मोहम्मद पाशा के पाप धोने सामने आया ‘द क्विंट’, हैदराबाद कांड के दोषी को बताया अच्छा परंतु जटिल

कभी पाकिस्तान की मदद करो, तो कभी रेप के आरोपी की पैरवी! घटिया पत्रकारिता की भी हद होती है

द क्विंट

PC- The Quint

यूं तो द क्विंट किसी परिचय की मोहताज नहीं है। विवादों के साथ इसका चोली दामन का नाता रहा है। परंतु हाल ही में प्रकाशित एक लेख में द क्विंट ने नीचता की सभी सीमाएं लांघते हुए न केवल हैदराबाद कांड के मुख्य आरोपी की पैरवी की, अपितु उसके गरीब पारिवारिक स्थिति की दुहाई देते हुए उसका मार्मिक चित्रण करने का भी प्रयास किया है।

द क्विंट ने हैदराबाद कांड के मुख्य आरोपी मुहम्मद पाशा के परिवार से बातचीत की, जिसका लेखा-जोखा उन्होंने अपनी साइट पर पोस्ट कियाबता दें की मुहम्मद पाशा और उसके साथियों ने एक वेटनरी डॉक्टर के स्कूटर को पंक्चर कर पहले उसे मदद करने का झांसा दिया और फिर उसे अगवा कर एक सूनसान जगह पर ले गए, जहां आरोपियों ने न केवल उसके साथ बर्बरतापूर्वक दुष्कर्म किया, बल्कि उसकी हत्या कर उसका शव भी जला दिया। फिलहाल सभी आरोपी तेलंगाना पुलिस की गिरफ्त में हैं और उन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।

परंतु जहां एक ओर पूरा देश आक्रोशित है और अपराधियों को त्वरित दंड देने की मांग कर रहा है, तो वहीं The Quint ने न केवल प्रमुख आरोपी का बचाव किया है, अपितु उसका एक मार्मिक चित्रण भी किया है। द क्विंट के लेख के अनुसार, “प्रमुख आरोपी मुहम्मद पाशा की मां मोलानबी ने The Quint को बताया की उसका बेटा काफी डरा हुआ था। “मेरा बेटा मुहम्मद 29 नवम्बर की सुबह काफी डरा-डरा सा आया और कहता रहा कि उसने किसी को मार दिया है। उसने कहा, ‘मैं अपनी लॉरी एक साइड ले जा रहा था और दूसरे साइड से एक बाइक पर एक औरत आ रही थी। मैंने बाइक को टक्कर मारी और वो मर गयी”।

इतना ही नहीं, द क्विंट ने मुहम्मद पाशा के परिवार की गरीबी पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित किया। आगे लिखा है, “मोलानबी और उसका पति हुसैन मुहम्मद पर निर्भर थे, जिसने पैसे कमाने के लिए 10वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी। मोलानबी बताती हैं, ‘मेरे पति के साथ कुछ महीने पहले एक हादसा हुआ था। तबसे वे काम नहीं कर पा रहे हैं। मेरे ऑपरेशन के बाद मैं ज़्यादा चल नहीं सकती। अभी भी दर्द होता है, और अब तो पैसे कमाने का कोई साधन भी नहीं है”।

एक होते हैं नीच, फिर आते हैं निकृष्ट, और फिर आता है The Quint। हैदराबाद का मामला निर्भया केस की भांति काफी संवेदनशील है, परंतु यहां पत्रकारिता छोड़िए, नैतिकता को ताक पर रखकर द क्विंट अपने एजेंडावादी पत्रकारिता को बढ़ावा दे रहा है। यही The Quint कठुआ मामले में बिना मामले की जांच पड़ताल किए आरोपियों के आधार पर पूरे सनातन धर्म को ‘दुष्कर्म समर्थक’ सिद्ध करने पर अन्य मीडिया संगठनों की भांति प्रोपेगेंडा फैला रहा था, परंतु हैदराबाद केस में स्थिति अपने अनुकूल न देखकर द क्विंट एक दुर्दांत अपराधी का बचाव करने में लगी हुई है।

परंतु ठहरिए, ये कदापि मत सोचिएगा कि ये द क्विंट की पहली भूल है। ऐसे पाप करने में द क्विंट ने विशेष महारत प्राप्त की है। कुलभूषण जाधव के मामले में जिस तरह द क्विंट ने हमारे शत्रुओं की सहायता की, वो किसी से नहीं छुपा है।

The Quint ने अपने लेख में कुलभूषण जाधव को भारत का जासूस घोषित किया, जिसका उपयोग पाकिस्तानी प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में दायर अपने दलीलों में जमकर किया। जनता के भारी विरोध के कारण द क्विंट को बाद में अपना आर्टिकल हटाना पड़ा था।

इसके अलावा ओसामा बिन लादेन का मार्मिक चित्रण करना हो, या फिर हिन्दू आतंकवाद के बकवास सिद्धान्त को बढ़ावा देना हो, The Quint ने इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी है। परंतु हैदराबाद मामले में जो द क्विंट ने किया है, वो न क्षमा योग्य है, और न ही अनदेखा करने योग्य। द क्विंट के विरुद्ध ऐसे भड़काऊ और अशोभनीय लेखों के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए।

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