उन्नाव केस: ”मां उन दरिंदों को मत छोड़ना” कहते हुए उन्नाव की बेटी ने तोड़ा दम!

पीड़िता के पिता हैदराबाद की तरह आरोपियों का एनकाउंटर चाहते हैं!!

उन्नाव, रेप,

हैदराबाद रेप केस के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल था, हालांकि कल सुबह ही चारों आरोपियों को तेलंगाना पुलिस ने एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया। इस घटना के बाद देश में खुशी का माहौल है लेकिन अभी एक दर्दनाक खबर उन्नाव से आ रही है। दरअसल, उन्नाव की एक रेप पीड़िता ने दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में दम तोड़ दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 40 घंटे तक जिंदगी और मौत से जंग लड़ने के बाद उन्नाव की बेटी आखिर हार मान गई। डॉक्टरों के अनुसार शुक्रवार रात करीब 11:40 बजे हृदयाघात से उसकी मौत हो गई। पीड़िता का पोस्टमार्टम होने के उन्नाव में अंतिम संस्कार होगा।

उन्नाव की बेटी भले ही जिंदगी और मौत के जंग में हार गई हो, लेकिन वह अभी भी जीना चाहती थी, वह अपने आंखों के सामने अपराधियों को फांसी पर लटकते देखना चाहती थी। लेकिन यह ईश्वर को मंजूर नहीं था। वह इलाज के दौरान अपनी मां से बार-बार कह रही थी कि “मां उन जल्लादों को मत छोड़ना, उन्हें सजा दिलाकर ही रहना।” अफसोस अब ये आवाज बंद हो चुकी है। एक मां अपनी बेटी की आवाज अब कभी नहीं सुन पाएगी।

इधर पीड़िता के परिजनों का कहना है कि उन्हें लगातार आरोपियों के करीबी लोगों से धमकियां मिल रही है। उन्नाव केस के सभी दुर्दांत आरोपियों को कोर्ट के समक्ष पेश कर हवालात में भेज दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

5 दिसंबर, दिन गुरूवार, सुबह के चार बज रहे थे। पीड़िता बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी, रायबरेली जाने के लिए। वह रायबरेली जा रही थी अपने केस के सिलसिले में वकील से बात करने। इसी दौरान पांच दरिंदे उमेश, किशोर, शुभम, हरिशंकर त्रिवेदी, और शिवम ने आकर उसे घेर लिया और डंडो और चाकू से जहां पाए वहां हमला कर दिया। इतने में पीड़िता चक्कर खाकर जमीन पर गिर गई। फिर इन पांचों आरोपियों ने उस मासूम पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दिया, जिसके बाद वह करीब 90 फीसदी जल गई थी।

जलने के बाद भी पीड़िता ने हिम्मत नहीं हारी और जलते हुए ही करीब 1 किलोमीटर तक भागती रही। उसका शरीर इस दौरान जलता रहा। इस दौरान जिसने भी पीड़िता को देखा उसका कलेजा मानों बाहर निकल गया। पीड़िता भागते हुए मदद मांग रही थी। कुछ ने पुलिस को कॉल की, पुलिस थोड़ी देर में आई और पीड़िता को गाड़ी में बैठाकर ले गई।

पीड़िता को पहले पास के ही एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। वहां से डॉक्टर ने लखनऊ के लिए रेफर कर दिया। लखनऊ में कुछ देर इलाज चला। वहां भी डॉक्टर ने जवाब दे दिया। इसके बाद पीड़िता को दिल्ली एयरलिफ्ट करके लाया गया, लेकिन 40 घंटे के इलाज के बाद वह जिंदगी और मौत के जंग में हार गई। डॉक्टरों का कहना है कि पीड़िता के सांस की नली भी जल गई थी। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रहा था। उसके ऑर्गन्स काम नहीं कर रहे थे।

बता दें कि पिछले साल पीड़िता के साथ रेप हुआ था और इसी साल रेप के आरोपियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। केस के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन वह 3 दिसंबर को जमानत पर रिहा हो गया था। पीड़िता के भाई ने आरोपियों पर धारा 307, 326 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। उसे बार बार आरोपियों के करीबी धमकी दे रहे हैं।

अब सवाल ये है कि योगी सरकार की पुलिस क्या कर रही है? उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज क्या कर रहे हैं? क्या वे केवल उटपटांग बयान देते रहेंगे या फिर अपने संसदीय क्षेत्र में हो रहे अपराधों पर भी ध्यान केंद्रीत करेंगे? अगर ऐसा ही रहा तो अगले आम चुनाव में उनकी सीट छिनने वाली है।

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