दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले BJP के star campaigner ने जोरदार वापसी की है

मणिशंकर अय्यर

दुनिया के किसी भी कोने में एक ट्रम्प कार्ड या संकटमोचक की बहुत अहमियत मानी जाती है। जब भी किसी व्यक्ति, गुट या समाज पर संकट आता है, तो यह व्यक्ति उस संकट का निवारण करता है। ऐसे ही हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अक्सर अपने बयानों से कांग्रेस की किरकिरी कराने वाले मणिशंकर अय्यर, जो भाजपा के लिए किसी संकटमोचक से कम नहीं है।

हाल ही में सीएए के विरोध में कुछ प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के शाहीन बाग क्षेत्र में चक्का जाम करके रखा हुआ है, जिसे वामपंथी बुद्धिजीवी सीएए के सफल विरोध की संज्ञा देने में प्रयासरत हैं। इसी प्रदर्शन का हिस्सा बनते हुए मणिशंकर अय्यर ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं उन बलिदानों के लिए तैयार हूं, जो हमसे मांगे जा रहे हैं।  हम देखेंगे कि किसका हाथ मजबूत हैं। हमारा या क़ातिल (हत्यारे) का”।

अब यह तो एक छोटा बच्चा भी पता लगा सकता है कि यहां कातिल कहकर किसे संबोधित किया गया है। इसी बात की पुष्टि करते हुए मणि शंकर अय्यर ने आगे कहा, “सरकार वास्तविक मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए CAA और NRC को लेकर आई है, क्योंकि वह अर्थव्यवस्था की हालत को सुधारने में विफल रही है। लेकिन शाहीन बाग की साहसी महिलाओं ने उन्हें बताया है कि वे अब लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकती हैं। केंद्र सरकार को वास्तविक नागरिकों से प्रमाण मांगने का कोई अधिकार नहीं है”। स्पष्ट है कि एक बार फिर से मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी पर निशाना साधने में अपने शब्दों पर ध्यान नहीं दिया। बता दें कि इस बार दिल्ली में सीएम उम्मीदवार के लिए कोई चेहरा घोषित नहीं किया गया है बल्कि पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जायेगा।

मणिशंकर अय्यर यूं ही भाजपा के लिए किसी संकटमोचक से कम नहीं है। जब भी उनके श्रीमुख से भाजपा के लिए कुछ शब्द निकलते हैं, भाजपा को मानो संजीवनी बूटी मिल जाती है। वे अप्रत्याशित परिणाम भी सामने लाती है। भला हम उस समय को कैसे भूल सकते हैं, जब महोदय ने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने पर कहा था, “मैं आपको वादा करता हूं, 21वीं सदी में नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, लेकिन अगर वे यहां आकर चाय का वितरण करना चाहते हैं तो हम उनके लिए जगह बना रहे हैं”।  नतीजों में बेहिसाब प्यार लुटाते हुए काँग्रेस को जनता ने 44 लोक सभा सीटों से पुरुस्कृत किया था।

इसी भांति 2017 के गुजरात चुनावों से पहले मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी के लिए विष उगला। उनके अनुसार, “मुझे तो यह आदमी बहुत नीच किस्म का आदमी लगता है, इसमें कोई सभ्यता नहीं है”। उनके इस बयान से बहुत बड़ा विवाद खड़ा हो गया था, और आनन-फानन में कांग्रेस पार्टी को उन्हें पार्टी से बर्खास्त करना पड़ा था। यही नहीं, कुछ समय तक बढ़त बनाई काँग्रेस को गुजरात में अंतत: चुनाव में पराजय का सामना भी करना पड़ा।

राम मंदिर के मुद्दे पर भी वे अपने क्रांतिकारी विचार सबके सामने रख चुके हैं। भगवान राम के जन्म पर मणिशंकर अय्यर ने हिंदुओं की आस्था पर तंज कसते हुए कहा था , “राजा दशरथ एक बहुत बड़े राजा थे, उनके महल में 10 हजार कमरे थे, लेकिन भगवान राम किस कमरे में पैदा हुए ये बता पाना बड़ा मुश्किल है। ऐसे में आप किस आधार पर मंदिर वहीं बनाने की बात करते हैं।”

लेकिन जब सैम पित्रोदा 2019 के चुनाव में उनसे लाइमलाइट चुराने लगे, तो तैश में आकर मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर अपने मुंह से विष उगला। उन्होने कहा, “भारत में एक ही व्यक्ति है, उनके तीखे हमले आपने नहीं देखे, उनसे सवाल कीजिए। वे आपसे बात इसलिए नहीं करते, क्योंकि वे डरपोक हैं। चिंता की कोई बात नहीं, 23 मई को मोदी को जनता द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। देश के इतिहास के सबसे बद्जुबान प्रधानमंत्री के लिए यही सबसे उचित रहेगा। याद है न मैंने उनके लिए दिसंबर 2017 में किस शब्द का प्रयोग किया था? क्या मेरी भविष्यवाणी सही साबित नहीं हुई?’’

अब शाहीन बाग प्रोटेस्ट्स में मोदी सरकार के विरुद्ध अपने मुंह से प्रवचन देकर मणिशंकर अय्यर ने सिद्ध कर दिया है कि भाजपा के लिए उनसे बढ़िया स्टार कैम्पेनर कोई नहीं होगा। जब भी वे कुछ बोलने के लिए खड़े होते हैं, तो मानो हर भाजपा कार्यकर्ता के दिमाग में यही पंक्ति गूँजती होगी, “पराजय विध्वंस निकट नहीं आवे, मणिशंकर जब नाम सुनावे!”

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