वामपंथी बुद्धिजीवियों की दृष्टि में ‘उभरता सितारा’ माने जाने वाली महुआ मोइत्रा की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। उन पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ज़ी मीडिया द्वारा लगाए मानहानि के केस में मुकदमा चलाने की स्वीकृति दे दी है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करते हुए आईपीसी की धारा 499 और 500 के अंतर्गत नामजद किया है। इस दौरान जज विशाल पाहूजा ने महुआ मोइत्रा की दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनकी बातों को इस स्टेज पर नहीं सुना जा सकता।
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ज़ी मीडिया की ओर से मुकदमा लड़ रहे अधिवक्ता विजय अग्रवाल की याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने कहा कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ इतने साक्ष्य तो अवश्य हैं कि उन्हें ट्रायल पर डाला जाये। अपराध सिद्ध होने पर आपराधिक मानहानि के लिए कारावास की सजा हो सकती है , जिसकी अवधि अधिकतम 2 साल की हो सकती है।
बता दें कि ज़ी मीडिया ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ चैनल और चैनल के मालिक के खिलाफ मानिहानिकारक शब्दों का इस्तेमाल कर चैनल की प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाने का आरोप लगाया है। महुआ के खिलाफ अपनी शिकायत में कंपनी ने कहा था, “3 जुलाई को, मोइत्रा ने कंपनी के खिलाफ मानहानिकारक बयान दिए, जिसमें उन्होंने जानबूझकर कई बार ओछे, गलत, मानहानिकारक बयान दिए।”
इसी परिप्रेक्ष्य में दिल्ली कोर्ट ने मोइत्रा को 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर ज़मानत दी थी। अपने विरुद्ध जारी किए गए समन के संबंध में महुआ एक बार न्यायालय भी जा चुकी हैं। जब कोर्ट ने दोनों पक्षों से पूछा कि क्या सुलह का कोई विकल्प है, तो इससे साफ इंकार करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा था कि ऐसा ही एक ‘अहम’ केस एक अन्य कोर्ट में पहले ही चल रहा है। तब तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा दायर मानहानि के मामले में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रीति परेवा की अदालत ने ज़ी न्यूज़ के सुधीर चौधरी को समन जारी किया था। आदेश के अनुसार, सुधीर चौधरी को 29 जनवरी, 2020 को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया है।
Delhi Court summons Sudhir Chaudhary in criminal defamation case by Mahua Moitra@sudhirchaudhary @MahuaMoitra https://t.co/U7vZHbHtDt
— Bar and Bench (@barandbench) November 4, 2019
परंतु ऐसा पहली बार नहीं है जब ज़ी मीडिया और टीएमसी सांसद आमने-सामने आये हों। मोइत्रा के 25 जून 2018 को संसद में ‘फासीवाद के सात संकेतों’ पर भाषण को सुधीर चौधरी ने अपने चर्चित शो ‘डीएनए’ में बताया था कि कैसे ये भाषण ओरिजनल न होकर एक अमेरिकी वेबसाइट से उठाया गया था। इसके खिलाफ महुआ ने पहले पार्लियामेंट में विशेषाधिकार प्रस्ताव पारित कराने का प्रयास किया, और फिर सुधीर चौधरी के विरुद्ध आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
इससे पहले भी तृणमूल कांग्रेस ने सुधीर चौधरी को निष्पक्षता से खबरें दिखाने के लिए आड़े हाथों लेने का प्रयास किया था। यदि आप को स्मरण न हो, तो 2016 में बंगाल में दंगाइयों ने धूलागढ़ में खूब उत्पात मचाया, पर ममता बनर्जी ने मानो प्रेस के मुंह पर ताला लगवा दिया था। ऐसे में सुधीर चौधरी अकेले ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने ज़ी न्यूज़ के जरिये इस घटना को सामने लाने का प्रयास किया था, जिसके लिए उनपर बंगाल पुलिस ने एफ़आईआर भी दर्ज़ की थी।
अब जब महुआ मोइत्रा को पासा उल्टा पड़ता दिखाई दिया, तो उन्होंने अपने विरुद्ध मुकदमा रद्द कराने का प्रयास किया, पर इस बार ज़ी मीडिया और सुधीर चौधरी उन्हें बख़्श देने के मूड में तो बिलकुल नहीं हैं। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को उन्हीं की भाषा में करारा जवाब मिला है, और हमें आशा है कि न्यायालय इस मामले में जल्द ही न्याय करेगी।