसे कई बार अपने बयानों से भी साबित कर चुके हैं। इनके मंदिर जाने वालों को ‘लड़की छेड़ने’ वालों से तुलना करने वाले बयान कौन भूल सकता है। इसके अलावा उन्होंने कई बार मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को दोषी ठहराने का भी प्रयास किया, जिसके लिए उन पर आपराधिक रूप से मानहानि के कई मुकदमे भी दर्ज किए जा चुके हैं।
परंतु मजाल है कि राहुल बाबू अपने झूठे बयानों से टस से मस भी हुए हों। उन्होंने तो आरएसएस की तुलना आईएसआईएस, मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे खूंखार आतंकी संगठनों तक से की है।
एक विकिलीक्स के रिपोर्ट के अनुसार ये राहुल गांधी ही थे, जिन्होने ‘भगवा आतंकवाद’ को हवा दी थी। तत्कालीन यूएस राजदूत टिमोथी रोएमर से बातचीत में राहुल गांधी को ये कहते हुए पाया गया,
“यूं तो हमें भारत के मुस्लिम समुदाय द्वारा लश्कर ए तैयबा के लिए समर्थन में कुछ साक्ष्य मिले हैं, पर उनसे ज़्यादा खतरा उग्रवादी हिन्दू गुटों से है, जो मुस्लिम समुदाय को दोषी ठहराने के लिए आतंक का सहारा ले रहे हैं”।
इससे पता चलता है कि राहुल गांधी और कांग्रेस को हिंदुओं से कितनी घृणा है, और क्यों पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष इतने वर्षों से हिन्दू आतंकवाद का झूठ फैला रहे हैं। ऐसी स्थिति में ये स्पष्ट है कि राहुल गांधी को भारत और उसकी सभ्यता से विशेष घृणा है, जो उनके बयानों में साफ झलकती है, और ऐसे में उनके रेप कैपिटल वाले बयान से किसी को भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए।