ये बात तो बहुत पहले सर्वविदित हो चुका था, पर इस्लामी कट्टरपंथियों को छोड़कर लगभग सभी जान चुके हैं कि लंदन का मेयर सादिक खान और कुछ नहीं, बल्कि एक करीने से पैक किया गया इस्लामी कट्टरपंथी है। इस हफ्ते उस्मान खान के हमले से लेकर लदंन के आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते उग्रवाद के कारण सादिक खान अब इस समस्या के निवारण में सबसे बड़ा रोड़ा बनते दिखाई दे रहे हैं।
लंदन के आमजनों की मुसीबतों का निवारण ना होना असहनीय है। लंदन के निवासियों को नींद त्याग कर इस मेयर को अविलंब निष्कासित कर देना चाहिए। इस पाकिस्तानी मूल के मेयर ने उग्रवादियों आतंकियों को सशक्त करने के लिए हरसंभव प्रयास किया है।
उन्होंने कभी भी इस्लामवादी कट्टरपंथी विचारधारा पर हमला करने की हिम्मत नहीं की, जो दुनिया भर में लोगों को मार रही है और अक्सर उस कुत्सित मानसिकता का बचाव करते आए हैं।
सादिक खान लेबर पार्टी के सदस्य हैं, जो भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है और जब कश्मीर में इस्लामिक चरमपंथ के बचाव में वह बहुत सक्रिय हो जाता है। उनका कश्मीर पर बयानबाजी सामान्य ज्ञान का मजाक उड़ानें समान है, और इस बात के लिए कि यूके के हिंदुओं ने अक्सर अपना विरोध व्यक्त किया है। सादिक खान के शासन में, लंदन अपराध-विरोधी गतिविधियों का केंद्र बन गया है, जिसमें अपराध दर में भी बड़ी वृद्धि हुई है। अपराधों में ना केवल वृद्धि हुई है, बल्कि मेयर ने कहा है कि बड़े शहरों में ऐसे आतंकी हमले होते रहते हैं।
इसी व्यक्ति ने भारतीय हाई कमीशन पर पाकिस्तानियों के हिंसक प्रदर्शन को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दिया। सादिक खान की वफादारी अंग्रेज़ी मूल के पाकिस्तानियों के प्रति है और वे अपने इस वोट बैंक को कदापि आहत नहीं करना चाहेंगे।
या तो सादिक मियां पूर्णतया अक्षम हैं, या फिर वे जानबूझकर भारत के विरुद्ध यूके में हिंसक प्रदर्शनों को बढ़ावा देते फिरते हैं। दीवाली के शुभ अवसर पर उनकी आत्मा जागृत होती है और वे कश्मीर पर भारत विरोधी मार्च आयोजित करने की योजना की निंदा करता है। ब्रिटिश भारतीयों के तीव्र संघर्ष ने सादिक खान को भारतीय उच्चायोग के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध की योजना बनाने वाले नापाक तत्वों की मामूली निंदा करने के लिए मजबूर कर दिया है, लेकिन उस घृणित मार्च का आयोजन तब भी होने दिया गया, जो लंदन में हिंदुओं के विरोध में था।
इससे पहले, एक मानवाधिकार वकील के रूप में भी, खान ने ब्रिटेन के कट्टरपंथी नेता लुइस फरखान पर प्रतिबंध हटाने के लिए की कोशिश की है, जिन्होंने यहूदियों को ‘रक्त-चूसने वाले’ और हिटलर को ‘एक बहुत महान व्यक्ति’ बताया था। । खान ने 7/7 लंदन बम विस्फोटों के लिए ब्रिटेन की विदेश नीति को भी दोषी ठहराया, जिसमें 52 मारे गए। इसलिए, यह वास्तव में किसी को भी आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए कि लंदन सादिक खान के नेतृत्व में अराजकता की ओर बढ़ता जा रहा है।
यहां तक कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जवाब में 2017 के आतंकी हमले से निपटने के लिए खान की आलोचना की थी, तो सादिक खान के एक प्रवक्ता ने कहा कि मेयर के पास “डोनाल्ड ट्रम्प के गलत सूचना वाले ट्वीट का जवाब देने की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण चीजें करने को है”।
लंदन को जानबूझकर एक कानूनविहीन शहर में बदल दिया जा रहा है, और इस तरह के कट्टरवाद से प्रभावित लंदन में भारतीयों को सहायता देने वाला कोई नहीं है। यह दयनीय है कि ब्रिटेन अभी भी खान जैसे कट्टरपंथियों का समर्थन करके राजनीतिक शुद्धता हासिल करने की कोशिश कर रहा है। ब्रिटेन को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और अपने लोगों की सुरक्षा के लिए सादिक खान को वोट आउट कर देना चाहिए।