‘मराठा संस्कृति’ का मजाक उड़ाने के लिए अक्षय कुमार के खिलाफ FIR दर्ज

अक्षय कुमार

बॉलीवुड के मौसमी देशभक्त- अक्षय कुमार, जो राष्ट्रवाद को बेचकर अपनी जेब भरने में विश्वास रखते हैं, वे फिर से विवादों में घिर गए हैं। कारण है एक विज्ञापन! विज्ञापन से कैसे स्टार्स पैसा और पब्लिसिटी दोनों कमाते हैं, इसी का एक उदाहरण देख लीजिये! अक्षय कुमार ने निर्मा वॉशिंग पाउडर के लिए एक विज्ञापन किया जिसमें उन्होंने एक मराठा योद्धा का रोल निभाया। वो रणभूमि से आते हैं और उनका महारानी स्वागत करती हैं। लेकीन ये क्या! महारानी को मराठा योद्धा के मैले कपड़े बिल्कुल नहीं भाते और वो यह सोचकर दुखी हो जाती है कि अब उन्हें ही ये मैले कपड़े धोने पड़ेंगे।

इसके बाद मराठा योद्धा कहते हैं कि वे दुश्मनों के साथ-साथ कपड़ों की धुलाई करना भी जानते हैं और इसलिए वे कपड़ों को खुद निर्मा से धोएंगे, जिसके बाद महारानी खुश हो जाती है। महारानी तो खुश हो गयी, लेकिन इस एड को देखने के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स भड़क गए। ट्विटर पर हैशटैग बॉयकॉट निर्मा ट्रेंड करने लगा , और यूजर्स ने आरोप लगाया कि इस एड में मराठा योद्धाओं का अपमान किया गया है।

अब अक्षय कुमार के खिलाफ मुंबई के वर्ली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अक्षय ने मराठा संस्कृति का मजाक उड़ाया है और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इसके अलावा अक्षय कुमार से माफी मांगने को भी कहा जा रहा है।

अक्षय कुमार इससे पहले भी हिन्दू विरोध के लिए सुर्खियों में आए थे। दरअसल, अक्षय कुमार की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘गुड न्यूज़’ का दूसरा ट्रेलर रिलीज़ हुआ था और इसी ट्रेलर के एक डायलॉग में अक्षय कुमार ने भगवान राम का अपमान किया था। इस ट्रेलर में एक किरदार ने कहा कि “नाना जी का नाम राम था और ये होली के दिन पैदा हुआ था इसलिए इसका नाम होलाराम रख दिया। इसके बाद अक्षय कुमार बोलते है कि अच्छा हुआ लोहड़ी के दिन पैदा नहीं हुआ नहीं तो इसका नाम तो..” इस आपत्तिजनक संवाद के लिए सोशल मीडिया पर अक्षय की जमकर आलोचना की गयी है, और ट्विटर पर कुछ समय के लिए #AkshayAbusesLordRama भी ट्रेंड कर रहा था। इसके बाद लोगों ने उनके खिलाफ मुहिम चलाई थी और इस फिल्म का बहिष्कार करने की अपील की थी।

परंतु हम भूल रहे हैं हैं कि अक्षय कुमार एक अवसरवादी व्यक्ति से ज़्यादा कुछ नहीं है। नकली राष्ट्रवादिता के जिस स्कूल में जॉन एब्राहम ने हाल ही में दाखिला लिया था, उस स्कूल के पीएचडी गोल्ड मेडलिस्ट हैं अक्षय कुमार। 2014 में सत्ता परिवर्तन होते ही अक्षय कुमार के प्रोफाइल में ज़बरदस्त बदलाव आया और उन्होंने देशभक्ति से संबन्धित फिल्मों पर ध्यान देना शुरू कर दिया। हॉलिडे, बेबी, गब्बर इस बैक, एयरलिफ्ट, रुस्तम, जॉली एलएलबी 2, नाम शबाना, टॉयलेट एक प्रेम कथा, गोल्ड, मिशन मंगल, केसरी इत्यादि जैसी कई फिल्में अब अक्षय कुमार के प्रोफाइल से निकलने लगी, जहां वे अपने आप को एक आदर्श देशभक्त के तौर पर प्रस्तुत करते थे। आने वाले वर्ष 2020 में वे जहां सूर्यवंशी में एक परिपक्व पुलिस अफसर की भूमिका निभाएंगे, तो वहीं पृथ्वीराज में वीर राजपूत योद्धा और हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की भूमिका निभाएंगे।

परंतु इससे पहले अक्षय कुमार का प्रोफाइल ऐसा बिलकुल भी नहीं था। 2014 से पहले उनकी जितनी भी फिल्में थी, वो या तो एक्शन आधारित होती थी, या ऊटपटांग कॉमेडी से भरी हुई होती थी। आज जो अक्षय कुमार आदर्शवाद और देशभक्ति का राग अलापते हैं, वे किसी समय ‘भागम भाग’, ‘गरम मसाला’, ‘हे बेबी’, ‘तीस मार खान’, ‘देसी बॉयज’, ‘हाउसफुल 2’ जैसी ऊटपटांग, द्विअर्थी कॉमेडी फिल्में भी करते थे। जॉन एब्राहम के साथ तो उन्होंने ‘गरम मसाला’ और देसी बॉयज़’ जैसे द्विअर्थी फिल्मों में फूहड़ता की पराकाष्ठा ही पार कर दी थी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि अक्षय कुमार एक अवसरवादी एक्टर हैं जिन्हें सिर्फ पैसे से मतलब है। मराठा संस्कृति का अपमान कर इन्होंने फिर ये साबित कर दिया है।

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