मलेशिया भारत की मीडिया में सुर्खियों में तभी से बना हुआ है जब मलेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद ने पिछले वर्ष यूएन जनरल असेंबली में खड़े होकर कश्मीर मुद्दे पर भारत की आलोचना की थी। इसके बाद मलेशिया को सबक सिखाने के लिए भारत ने इस देश से पाम ऑयल इंपोर्ट को सीमित कर दिया था। तब रोईटर्स ने एक खबर निकाली थी कि भारत मलेशिया से आयात होने वाले पाम ऑयल पर प्रतिबंध लगा सकता है। इसके बाद भारतीय ऑयल रिफाइनर्स ने मलेशिया के पाम ऑयल को खरीदने से इंकार कर दिया था, जिसके कारण मलेशिया की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा था।
अब लगता है भारत सरकार मलेशिया पर एक और बड़ा प्रहार करने की योजना बना रही है, और इसका असर पहले के मुक़ाबले और ज़्यादा गहरा हो सकता है। दरअसल, भारत सरकार ने अब अपने ऑयल रिफाइनर्स से कहा है कि वे मलेशिया के Palm Oil का बहिष्कार कर दें। इसका सीधा असर यह होगा कि मलेशिया में पाम ऑयल का भंडार बढ़ जाएगा और इससे उसकी अर्थव्यवस्था पर सबसे बड़ा प्रहार होगा।
कश्मीर पर तो मलेशिया के प्रधानमंत्री के बयानों को आपने सुना ही होगा। उन्होंने कहा था कि भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर कश्मीर पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद CAA यानि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ भी महातिर ने बेतुका बयान दिया था। उन्होंने कहा था “मैं ये देखकर दुखी हूं कि जो भारत अपने आप को सेक्युलर देश होने का दावा करता है, वो कुछ मुसलमानों की नागरिकता छीनने के लिए क़दम उठा रहा है। अगर हम यहां ऐसे करें, तो मुझे पता नहीं है कि क्या होगा। हर तरफ़ अफ़रा-तफ़री और अस्थिरता होगी और हर कोई प्रभावित होगा”।
बता दें कि भारत प्रतिवर्ष 90 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है और जिन देशों से भारत आयात करता है उसमें मलेशिया और इंडोनेशिया प्रमुख हैं। इसी ऑयल के आयात को भारत सरकार मलेशिया से हटकर अब इंडोनेशिया पर केन्द्रित करने पर विचार कर रही है। पिछले वर्ष सितंबर में भारत ने मलेशिया से आयात होने वाले पाम ऑयल पर इम्पोर्ट ड्यूटी को 5 प्रतिशत बढ़ा दिया था, जिसके बाद भारतीय रिफाइनर्स ने मलेशिया से आयात होने वाले Palm Oil का बहिष्कार कर दिया था। इससे लगभग 3 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाली मलेशिया की पाम ऑयल इंडस्ट्री को गहरा धक्का पहुंचा था। भारत मलेशिया से बहुत बड़ी मात्रा में पाम ऑयल इम्पोर्ट करता है, और ऐसे में जब भारतीय आयातकों ने मलेशियन Palm Oil का इम्पोर्ट बंद किया तो मलेशिया को इससे बड़ी तकलीफ पहुंची थी। अब भारत मलेशिया को दोबारा इस तकलीफ को महसूस कराना चाहता है।
मलेशिया और भारत के रिश्ते वैसे तो अच्छे ही रहे हैं, लेकिन जब से 94 वर्ष के महातिर मोहम्मद देश के प्रधानमंत्री बने हैं, तभी से मलेशिया और भारत के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। पहले कश्मीर और फिर CAA, भारत के खिलाफ बेतुके बयान देने की वजह से मलेशिया की मीडिया और लोग भी अपने प्रधानमंत्री की जमकर आलोचना कर रहे हैं। हालांकि, अब महातिर के बेवकूफाना बयानों की मार मलेशिया की आम जनता को झेलनी पड़ेगी, और इसलिए यही अच्छा होगा कि मलेशिया के लोग जल्द से जल्द इस बूढ़े प्रधानमंत्री से छुटकारा पा लें।