उमर अब्दुल्ला ने दाढ़ी क्या बढ़ाई, लिबरल तो खून के आँसू बहाने लगे

उमर अब्दुल्ला

आजकल एक फोटो ने इंटरनेट पर धूम मचा रखा है। उस फोटो को देख कर एक धड़ा देख कर खुश है तो वहीं लिबरल धड़ा पूरी तरह से खून के आँसू रो रहा है। यह फोटो है जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की। आमतौर पर clean shaved रहने वाले उमर उस फोटो में मौलनाओं की भांति ढाढ़ी बढ़ाए हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर में वह नीले रंग की जैकेट पहने हुए हैं जिस पर बर्फ पड़ी है. काली-सफेद दाढ़ी में दिख रहे अब्दुल्ला मुस्कुरा रहे हैं। उन्हें देख कर ऐसा लग रहा है कि उन्हें कई दिनों के नहाया भी नहीं है और trimmer तो उन्हें दिया ही नहीं गया है।

इस फोटो के आते ही लिबरल अपनी छाती पीट कर रोने लगे और यह दिखाने की कोशिश में जुट गए कि यह केंद्र सरकार की ज्यादती है जिसके कारण एक पूर्व मुख्यमंत्री की यह हालत हो गयी है। बता दें कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद 5 अगस्त 2019 को उन्हें नजरबंद किया गया था। हाल ही में उमर अब्दुल्ला को हरिनिवास पैलेस से श्रीनगर के गुप्कार रोड पर सरकारी बंगले एम-4 में शिफ्ट किया गया था। अधिकारियों ने उन्हें हरिनिवास से इसलिए शिफ्ट किया था क्योंकि वहां हीटिंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी।

लिबरल गैंग ने उनके नजरबंदी को गैरकानूनी और अनैतिक करार देते हुए लोगों को गुमराह करने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। लिबरल उनकी बढ़ी हुई ढाढ़ी को दिखाकर यह बताने की कोशिश कर रहें हैं कि वह जिस इस हवेली के अंदर राजसी सुविधाओं का आनंद लेते हैं, वहाँ उन्हें एक ट्रिमर भी नहीं दिया जाता था। अगर ऐसा है कि इतनी बड़ी हवेली में रहने के बाद भी उन्हें trimmer नहीं दिया जाता है तो केंद्र सरकार को एक high level committee बनानी चाहिए जो यह जांच करे कि उन्हें trimmer क्यों नहीं दी गयी और उन्हें trimmer दिया जाना चाहिए।

उमर अब्दुल्ला की फोटो पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर लिखा, “मैं इस तस्वीर में उमर को नहीं पहचान सकी। मुझे दुख हो रहा है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह हमारे लोकतांत्रिक देश में हो रहा है। यह कब खत्म होगा।”

आश्चर्य है कि अब एक व्यक्ति के बढ़ी हुई दाढ़ी पर लोकतंत्र का निर्णय किया जा रहा है। इनके तर्कों को तो देख कर यही लग रहा है कि इनके लोकतंत्र की परिभाषा भी इनके प्रोपोगेंडा जितना ही छिछला है।

प्रोपोगेंडा की दुकान सबा नकवी ने भी इस पर अफसोस जताया, कहा कि भारत ने इस चित्र के साथ ही दुनिया में अपना नैतिक मूल्य खो दिया है।

 

वहीं, NDTV की एक अन्य लिबरल सोनिया सिंह ने लिखा, “यह एक चौंकाने वाली तस्वीर है। नैतिक रूप से और कानूनी तौर पर 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों और कई अन्य लोगों को नजरबंदी में रखना गलत है, जिनमें to एक IAS टॉपर भी शामिल है। इसका कोई justification नहीं है।”

सभी लिबरल गैंग के मेंबर्स उमर अब्दुल्ला के इस तस्वीर पर इतना हँगामा कर कश्मीर के नाम पर रोना रो रहे हैं। पर जम्मू कश्मीर की जनता को पता है कि जब तक secularism का चोला पहनना था तब तक वे clean shaved रहे और जब उन्होंने देखा कि प्रासंगिक रहने के लिए अब अपने वास्तविक रूप में आने की सिवाय कोई रास्ता नहीं है तब उन्होंने मौलनाओं वाला रूप बना लिया और ऐसे दिखाने लगे जैसे उन पर कितना जुल्म किया गया है। जम्मू कश्मीर के हालात अब बदल चुके है और जम्मू कश्मीर में अब इंटरनेट सेवा भी बहाल कर दी गयी है। जनता को भी यह पता है कैसे अब्दुल्ला और मुफ़्ती परिवार ने शासन में रहने के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों का खून पसीने की कमाई उड़ा चुके हैं इसलिए वह इस प्रकार का ढोंग कर रहे हैं और उनके साथ लिबरल गैंग भी है जिसने अभी भी कश्मीर पर अपना विलाप नहीं छोड़ा है।

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