उद्धव ठाकरे पर एक पोस्ट शेयर करने के लिए शिवसेना के गुंडों ने एक व्यक्ति को पीटा और कराया मुंडन

शिवसेना

PC: Indiatoday

शिवसेना एक ऐसी पार्टी है जहां चीजों को हल्के में नहीं लिया जाता है। यह तो सभी को पता है और समय-समय पर तोड़-फोड़ मारपीट से यह साबित भी होता आया है। एक बार फिर से यह पार्टी सुर्खियों में है। दरअसल, किसी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ फेसबुक पर कुछ लिख दिया जिसके परिणाम स्वरूप शिवसैनिकों ने उसे ढूंढ निकाला और बीच बाजार मेंय उसे गंजा किया, हाथापाई की और आगे से ऐसा नहीं करने का वचन लेते हुए माफी मंगवाई। इस घटना को शिवसैनिको ने फेसबुक पर लाइव भी किया और अब इसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है।

https://twitter.com/srikanthbjp_/status/1209078271091953664?s=20

दरअसल, नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया में प्रदर्शन हुआ था। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने इस प्रदर्शन के दौरान हुई पुलिस कार्रवाई को जलियांवाला बाग कांड से जोड़ा था। इसके बाद हीरामणि तिवारी नामक इस व्यक्ति ने फेसबुक पर 15 दिसंबर को जामिया में हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर उद्धव ठाकरे के फेसबुक पेज पर एक टिप्पणी की थी। हीरामणि  ने अपने पोस्ट में उद्धव को ‘टकला’ कहकर संबोधित किया था।

यह पोस्ट वायरल हो गया और जैसे ही शिवसेना कार्यकर्ताओं के पास पहुंचा वे आग बबूला हो गए। तिवारी ने धमकियां मिलने के बाद पोस्ट डिलीट कर दिया था। शिवसैनिकों ने रविवार को हीरामणि  को खोज निकाला और पहले उसके साथ हाथापाई की फिर जबरन उसका मुंडन कर दिया। पुलिस ने अब दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है।  हीरामणि ने बताया कि तकरीबन 25 से 30 लोगों ने उसके साथ हाथापाई की और उसके बाल काट डाले। उसने यह पोस्ट 19 दिसंबर को फेसबुक पर अपलोड किया गया था, जिसे वह ‘राहुल तिवारी’ के नाम से चलाता है। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी प्रणय अशोक ने बताया कि तिवारी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और जांच जारी है, जबकि दूसरे पक्ष को कानून व्यवस्था हाथ में नहीं लेने की चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है।

ऐसा लगता है कि शिवसेना अपने पुराने स्वरूप में आ गई है जब वे उत्तर भारतीयों के खिलाफ इस तरह की गुंडई करती थी तथा उन्हें महाराष्ट्र छोड़ कर वापस जाने पर मजबूर करते थे। हालांकि, शिवसेना जबतक भाजपा के साथ थी वो इस तरह की गुंडागर्दी नहीं करती थी परन्तु अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाते ही शिवसेना के गुंडों के पर निकल आये हैं। शिवसेना पार्टी यूपी बिहार वालों के खिलाफ कुछ भी कहकर अपने सहयोगी दलों को नाराज नहीं करना चाहती परन्तु इस तरह से एक पोस्ट पर भड़ककर एक आम नागरिक को निशाना बनाना उसके लिए घातक साबित हो सकता है।

लोकतन्त्र में शक्ति आखिर जनता के हाथ में ही होती है और जनता शिवसेना और शिवसैनिकों का यह अत्याचार अच्छे से देख रही है। इसका जवाब तो शिवसेना को आने वाले समय में अवश्य ही मिल जायेगा परन्तु भाजपा को इस मुद्दे को यूं ही नहीं जाने देना चाहिए। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को चाहिए कि वो पीड़ित व्यक्ति से मिले और इस मामले को राज्य में उठाये और सख्त कार्रवाई की मांग करें। इस मुद्दे के उठाये जाने से महाराष्ट्र की आम जनता को यह पता चल सकेगा कि शिवसेना और शिवसैनिक किस प्रकार के अत्याचार लोगों पर करते हैं और बाद में यही लोग लोकतन्त्र पर ज्ञान देते हैं। यह मामला एक उदाहरण बनना चाहिए जिससे शिवसेना को जनता की ताकत का आंदजा हो सके। सत्ता के नशे में वह इतनी अंधी हो चुकी है कि उसे अब यह भी नहीं दिखाई दे रहा है कि वह इस लोकतांत्रिक देश में दबंगई कर रही है। वहीं, हर छोटे बड़े मुद्दे को लुटियंस मीडिया खूब प्रमुखता से दिखाती है परन्तु इस मामले पर इनकी चुप्पी इस घटना पर शर्मनाक है।

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