• About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
TFI Official Merchandise
TFI English
TFI Global
Saturday, April 1, 2023
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    थरूर और निर्मला सीतारमण ने बताया : राजनीति का यह भी रूप है

    थरूर और निर्मला सीतारमण ने बताया : राजनीति का यह भी रूप है

    अमित शाह

    अमित शाह ने “कांग्रेस बिग्रेड” की अर्थी निकाल दी

    ममता बनर्जी हाईकोर्ट

    बम्बई हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी को देशद्रोह के लिया आड़े हाथ

    जगदीप धनखड़

    कॉर्पोरेट जगत के नाम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का महत्वपूर्ण संदेश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    Chinese FDI

    Chinese FDI: चीनी निवेशकों की कमर तोड़ने को तैयार हुई निर्मला सीतारमण

    भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक व्यवसाय में रिलायंस का प्रवेश: क्या कैंपा कोला कर सकती है वापसी ?

    भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक व्यवसाय में रिलायंस का प्रवेश: क्या कैंपा कोला कर सकती है वापसी ?

    Enemy properties बेच 1 लाख करोड़ कमाएगा इंडिया

    Enemy properties बेच 1 लाख करोड़ कमाएगा इंडिया

    यूं ही नहीं बने शक्तिकान्त दास  “गवर्नर ऑफ द ईयर”

    यूं ही नहीं बने शक्तिकान्त दास “गवर्नर ऑफ द ईयर”

    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अब भारतीय सेना के पास होंगी अपनी सैटेलाइट

    अब भारतीय सेना के पास होंगी अपनी सैटेलाइट

    अरुणाचल की दिबांग परियोजना बैठाएगी पूर्वोत्तर के विकास और पर्यावरण में सामंजस्य

    अरुणाचल की दिबांग परियोजना बैठाएगी पूर्वोत्तर के विकास और पर्यावरण में सामंजस्य

    इंडो पैसिफिक में चीन को चुनौती देने हेतु एक हुए नौसेना के धुरंधर

    इंडो पैसिफिक में चीन को चुनौती देने हेतु एक हुए नौसेना के धुरंधर

    पावर ट्रांसमिशन भारत

    भारत के पावर ट्रांसमिशन में आयेगी क्रांति

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    Bhutan PM statement

    Bhutan PM statement: क्या भूटान के पीएम का बड़बोलापन डोकलाम के विषय को पुनर्जीवित करेगा?

    चूहे बिल्ली के इस खेल में क्यों ज़ाकिर नाईक जीत रहा है?

    चूहे बिल्ली के इस खेल में क्यों ज़ाकिर नाईक जीत रहा है?

    पाकिस्तान के लिए अब कोई “इस्लामिक भाईचारा” नहीं!

    पाकिस्तान के लिए अब कोई “इस्लामिक भाईचारा” नहीं!

    3rd Highest Leader In Buddhism: दलाई लामा का एक दांव, और चीन चारों खाने चित्त

    3rd Highest Leader In Buddhism: दलाई लामा का एक दांव, और चीन चारों खाने चित्त

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    जब नेहरु ने कहा हमे नही चाहिए बलूचिस्तान

    जब नेहरु ने कहा हमे नही चाहिए बलूचिस्तान

    बीर टिकेन्द्रजीत : जिसने मणिपुर और भारत के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया

    बीर टिकेन्द्रजीत : जिसने मणिपुर और भारत के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया

    आज भी BCCI और गांगुली के लिए दुस्वप्न समान है ग्रेग चैपल की नियुक्ति

    आज भी BCCI और गांगुली के लिए दुस्वप्न समान है ग्रेग चैपल की नियुक्ति

    रघुनाथ राव

    रघुनाथ राव और माधवराव के बीच वह “महाभारत”, जिसे रोका जा सकता था

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    Bholaa movie review: देवगन ही देवगन है, भोला फिल्म नही भूचाल है

    Bholaa movie review: देवगन ही देवगन है, भोला फिल्म नही भूचाल है

    अपने हाथों से ही अपने करियर को उजाड़ दिए राजकुमार और आयुष्मान….

    अपने हाथों से ही अपने करियर को उजाड़ दिए राजकुमार और आयुष्मान….

    कंगना रनौत

    2023 में या तो कंगना रनौत वापसी करेंगी, या फिर….

    सिद्धार्थ रॉय कपूर बॉलीवुड

    सिद्धार्थ रॉय कपूर ने दिया बॉलीवुड को एक महत्वपूर्ण संदेश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    थरूर और निर्मला सीतारमण ने बताया : राजनीति का यह भी रूप है

    थरूर और निर्मला सीतारमण ने बताया : राजनीति का यह भी रूप है

    अमित शाह

    अमित शाह ने “कांग्रेस बिग्रेड” की अर्थी निकाल दी

    ममता बनर्जी हाईकोर्ट

    बम्बई हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी को देशद्रोह के लिया आड़े हाथ

    जगदीप धनखड़

    कॉर्पोरेट जगत के नाम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का महत्वपूर्ण संदेश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    Chinese FDI

    Chinese FDI: चीनी निवेशकों की कमर तोड़ने को तैयार हुई निर्मला सीतारमण

    भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक व्यवसाय में रिलायंस का प्रवेश: क्या कैंपा कोला कर सकती है वापसी ?

    भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक व्यवसाय में रिलायंस का प्रवेश: क्या कैंपा कोला कर सकती है वापसी ?

    Enemy properties बेच 1 लाख करोड़ कमाएगा इंडिया

    Enemy properties बेच 1 लाख करोड़ कमाएगा इंडिया

    यूं ही नहीं बने शक्तिकान्त दास  “गवर्नर ऑफ द ईयर”

    यूं ही नहीं बने शक्तिकान्त दास “गवर्नर ऑफ द ईयर”

    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अब भारतीय सेना के पास होंगी अपनी सैटेलाइट

    अब भारतीय सेना के पास होंगी अपनी सैटेलाइट

    अरुणाचल की दिबांग परियोजना बैठाएगी पूर्वोत्तर के विकास और पर्यावरण में सामंजस्य

    अरुणाचल की दिबांग परियोजना बैठाएगी पूर्वोत्तर के विकास और पर्यावरण में सामंजस्य

    इंडो पैसिफिक में चीन को चुनौती देने हेतु एक हुए नौसेना के धुरंधर

    इंडो पैसिफिक में चीन को चुनौती देने हेतु एक हुए नौसेना के धुरंधर

    पावर ट्रांसमिशन भारत

    भारत के पावर ट्रांसमिशन में आयेगी क्रांति

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    Bhutan PM statement

    Bhutan PM statement: क्या भूटान के पीएम का बड़बोलापन डोकलाम के विषय को पुनर्जीवित करेगा?

    चूहे बिल्ली के इस खेल में क्यों ज़ाकिर नाईक जीत रहा है?

    चूहे बिल्ली के इस खेल में क्यों ज़ाकिर नाईक जीत रहा है?

    पाकिस्तान के लिए अब कोई “इस्लामिक भाईचारा” नहीं!

    पाकिस्तान के लिए अब कोई “इस्लामिक भाईचारा” नहीं!

    3rd Highest Leader In Buddhism: दलाई लामा का एक दांव, और चीन चारों खाने चित्त

    3rd Highest Leader In Buddhism: दलाई लामा का एक दांव, और चीन चारों खाने चित्त

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    जब नेहरु ने कहा हमे नही चाहिए बलूचिस्तान

    जब नेहरु ने कहा हमे नही चाहिए बलूचिस्तान

    बीर टिकेन्द्रजीत : जिसने मणिपुर और भारत के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया

    बीर टिकेन्द्रजीत : जिसने मणिपुर और भारत के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया

    आज भी BCCI और गांगुली के लिए दुस्वप्न समान है ग्रेग चैपल की नियुक्ति

    आज भी BCCI और गांगुली के लिए दुस्वप्न समान है ग्रेग चैपल की नियुक्ति

    रघुनाथ राव

    रघुनाथ राव और माधवराव के बीच वह “महाभारत”, जिसे रोका जा सकता था

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    Bholaa movie review: देवगन ही देवगन है, भोला फिल्म नही भूचाल है

    Bholaa movie review: देवगन ही देवगन है, भोला फिल्म नही भूचाल है

    अपने हाथों से ही अपने करियर को उजाड़ दिए राजकुमार और आयुष्मान….

    अपने हाथों से ही अपने करियर को उजाड़ दिए राजकुमार और आयुष्मान….

    कंगना रनौत

    2023 में या तो कंगना रनौत वापसी करेंगी, या फिर….

    सिद्धार्थ रॉय कपूर बॉलीवुड

    सिद्धार्थ रॉय कपूर ने दिया बॉलीवुड को एक महत्वपूर्ण संदेश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें

कश्मीर के रक्षक से लेकर इंडोनेशिया के तारणहार तक : भूमि पुत्र बीजू पटनायक की अद्भुत कथा

देश से बढ़कर इनके लिए कुछ नहीं था....

Animesh Pandey
द्वारा Animesh Pandey
7 March 2023
in इतिहास
0
कश्मीर के रक्षक से लेकर इंडोनेशिया के तारणहार तक : भूमि पुत्र बीजू पटनायक की अद्भुत कथा

Source: Google

275
व्यूज़
Share on FacebookShare on Twitter

वर्ष था सन 1947। भारत स्वतंत्र होकर भी खंड खंड हुआ पड़ा था, और ऐसे में गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और उनके विश्वासपात्र वीपी मेनन के लिए अब कार्य बहुत कठिन होने वाला था। इसी बीच कश्मीर पर पाकिस्तानियों की कुदृष्टि पड़ गई, और उन्होंने कई क्षेत्रों पर कब्जा भी जमा लिया था।

अब ऐसे में प्रश्न ये उठने लगा कि क्या श्रीनगर और बाकी का कश्मीर बच पाएगा? इस बीच एक व्यक्ति ने मोर्चा संभाला, मानो उसका उत्तर था, “हाँ, बिल्कुल संभव है!”

ओड़ीशा के लाल बीजू पटनायक की, जिन्होंने अपना सर्वस्व इस मातृभूमि के लिए अर्पण कर दिया, परंतु वर्तमान इतिहास में उन्हे एक छंद तक नहीं समर्पित किया गया। तो अविलंब आरंभ करते हैं।

जैसा कि एक समय विक्रम सम्पत ने कहा था, भारत की स्वतंत्रता और उसके इतिहास का संकलन एवं चित्रण सदैव दिल्ली के नेत्रों से किया गया है। इस इतिहास में सबसे अधिक ध्यान नेहरू और गांधी के कार्यों को दिया गया है, और बाकी सब को ऐसे हटाया गया है, जैसे ‘चाय में से मक्खी’!

और पढ़ें: 3 अभियुक्त, 1 उद्देश्य: किसने चंद्रशेखर आजाद के साथ विश्वासघात किया?

ऐसे ही व्यक्ति थे “भूमि पुत्र”, “शेर ए उत्कल” जैसे नामों से संबोधित किये जाने वाले बीजू पटनायक, जिन्हे दुर्भाग्यवश उनके उचित सम्मान से वर्षों तक वंचित रखा गया।

बीजू पटनायक का वास्तविक नाम बिजयानंद पटनायक था, जिनका जन्म 5 मार्च 1916 को कटक में हुआ। इनके माता पिता का नाम लक्ष्मीनारायण और आशालता पटनायक था, और इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा कटक के रेवेनशॉ कॉलेज से प्राप्त की।

विमानन उद्योग में रुचि के कारण वह अपने कॉलेज छोड़ दिए और एक पायलट के रूप में प्रशिक्षित हुए। पटनायक ने प्रारंभ में निजी एयरलाइनों के साथ उड़ान भरी लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के शुरू में वह रॉयल इंडियन एयर फोर्स में शामिल हो गए।

बीजू पटनायक ने हिटलर से लड़ने में तत्कालीन सोवियत संघ की काफी सहायता की, जिससे प्रभावित होकर रूस ने उन्हें ऑर्डर ऑफ लेनिन के पुरस्कार से सम्मानित किया, जो उस समय सोवियत संघ के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक था। इससे वे ब्रिटिश प्रशासन के दुलारे बन गए, परंतु ये अधिक समय तक नहीं था।

बीजू पटनायक का परिवार सम्पन्न होने के बाद भी राष्ट्रवादी था। इनके रिश्तेदारों में गुप्ता परिवार भी सम्मिलित था, जिनके लड़के आनंद प्रसाद गुप्ता और देबी प्रसाद गुप्ता ने चटगांव विद्रोह में “मास्टरदा” सूर्यकुमार सेन का साथ दिया था, जिसके लिए आनंद को कालापानी, जबकि देबी प्रसाद को वीरगति प्राप्त हुई थी।

और पढ़ें: जब इंदिरा गांधी ने चौधरी चरण सिंह के पीठ में छुरा घोंपा था

अब ऐसे में बीजू बाबू कैसे पीछे रहते? द्वितीय विश्व युद्ध के समय उन्हे एयर ट्रांसपोर्ट कमांड का दायित्व सौंपा गया, जिसका लाभ उन्होंने भारतीय सैनिकों को राष्ट्रवादी साहित्य बांटने के लिए उपयोग में लिया। जब अंग्रेज़ों को इसका पता चला, तो उन्हे पदच्युत करते हुए दो वर्ष के लिए जेल भेज दिया गया।

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि कहीं न कहीं बीजू पटनायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्शों से भी बहुत प्रेरित थे, हालांकि कुछ लोग उन्हे नेहरू से अधिक जोड़ने का प्रयास करते थे।

परंतु जल्द ही वे नेहरू के भी प्रिय बन गए, क्योंकि उन्होंने कुछ ऐसे कार्य किये जिन्होंने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री को आश्चर्यचकित कर दिया। परंतु जितने ही धाकड़ वे थे, उतनी ही धाकड़ उनकी पत्नी भी थी। ज्ञान पटनायक अपने समय की सर्वप्रथम महिला पायलटों में से एक थी, जिनके साथ बीजू पटनायक ने प्रेम विवाह किया था।

जब 1947 में इंडोनेशिया के प्रभावी राजनीतिज्ञ सुल्तान शहरयार एवं राष्ट्रपति सुकर्णो और उनके समर्थकों को घेरा जाने लगा, तो बीजू पटनायक ने मोर्चा संभालते हुए उन्हे सकुशल निकालने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें उनके साथ उनकी धर्मपत्नी भी मोर्चा संभाल रही थी। वे ऐसे समय में जकार्ता उड़े थे, जब किसी भी शत्रु एयरक्राफ्ट को डच प्रशासन ध्वस्त कर सकता था, परंतु दोनों ने अपने प्राणों की चिंता किये बिना इंडोनेशिया और सुल्तान शहरयार को सकुशल भारत पहुंचाया।

इसका एक सकारात्मक फल भी बीजू पटनायक को मिला, परंतु उसके बारे में बाद में।

जल्द ही भारत स्वतंत्र हुआ, और उसके 565 रियासतों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य सरदार पटेल को सौंपा गया। उस समय कश्मीर के शासक, महाराजा हरी सिंह डोगरा दुविधा में थे कि भारत के साथ कश्मीर का विलय करें या नहीं।

और पढ़ें: “चीन की जासूसी की, पिस्तौल लेकर चलते थे, 15 वर्ष हिमालय में घूमते रहे”, स्वामी प्रणवानंद की कहानी

वे भारत के साथ जुडने को तैयार भी थे, परंतु उनकी बातें नेहरू प्रशासन तक कभी पहुंची ही नहीं। इसी बीच अक्टूबर 1947 के अंत तक पाकिस्तान ने कश्मीर पर धावा बोल दिया।

अब ऐसे में कौन सुनिश्चित करे कि भारतीय सैनिक को कश्मीर में किसी प्रकार की असुविधा न हो? यहाँ भी बीजू पटनायक ने मोर्चा संभाला, और वे अपने डकोटा डीसी 3 एयरक्राफ्ट में 1 सिख रेजिमेंट के 17 सैनिकों को साथ ले चले। 27 अक्टूबर 1947 को श्रीनगर आते ही उन्होंने अपने हवाई जहाज़ को जानबूझकर लो लेवल पर उड़ाया, ताकि शत्रु की तनिक भी आहट होने पर मोर्चा संभाल सके।

परंतु पाकिस्तानी तो बारामुला को लूटने में ही व्यस्त थे। यदि समय पर बीजू पटनायक नहीं आए होते, तो कश्मीर भारत के हाथ से फिसल भी सकता था। रोचक बात है कि उस हवाई जहाज़ में लेफ्टिनेंट कर्नल दीवान रंजीत राय भी सवार थे, जिन्हे युद्ध में वीरगति प्राप्त हुई, और जिन्हे सर्वप्रथम भारत का दूसरा सर्वोच्च सैन्य सम्मान, यानि महावीर चक्र प्राप्त हुआ था।

अब ऐसे व्यक्ति शायद ही नेहरू के प्रिय बनते, जो इतने मुखर स्वभाव के होते। कुछ समय तक ऐसा प्रतीत भी हुआ, क्योंकि जब नेहरू ने ओड़ीशा के कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए धन व्यय करने से मना किया, तो विक्षुब्ध होकर बीजू पटनायक ने स्पष्ट किया कि वे ओड़ीशा का विकास कैसे भी करके पूरा करेंगे, चाहे उसके लिए अपना निजी धन ही क्यों न खर्च करना पड़े।

जब ये बात मीडिया में चर्चा में आई, तो अपना सा मुंह लेकर नेहरू को आवश्यक फंड्स दिलाने पड़े। एन टी रामा राव से काफी पूर्व ही इन्होंने केंद्र और राज्य के बीच परस्पर संबंधों की आवश्यकता को रेखांकित किया था।

जल्द ही नेहरू को बीजू पटनायक की आवश्यकता पड़ी, जब 1962 में भारत पर चीन ने आक्रमण कर दिया, और नेहरू के सारे विश्वासपात्र बगलें झाँकने लगे थे। ऐसे में बीजू पटनायक ने रणनीति को लेकर मोर्चा संभाला, और उन अफसरों को प्राथमिकता दी, जिनके लिए राष्ट्र सर्वोपरि था। इससे प्रभावित होकर नेहरू ने उन्हे “India’s Bucaneer” की उपाधि दी।

परंतु बीजू पटनायक जितना ही अपने रणनीति और देशभक्ति के लिए चर्चित थे, उतना ही अपनी कूटनीति के लिए भी। 1947 में जो इंडोनेशिया की सहायता की थी, उसका फल उन्हे 1965 में मिला, जब उन्होंने इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष सुकर्णो से अनुरोध किया कि वे “मुस्लिम भाईचारे” के नाम पर पाकिस्तान का सहयोग न करे, और यदि भारत की सहायता नहीं कर सकते, तो कम से कम तटस्थ रहे। उन दिनों पाकिस्तान पर अमेरिका का हाथ था, और वह “ऑपरेशन जिब्राल्टर” जैसे षड्यंत्रों से भारत को बर्बाद करने पर तुला हुआ था, परंतु सुकर्णो भारत का उपकार नहीं भूले थे। नेहरू के साथ भी उनके मैत्रीपूर्ण संबंध होने के कारण उन्होंने बीजू पटनायक की याचना को सहर्ष स्वीकार किया, और भारत को इंडोनेशिया के रूप में एक अप्रत्याशित समर्थक मिला।

परंतु इतना सब देश को देने के बाद भी इन्हे इनका उचित सम्मान नहीं मिला। इंदिरा गांधी प्रशासन से अनबन के बाद इन्होंने “उत्कल कांग्रेस” की स्थापना की, जिसने बाद में जाकर बीजू जनता दल का रूप लिया। जब देश पर आपातकाल लगा, तो इन्होंने इसका जमकर विरोध किया, और इसके लिए इनको पुनः जेल की यात्रा करनी पड़ी।

अब ओड़ीशा की जनता का प्रभाव ऐसा था कि वे ज्यादा दिन जेल में नहीं रह पाए, और 1977 तक इन्हे भी रिहा किया गया। ये केंद्र सरकार में कुछ समय तक इस्पात मंत्री रहे, और कांग्रेस के निरंतर प्रयास के बाद भी वे ओड़ीशा पर पूर्णत्या नियंत्रण नहीं स्थापित कर पाए। परंतु हृदयाघात से 1997 में इनका निधन हो गया, और आज भी कई देशवासी इनके योगदानों से अपरिचित है।

इन्होंने एक समय कहा था, “मेरे लिए नहीं, राज्य के भाग्य के प्रति अपनी निष्ठा रखें। ओड़ीशा एक सम्पन्न राज्य है, जिसमें बस गरीब लोग रहते हैं। अपने राज्य का गौरव बने, कलंक नहीं!”

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Sources:

The Pilot who saved Kashmir and shielded Indonesia

Tags: Biju PatnayakIndiaNationalistOdhishaइंडोनेशियाइतिहासकश्मीरबीजू पटनायकभारतमीडियासरदार वल्लभभाई पटेल
शेयरट्वीटभेजिए

पिछली पोस्ट

Bholaa trailer review : ट्रेलर देख आप स्तब्ध हो जाओगे!

अगली पोस्ट

China real estate crisis: एक एक कर सब चीनी नगर होंगे स्वाहा!

Animesh Pandey

Animesh Pandey

Lead Editor, TFI Media Vidyarthi of History, Cinema Buff, Akhand Bharat Parmo Dharma

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

  • सर्वाधिक पढ़े गए
  • टिप्पणियाँ
  • नवीनतम
“धौंसिये को औकात बता दी”, अजय देवगन ने करण जौहर की दादागिरी उतार उसे माफी मांगने पर मजबूर कर दिया

“धौंसिये को औकात बता दी”, अजय देवगन ने करण जौहर की दादागिरी उतार उसे माफी मांगने पर मजबूर कर दिया

24 June 2020
चीन, ऑस्ट्रेलिया,

‘जांच तो होकर रहेगी, चाहे जितना रो लो’, ऑस्ट्रेलिया ने ड्रैगन को उसी की भाषा में मजा चखा दिया

29 April 2020
G7

दुनिया के 7 बड़े देश एक बात पर हुए सहमत – हम सब चीन के खिलाफ हैं

18 April 2020
जापान, चीन

‘हमारी जल सीमा से तुरंत निकल लो’, East China Sea में घुसपैठ करने जा रहे चीनियों को जापानी नौसेना ने खदेड़ा

10 May 2020
रवीश कुमार

यदि रवीश कुमार मेरे सवालों का ठीक ठीक उत्तर दे दें, तो मैं लिखना छोड़ दूंगा

सरकारी बैंक

प्रिय बैंक कर्मचारियों, अपनी हड़ताल जारी रखें, PSB का निजीकरण होकर रहेगा

संदीप मिश्रा

अखबार के एक मैट्रिमोनियल कॉलम से शुरू हुई प्रेम और देश प्रेम की कहानी

संजय झा

यक्ष – संजय झा संवाद: ऐसे प्रश्न और ऐसे उत्तर जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे

Bhutan PM statement

Bhutan PM statement: क्या भूटान के पीएम का बड़बोलापन डोकलाम के विषय को पुनर्जीवित करेगा?

31 March 2023
थरूर और निर्मला सीतारमण ने बताया : राजनीति का यह भी रूप है

थरूर और निर्मला सीतारमण ने बताया : राजनीति का यह भी रूप है

31 March 2023
अमित शाह

अमित शाह ने “कांग्रेस बिग्रेड” की अर्थी निकाल दी

31 March 2023
ममता बनर्जी हाईकोर्ट

बम्बई हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी को देशद्रोह के लिया आड़े हाथ

31 March 2023

इस सप्ताह लोकप्रिय

अजमेर के काले सच को सामने लाएगी “द अजमेर फाइल्स”
चलचित्र

अजमेर के काले सच को सामने लाएगी “द अजमेर फाइल्स”

द्वारा Animesh Pandey
25 March 2023
Flop Bollywood Movies 2023
चलचित्र

भाड़ में जाए एजेंडा : भारतीय ऑडियंस का सख्त संदेश

द्वारा Animesh Pandey
27 March 2023
3rd Highest Leader In Buddhism: दलाई लामा का एक दांव, और चीन चारों खाने चित्त
विश्व

3rd Highest Leader In Buddhism: दलाई लामा का एक दांव, और चीन चारों खाने चित्त

द्वारा Yogesh Sharma
28 March 2023
प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड
चलचित्र

प्रियंका चोपड़ा ने बॉलीवुड पर सटीक निशाना लगाया है!

द्वारा Animesh Pandey
29 March 2023
Merchant meaning in hindi
मुझे हिंदी में खबर बताओ

 Merchant meaning in hindi : vilom paryayvachi and examples –

द्वारा Trending News Team
24 November 2022

©2023 TFI Media Private Limited

  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFI Official Merchandise
TFI English
TFI Global
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships

©2023 TFI Media Private Limited

Follow us on Twitter

and never miss an insightful take by the TFIPOST team

Follow @tfipost_in