कांग्रेसी विधायक ने दिखाई गज़ब की ईमानदारी, स्वीकारा “जेब गरम करने का टाइम है”

यशोमति ठाकुर

PC: AajTak

महाराष्ट्र में सरकार का गठन हो चुका है और मंत्रियों को मंत्रिपद भी दिये जा चुके हैं। ऐसा लग रहा है कि इस बंटवारे से कोई सबसे ज्यादा खुश है तो वो है कांग्रेस। महाराष्ट्र में कांग्रेस तीसरे नंबर पर रह कर भी सरकार में है और इसके कई नेताओं को मंत्री पद भी मिल गया। कुछ मंत्री अपनी ख़ुशी को न चाहते हुए भी छुपा नहीं पा रहे और यह कहते नजर आ रहे हैं कि अभी तो हम सत्ता में आए हैं, जेब गरम होने दीजिये।

जी हाँ, अपने सही सुना। कांग्रेस की एक विधायक हैं यशोमति ठाकुर। उन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया है। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार एक स्थानीय निकाय के चुनाव प्रचार के दौरान यशोमति ठाकुर ने कहा कि, ‘‘आप सभी को पता है कि पहले हर तरह के खेल खेले जा चुके हैं। पहले हमारी सरकार नहीं थी और अब जब हमनें शपथ ले ली है, लेकिन अब तक अपनी जेब नहीं भरी है। विपक्ष के लोगों के पास बहुत पैसे हैं और उनकी जेब बहुत गहरी है। अगर वो आपके घर पैसे देने आएं तो उन्हें ना नहीं करना। घर आई लक्ष्मी को ना कौन कहता है, लेकिन वोट पंजे को देना।”

इस बारे में यशोमति ने टाइम्स नाउ से बात करते हुए कहा, “आजकल बयान का गलत मतलब निकालने का फैशन है क्या? मुझे नहीं पता कि आप किस बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन मैं यह कह सकती हूं कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया और इसे तोड़ मरोड़ के पेश किया गया। मैंने कहा था कि जो लोग केंद्र की सरकार में हैं और जो अब तक यहां सरकार चला चुके हैं उनके पास पैसे हैं और उनकी जेबें गर्म हैं। हमारे पास पैसे नहीं हैं।”

अब आप तो समझ ही गए होंगे कि आखिर यशोमति ठाकुर के दिमाग में क्या चल रहा है। कितनी भी सफाई दे लें पर दिमाग की बातें तो सामने आ ही जाती है। इनका स्पष्ट कहने का मतलब है कि अभी अभी तो मंत्री पद मिला है इसलिय उन्हें जेब गर्म करने के लिए समय चाहिए। वैसे भी भ्रष्टाचार कर अपनी जेबें भरने का कांग्रेस में प्रचलन रहा है और यशोमति ठाकुर ने सिर्फ इसे सार्वजनिक मंच  पर कह दिया। कांग्रेस 2004 से 2014 तक इतने भ्रष्टाचार कर चुकी है कि गिनते गिनते दिन निकल जाएगा। हाल ही में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम भी भ्रष्टाचार में ही गिरफ्तार हुए थे।

जनता के धन से अपनी जेब गर्म करना और फिर जनता को बेवकूफ बनाने की परंपरा पुरानी रही है, लेकिन अब जमाना बदल चुका है। जनता सभी कही हुई बातों का हिसाब रखती है और जब कोई नेता इतने आराम से स्वीकार करते हुए जेब गर्म करने की बात कर रहा है तब जनता भी ईमानदारी निभाएगी। जनता अपना निर्णय सुनाती है अगले चुनाव में अवश्य सुनाएगी। हालांकि, इस बार तो कांग्रेस जोड़ तोड़ कर सत्ता में काबिज हो गयी लेकिन महाराष्ट्र की जनता यह देख रही है कि उसने बहुमत तो NDA को दिया था लेकिन सरकार अब महाविकास आघाडी की बनी है। जनता इस अवसरवादिता का जवाब तो अगले चुनाव में दे ही देगी।

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