दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसी बीच आम आदमी पार्टी ने तो अपने उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है। परंतु सूची के जारी होते ही इस पार्टी और अरविंद केजरीवाल की पोल खुल गयी है। पार्टी के एक मौजूदा MLA ने तो AAP के शीर्ष नेतृत्व पर रुपये लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाया है। यही नहीं अगर इस पार्टी की हालिया हरकतों पर नज़र डालें तो बहुत सारी चीज़ें इस ओर इशारा भी करती हैं। दरअसल, 14 जनवरी को आम आदमी पार्टी की एक अहम बैठक दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के घर पर हुई। इस बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है। पार्टी ने मौजूदा 46 विधायकों को टिकट दिया है, वहीं 9 सीटों पर नए उम्मीदवारों की घोषणा की गई है।
Best wishes to all. Don’t be complacent. Work v hard. People have lot of faith in AAP and u. God bless. https://t.co/JuuvriCoNG
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 14, 2020
अब जानते हैं कि 13 जनवरी को ऐसा क्या हुआ था। बता दें कि 13 जनवरी को अरविंद केजरीवाल ने एक बाद एक कई ट्वीट किए जिसमें से 5 प्रमुख थे और वह ट्वीट 5 नेताओं के आम आदमी पार्टी में शामिल होने के थे। ये 5 नेता थे
- हरिनगर विधानसभा सीट से राजकुमारी ढिल्लों
- गांधी नगर विधानसभा से दीपू चौधरी
- बवाना विधानसभा सीट से जय भगवान उपकार
- द्वारका विधानसभा से विनय कुमार मिश्र
- बदरपुर विधानसभा सीट से राम सिंह
हरिनगर वार्ड से कॉंग्रेस पार्टी की पूर्व पार्षद राजकुमारी ढिल्लों जी ने आज आम आदमी पार्टी का दामन थामा। पार्टी की नीतियों से और हमारी सरकार के कामों से प्रभावित हो कर वो हमारे परिवार में शामिल हो रहे हैं। उनका आम आदमी पार्टी में तहेदिल से स्वागत है। pic.twitter.com/7zXtPAw0z4
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 13, 2020
लंबे समय से कॉंग्रेस पार्टी से जुड़े हुए गांधीनगर विधानसभा में कार्यरत वरिष्ठ समाजसेवक नवीन दीपू चौधरी जी आज आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। पार्टी की नीतियों से और हमारी सरकार के कामों से प्रभावित हो कर वो हमारे परिवार से जुड़े हैं। उनका आम आदमी पार्टी में तहेदिल से स्वागत। pic.twitter.com/DR8vnoIoEQ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 13, 2020
बवाना विधानसभा के रोहिणी वार्ड से पार्षद और समाजसेवक जय भगवान उपकार जी ने आज आम आदमी पार्टी का दामन थामा। पार्टी की नीतियों से और हमारी सरकार के कामों से प्रभावित हो कर वो हमारे परिवार में शामिल हो रहे हैं। उनका आम आदमी पार्टी में तहेदिल से स्वागत है। pic.twitter.com/JjvPoKBXAT
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 13, 2020
कॉंग्रेस पार्टी से पालम विधानसभा से चुनाव लड़ चुके युवा नेता विनय कुमार मिश्र जी ने आज आम आदमी पार्टी का दामन थामा। पार्टी की नीतियों से और हमारी सरकार के कामों से प्रभावित हो कर वो हमारे परिवार में शामिल हो रहे हैं। उनका आम आदमी पार्टी में तहेदिल से स्वागत है। pic.twitter.com/Xws6kU4fpE
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 13, 2020
दिल्ली के वरिष्ठ नेता और बदरपुर से दो बार विधायक रहे राम सिंह नेता जी ने आज आम आदमी पार्टी का दामन थामा। पार्टी की नीतियों से और हमारी सरकार के कामों से प्रभावित हो कर आज वो हमारे परिवार में शामिल हो रहे हैं। उनका आम आदमी पार्टी में तहेदिल से स्वागत है। pic.twitter.com/2WlJJD3pyw
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 13, 2020
इसके बाद 14 को आम आदमी पार्टी की बैठक हुई और सभी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गयी। आश्चर्य की बात यह है कि इन पांचों को उस लिस्ट में जगह मिली जो पिछले दिन पार्टी में शामिल हुए थे। यानि कोई नेता अचानक से पार्टी में शामिल हुआ और तुरंत उसे AAP की टिकट भी मिल गयी। अक्सर देखा जाता है कि नेता अपने क्षेत्र में 5 वर्षों तक मेहनत करते हैं तब जाकर उन्हें पार्टी टिकट देती है, लेकिन यहां तो आम आदमी पार्टी ने उन नेताओं को टिकट दे दिया जिन्हें पार्टी में शामिल हुए 2 दिन भी नहीं हुए थे। इससे शक तो होता ही है। इसके बाद जो हुआ उससे शक और भी गहरा गया है।
बता दें कि AAP के उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद आम आदमी पार्टी के ही बदरपुर से विधायक रहे एनडी शर्मा ने इस विधानसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया। एनडी शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि, “सिसोदिया ने मुझे अपने घर पर बुलाया और कहा कि राम सिंह इस क्षेत्र से टिकट चाहते हैं और वो 20-21 करोड़ रुपये दे रहे हैं। सिसोदिया ने मुझसे दस करोड़ मांगे और कहा कि तुम 10 करोड़ दे दो तो तुम्हें टिकट देंगे। मैंने मना कर दिया और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।” राम सिंह वही है जो 24 घंटे पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। इन सभी घटनाक्रमों को देखें तो स्पष्ट रूप से टिकट बंटवारे में रुपयों का खेल नजर आ रहा है। अरविंद केजरीवाल के अंदर इस प्रकार के बदलाव को देखकर यह कहा जा सकता है कि वे भी अब बहुजन समाज पार्टी यानि बसपा की राह पर चल रहे हैं।