असम में 3 लाख ‘घोस्ट चिल्ड्रेन’ मिलने पर राज्य सरकार ने लिया कांग्रेस को आड़े हाथ

असम

कांग्रेस की सरकार बने और भ्रष्टाचार न हो ऐसा कैसे हो सकता है? यही अब नॉर्थ ईस्ट में देखने को मिल रहा है। असम के सरकारी स्कूलों में तीन लाख ऐसे फर्जी विद्यार्थियों का पता चला है जिनका पंजीकरण तो हुआ, लेकिन वह आज तक स्कूल नहीं गए। मतलब रजिस्टर में बच्चों के नाम पर रुपया निकाला जा रहा है लेकिन रुपया बच्चों के पास नहीं बल्कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के नेताओं के जेब में गया है।

दरअसल, सोमवार को जारी किए गए सरकारी दस्तावेजों में यह बात सामने आई कि राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान यह सब गोलमाल हुआ।

यह खुलासा जनता भवन में समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान हुआ जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल कर रहे थे। शिक्षा डिपार्टमेन्ट के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि 3 लाख 12 हजार से अधिक फर्जी विद्यार्थियों का आंकड़ा सामने आया। मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जो भी इसमें आरोपी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार 2018-19 के दौरान राज्य में शैक्षणिक सत्र के लिए कक्षा एक से बारहवीं तक 46,69,970 बच्चों का पंजीकरण हुआ जबकि साल 2016-17 में यह आंकड़ा 49,82,180 था। यही नहीं इन 3 लाख से अधिक बच्चे जो वास्तव में थे ही नहीं, उनको मिलने वाली किताब, मिड डे मील और यूनिफार्म के लिए सरकारी पैसे निकाले गए।

बता दें कि वर्ष 2016 में हुए असम विधानसभा चुनावों को जीत कर भाजपा गठबंधन ने इतिहास रचते हुए पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सरकार बनाई थी। तब से भाजपा के सर्वानंद सोनोवाल असम का नेतृत्व कर रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस की सरकार जब केंद्र में थी तब मनरेगा जैसी अहम केंद्रीय योजना में एक करोड़ से ज्यादा जॉब कार्ड फर्जी पाये गये थे, जिन्हें रद्द कर दिया गया था।

यही नहीं हाल में कांग्रेस की मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के कर्ज माफी में भी इसी तरह का फर्जी नामों पर घोटाले किए गए थे। 1143 किसानों के नाम पर 5.5 करोड़ का लोन निकाल लिए गए लेकिन इनमें से 300 किसानों के पते मिले ही नहीं।

कांग्रेस की यह पुरानी नीति रही है कि कैसे भ्रष्टाचार कर लोगों के रुपए अपने जेब भरी जाए। अभी हाल ही में कांग्रेस की एक मंत्री को यह कहते सुना गया था कि अभी तो हम सत्ता में आए हैं, जेब गरम होने दीजिये। महाराष्ट्र कांग्रेस की एक विधायक हैं यशोमति ठाकुर। उन्होंने यह तक कहा कि, ‘‘आप सभी को पता है कि पहले हर तरह के खेल खेले जा चुके हैं। पहले हमारी सरकार नहीं थी और अब जब हमनें शपथ ले ली है, लेकिन अब तक अपनी जेब नहीं भरी है। विपक्ष के लोगों के पास बहुत पैसे हैं और उनकी जेब बहुत गहरी है। अगर वो आपके घर पैसे देने आएं तो उन्हें ना नहीं करना। घर आई लक्ष्मी को ना कौन कहता है, लेकिन वोट पंजे को देना।”

बता दें कि कांग्रेस 2004 से 2014 तक केंद्र और राज्य स्तर पर इतने भ्रष्टाचार कर चुकी है कि गिनते गिनते दिन निकल जायेंगे पर लिस्ट खत्म नहीं होगी। हाल ही में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम भी भ्रष्टाचार के ही मामले में में ही गिरफ्तार हुए थे।

इस पुरानी पार्टी की जनता के धन से अपनी जेब गर्म करना और फिर जनता को बेवकूफ बनाने की परंपरा पुरानी रही है, लेकिन अब जमाना बदल चुका है। देश अब डिजिटल हो चुका है और किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा तुरंत सभी के सामने आ जाता है।

Exit mobile version