पहले 370 पर दो फाड़, अब CAA पर पार्टी में घमासान, कांग्रेस के हाईकमान और क्षेत्रीय नेताओं के बीच फिर ठनी

गोवा

PC: Daily Hunt

अनुच्छेद 370 पर छिड़े पार्टी के अंदर घमासान के बाद अब लगता है कि CAA पर भी कांग्रेस के अंदर दो फाड़ हो गयी है। दरअसल, CAA के समर्थन में अब गोवा राज्य कांग्रेस इकाई के चार बड़े नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पणजी कांग्रेस ब्लॉक समिति के अध्यक्ष प्रसाद अमोनकर, उत्तर गोवा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ प्रमुख जावेद शेख, ब्लॉक समिति सचिव दिनेश कुबल और नेता शिवराज तारकर ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कहा कि वे सीएए का समर्थन करते हैं, और कांग्रेस CAA के नाम पर अल्पसंख्यकों को बरगलाने का काम कर रही है।

इन नेताओं ने बाद में सामने आकर कहा कि पहले वो भी CAA के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे थे, लेकिन अब उन्हें आभास हो चुका है कि कांग्रेस लोगों को भटकाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा “हम सीएए और एनआरसी पर कांग्रेस के गलत रुख का विरोध करते हैं। विपक्ष के रूप में हमें केवल विरोध के लिए विरोध करने की नहीं, बल्कि समालोचना करने की आवश्कता है। नागरिकता संशोधन विधेयक का स्वागत किया जाना चाहिए कांग्रेस को लोगों को राजनीतिक लाभ के लिए गुमराह करना और अल्पसंख्यकों के मन में भय पैदा करना बंद करना चाहिए”।

उन्होंने आगे कहा, “हम सीएए एवं एनआरसी के खिलाफ पिछले सप्ताह हुए कांग्रेस के विरोध का हिस्सा थे, लेकिन हमें एहसास हुआ कि नेता अपने भाषणों से अल्पसंख्यकों के मन में भय पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। गोवा एक शांतिप्रिय राज्य है और कांग्रेस अल्पसंख्यकों को भड़काने की कोशिश कर रही है”। साथ ही इन कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि सीएए को लोकतांत्रिक तरीके से लागू किया गया है। बता दें कि CAA पर कांग्रेस नेताओं में मतभेद से फिर एक बार स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस हाईकमान सभी नेताओं को साथ लेकर चल पाने में अक्षम हो चुका है, जिसकी वजह से अक्सर पार्टी के नेताओं के बयानों में विरोधाभास देखने को मिलता रहता है। अनुच्छेद 370 हटाने के मुद्दे पर भी कांग्रेस में हमें ऐसे ही देखने को मिला था। एक तरफ जहां केंद्रीय हाईकमान एकमुश्त होकर केंद्र सरकार के उस फैसले का विरोध कर रहा था, तो वहीं मिलिंद देवड़ा, अदिति सिंह, दीपेन्द्र सिंह हुड्डा और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े क्षेत्रीय कांग्रेसी नेताओं ने खुलकर सरकार के इस फैसले का समर्थन किया था।

 

इसी के साथ-साथ अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर कांग्रेस के कई नेताओं ने इस्तीफा भी दे दिया था। असम से कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के चीफ व्हिप भुवनेश्वर कलिता ने तब अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। तब सोशल मीडिया पर कलिता के नाम से एक पत्र वायरल हुआ था जिसमें दावा किया गया था कि कांग्रेस ने उन्हें कश्मीर मुद्दे पर व्हिप जारी करने को कहा था। वायरल पत्र में लिखा था, ‘कांग्रेस ने मुझे कश्मीर मुद्दे पर व्हिप जारी करने को कहा है लेकिन सच्चाई यह है कि देश का मिजाज़ अब बदल चुका है और ये व्हिप जनभावना के खिलाफ है’।

यह दर्शाता है कि कांग्रेस हाईकमान जनता की आवाज़ को नकारकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में विश्वास रखता है। जनता के विचारों से अलग हटकर ख्याली पुलाव पकाने का ही यह नतीजा है कि कांग्रेस के उच्च नेतृत्व को अपने ही दल के क्षेत्रीय नेताओं से विरोध झेलने को मिलता है। अगर कांग्रेस को केंद्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण और गंभीर बने रहना है, तो उसे देश से जुड़े मुद्दों पर जनता की राय के परस्पर ही कदम उठाने चाहिए।

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