फर्रुखाबाद बंधक ऑपरेशन: यूपी पुलिस ने फ़िल्मी तरीके से एक सनकी के कब्जे से छुड़ाये 23 बच्चों

ये है रियल लाइफ की एकदम फ़िल्मी स्टोरी, 23 मासूम और 1 सनकी और हीरो यूपी पुलिस

फर्रुखाबाद

(PC: The Indian Express)

एक बेहद ही उम्दा रेस्क्यू मिशन में उत्तर प्रदेश पुलिस और एनएसजी कमांडोज़ की एक संयुक्त टीम ने एक गुंडे के चंगुल से 23 बच्चों को सकुशल बचाने में सफलता पायी। फर्रुखाबाद में एक अभियुक्त सुभाष बाथम द्वारा 23 बच्चों को बंधक बनाए जाने के नौ घंटे बाद उसे न केवल एक एंकाउंटर में सफलतापूर्वक मार गिराया गया, अपितु सभी 23 बच्चों को सकुशल बाहर निकला  लिया गया।

बता दें कि अभियुक्त एक हत्या के केस में दोषी पाया गया था और उम्रकैद की सज़ा में जेल गया था। हाल ही में वह जमानत पर बाहर आया था और उसने 23 बच्चों को जन्मदिन मनाने के बहाने अपने घर बुलाया था। जैसे ही स्थानीय लोगों को आभास हुआ कि बच्चों को बंधक बनाया गया है, तुरंत पुलिस को बुलाया गया। 5 बजे के करीब सुभाष बाथम ने घर के अंदर से फायरिंग की, जिसके कारण एक राहगीर और एक पुलिस कर्मचारी घायल हो गया था।

तद्पश्चात पुलिस अधीक्षक एवं डीएम भी घटनास्थल पर पहुँच गए। सात घंटों तक अपराधी को बाहर निकालने की असफल कोशिश के बाद अपराधी बाथम ने एक छह महीने की बच्ची को बालकनी के रास्ते एक पड़ोसी को सौंपा। शुक्रवार को सुबह 1 बजे स्थानीय लोगों ने बाथम के घर पर धावा बोल दिया और उसका सामने का दरवाजा तोड़ने में सफलता पायी। पुलिस ने जैसे ही घर में कदम रखा, बाथम ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

फायरिंग के दौरान सुभाष ने पुलिस पर एक हैंड ग्रेनेड भी फेंका, जिसके कारण दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। जैसे ही सुभाष ने पूरे घर को उड़ाने की धमकी दी जिससे सभी डर गये। हालात ऐसे बने की NSG तक को बुलाने की नौबत आ गई, लेकिन इससे पहले कि NSG मौके पर पहुंचती यूपी पुलिस ने ऑपेरशन बंधक को सफलतापूर्वक अपने अंजाम तक पहुंचा दिया। यूपी पुलिस ने सुभाष बाथम का एनकाउंटर कर सभी 23 बच्चों को सुरक्षित बचा लिया। परंतु इस पसोपेश में दुर्भाग्यवश सुभाष बाथम की पत्नी घायल हो गयी जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बीच बचाव कर उसे किसी तरह अस्पताल पहुंचाया, जहां बाथम की पत्नी ने दम तोड़ दिया।

पुलिस द्वारा इस तरह से स्थिति संभालने के लिए स्वयं गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रशंसा की। उन्होने ट्वीट किया, “उत्तर प्रदेश के फ़र्रूख़ाबाद में बंधक बनाये सभी बच्चों को पुलिस द्वारा अपनी कुशल रणनीति व योजना से सुरक्षित छुड़वाना प्रशंसनीय है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और उत्तर प्रदेश पुलिस को बधाई देता हूँ” –

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बंधक समस्या की खबर मिलते ही योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें मुख्य सेक्रेटरी, प्रिन्सिपल सेक्रेटरी [होम], डीजीपी, एडीजीपी लॉं एंड ऑर्डर भी उपस्थित थे। एक विशेष एयरक्राफ्ट द्वारा एनएसजी कमांडो भी फर्रुखाबाद बुलाये गए थे, ताकि समस्या का त्वरित निस्तारण हो –

यही नहीं, योगी आदित्यनाथ ने ऑपरेशन बंधक के लिए यूपी पुलिस की टीम को 10 लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा भी की। यूपी के अतिरिक्त मुख्य सेक्रेटरी अवनीश के अवस्थी के अनुसार, “जिन लोगों ने भी इस ऑपरेशन में भाग लिया है, उन सबको प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।

जिस तरह से यूपी पुलिस और योगी सरकार ने ऐसे संवेदनशील में एक परिपक्व और त्वरित निर्णय लिया है, उसकी चारों ओर प्रशंसा की जा रही है। हमलावर द्वारा ग्रेनेड फेंके जाने पर भी पुलिस जिस तरह से डटी रही, उसे भी उचित कवरेज दी जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि आजकल उसकी इतनी प्रशंसा आखिर क्यों की जा रही है।

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