CAA और कश्मीर पर बेतुकी बयानबाजी को लेकर भारत मलेशिया के पाम ऑयल पर पहले ही बैन लगा चुका है, जिससे मलेशिया की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगना तय माना जा रहा है। हालांकि, इसके बावजूद मलेशिया के 94 वर्षीय प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद नई दिल्ली को ललकारने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने कल कहा “हम भारत द्वारा पाम ऑयल पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि वह हमारा एक बड़ा ग्राहक था। हालांकि, बेबाकी से बोलें तो हमें चीजों पर नजर रखनी होगी और कहीं कुछ गलत हो रहा है तो बोलना भी होगा”।
मलेशिया के इस रुख को देखते हुए अब भारत भी मलेशिया को पूरी तरह सबक सिखाने की तैयारी में दिखाई दे रहा है। भारत ने अब पाम ऑयल के बाद Malaysiaसे इम्पोर्ट होने वाली अन्य चीज़ें जैसे micro-processor को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कस्टम अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे Malaysia से आयात होने वाले माइक्रो प्रोसेसर्स की क्वॉलिटी कंट्रोल पर कड़ी नजर रखें। इन चिपों का प्रयोग टेलिकॉम डिवाइसों को बनाने में होता है। बता दें कि Malaysia से आयात होने वाली माइक्रो प्रोसेसर्स चिप को भारत टेक्निकल ग्राउंड्स पर बैन करने पर विचार कर रहा है।
बता दें कि माइक्रो प्रोसेसर के साथ ही भारत द्वारा तांबा, एलुमिनियम वायर कंप्यूटर और टेलीकॉम प्रोडक्ट, टरबोजेट और लिक्विड नेचुरल गैस पर भी कंट्रोल लगाने की पूरी तैयारी है। अगर भारत इन सब चीजों के आयात पर भी रोक लगाता है, तो मलेशिया की अर्थव्यवस्था को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। भारत पहले ही पाम ऑयल के आयात को सीमित कर Malaysia की अर्थव्यवस्था की नींव हिला चुका है। मलेशियाई अर्थव्यवस्था में पाम ऑयल का बड़ा योगदान है। ऐसे में मलेशिया के बाजारों में भारत द्वारा पाम ऑयल पर प्रतिबंध लगाने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। मलेशिया के व्यापारियों को भारत का बड़ा बाजार न मिलने से नुकसान हो रहा है। कई व्यापारियों ने इसको लेकर अपने प्रधानमंत्री की आलोचना भी की है। इसके अलावा मलेशिया के दो प्रांतों के प्रमुखों ने भी महातिर मोहम्मद के रूख को लेकर उनकी सार्वजनिक आलोचना की है।
मलेशिया से पाम ऑयल इम्पोर्ट करने से भारत पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि भारत को इंडोनेशिया पाम ऑयल एक्सपोर्ट करने को इच्छुक है। इसके अलावा भारत अर्जेन्टीना से सोया तेल और यूक्रेन से सूरजमुखी तेल इम्पोर्ट कर सकता है।
मलेशिया और भारत के रिश्ते वैसे तो अच्छे ही रहे हैं, लेकिन जब से 94 वर्ष के महातिर मोहम्मद देश के प्रधानमंत्री बने हैं, तभी से Malaysia और भारत के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। पहले कश्मीर और फिर CAA, भारत के खिलाफ बेतुके बयान देने की वजह से मलेशिया की मीडिया और लोग भी अपने प्रधानमंत्री की जमकर आलोचना कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर के कारण पहले ही Malaysia की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा है और ऐसे में मलेशिया के पीएम द्वारा भारत के खिलाफ बयान देना इस देश को आर्थिक आपातकाल के मुहाने पर खड़ा कर सकता है। अब महातिर मोहम्मद के बेवकूफाना बयानों की मार मलेशिया की आम जनता को झेलनी पड़ेगी, और इसलिए यही अच्छा होगा कि मलेशिया के लोग जल्द से जल्द इस बूढ़े प्रधानमंत्री से छुटकारा पा लें।