’26/11 के बाद हमने पीएम सिंह से पाक पर एयरस्ट्राइक की इजाजत मांगी, उन्होंने मना कर दिया’ पूर्व एयर मार्शल धनोआ का दावा

बीएस धनोआ

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यूपीए की सरकार में किस तरह देश की सेना को दुश्मनों के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन लेने से रोका जाता था, इसी पर प्रकाश डालते हुए वायुसेना के पूर्व अध्यक्ष बीएस धनोआ ने आज एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने शुक्रवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि वायुसेना ने 26/11 मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान में स्ट्राइक करने का सुझाव सामने रखा था, लेकिन उस वक्त राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण ऐसा हो नहीं सका। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर 2001 में संसद पर हमले के बाद भी वायुसेना ने पाकिस्तान को दंड देने के लिए ऐसी ही कार्रवाई करने का अनुरोध किया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया।

बता दें कि बीएस धनोआ 31 दिसंबर, 2016 से लेकर 30 सितंबर, 2019 तक भारतीय वायुसेना के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम जानते थे कि पाकिस्तान में आतंकी शिविर किस जगह पर हैं और हम तैयार थे। लेकिन स्ट्राइक को अंजाम देना या नहीं देना राजनीतिक निर्णय था।’ टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बीएस धनोआ ने यह भी कहा कि “दिसंबर 2001 में संसद पर हुए हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव दिया था। जिसे स्वीकार नहीं किया गया”।

इसके बाद उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जान-बूझकर कश्मीर मुद्दे को गरम रखता है ताकि वह भारत के खिलाफ अपने देश और दुनियाभर में एजेंडा चला सके। यह सच है कि अगर उस वक्त पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक करने का फैसला ले लिया जाता, तो पाकिस्तान को इतने सालों के लिए भारत को आंख दिखाने की हिम्मत नहीं करता। हालांकि, जिस तरह मोदी सरकार ने वर्ष 2016 में थल सेना को सर्जिकल स्ट्राइक करने और वर्ष 2019 में वायुसेना को एयरस्ट्राइक करने की खुली छूट दी, तो ना सिर्फ पाकिस्तान को भारतीय सेना की ताकत का एहसास हुआ बल्कि सेना के मनोबल में भी इजाफा हुआ।

भारतीय सेना शुरू से ही पराक्रमी रही है और पाकिस्तानी सेना के पास भारतीय सेना का कोई मुक़ाबला नहीं है, लेकिन यह बात समझ से परे है कि तब भारत सरकार द्वारा भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान में तबाही मचाने से क्यों रोका गया। कल बीएस धनोआ ने भी इसी बात की ओर इशारा किया। बीएस धनोआ ने कहा “हमारे पास बियॉन्ड विजुअल रेंज की मिसाइले थीं जो 2008 में पाकिस्तान के पास नहीं थीं। हमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के आतंकी शिविरों की जानकारी थी लेकिन सरकार ने इसे ठुकरा दिया। नए नेतृत्व ने फैसला लिया जिसके बाद हमने एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया।’

स्पष्ट है कि मोदी सरकार के आने के बाद देश के सुरक्षा बल को ना सिर्फ मजबूत किया गया है, बल्कि सेना को कोई भी बड़ा एक्शन लेने की खुली छूट दी गयी है। मोदी सरकार ने अपनी कूटनीति के माध्यम से दुनियाभर के देशों को जिस तरह अपने विश्वास में लेकर पाकिस्तान को सबक सिखाया है, ऐसे शक्ति शायद पूर्व की सरकारों के पास नहीं थी। आज अमेरिका से लेकर, फ्रांस, द यूके और रूस तक, सब कंधे से कंधा मिलाकर भारत के साथ खड़े हैं, और यही कारण है कि भारत को पाकिस्तान पर इतने बड़े हमले करने के बाद किसी भी तरह के राजनीतिक दबाव की कोई चिंता नहीं रहती। यह सब पीएम मोदी की शानदार कूटनीति और भारतीय सेना के साहस की वजह से ही संभव हो पाया है।

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