भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाले पूर्व बैडमिंटन प्लेयर और वर्तमान भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच पुल्लेला गोपीचन्द ने हाल ही में एक पुस्तक ‘ड्रीम्स ऑफ अ बिलियन: इंडिया एट द ओलंपिक गेम्स’ का विमोचन किया है, जिसमें उन्होंने अपने करियर के बारे में कई अहम बातें साझा की। परंतु कई लोग हैरान हुए जब उन्होंने खुलासा किया कि उनके सबसे उम्दा शिष्यों में से एक साइना नेहवाल को उनके अकादेमी से बाहर जाने के पीछे मुख्य कारण कोई और नहीं, बल्कि पूर्व बैडमिंटन चैम्पियन प्रकाश पादुकोण थे।
प्रख्यात स्पोर्ट्स पत्रकार बोरिया मजूमदार के साथ मिलकर लिखे गए इस किताब के एक चैप्टर ‘बिटर राइवलरी’ में पुल्लेला गोपीचन्द बताते हैं कि क्यों उन्हें साइना नेहवाल का अकादेमी छोड़ना बहुत खला था। वे आज भी नहीं समझ पाये कि आखिर प्रकाश पादुकोण उनके लिए कभी सकारात्मक बात क्यों नहीं कहत थे। बता दें कि साइना नेहवाल ने 2014 के बीडबल्यूएफ़ विश्व चैंपियनशिप के पश्चात गोपीचन्द की अकादेमी छोड़कर प्रकाश पादुकोण की अकादेमी जॉइन की, जहां उनके कोच यू विमल कुमार थे।
चैप्टर में गोपीचन्द के अनुसार, “ऐसा लग रहा था कि मेरी सबसे प्रिय चीजों में से एक मुझसे छीनी जा रही थी। मैंने साइना से न जाने की लगभग भीख मांग ली थी। पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी, और वे उन लोगों [प्रकाश पादुकोण अकादेमी] के झांसे में आ चुकी थीं। मैं उसके विकास में बाधा नहीं बन सकता था, परंतु मैं यह भी जानता था कि यह निर्णय न मेरे लिए सही है और न ही साइना के लिए”।
कुछ ही वर्षों में पुल्लेला गोपीचन्द की भविष्यवाणी सच सिद्ध हुई। विमल कुमार के सानिध्य में साइना ने भले ही 2015 बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता, परंतु रियो ओलंपिक में वे अप्रत्याशित रूप से पहले ही राउंड में हार कर बाहर हो गयीं। उधर पीवी सिंधू ने न केवल विश्व चैंपियनशिप में पदक पर पदक जीतती गयीं, बल्कि रियो ओलंपिक में रजत पदक भी जीता। फिर पिछले ही वर्ष बीडबल्यूएफ़ विश्व चैंपियनशिप में अपने फ़ाइनल फोबिया पर काबू पाते हुए भारत को पहली बार स्वर्ण पदक जिताया।
गोपीचन्द ने प्रकाश पादुकोण को आड़े हाथों लेते हुए लिखा, “शायद विरेन [अकादेमी के संचालकों में से एक और पूर्व हॉकी प्लेयर विरेन रासकिन्हा] या विमल या प्रकाश सर को उससे बात करनी चाहिए थी। मैं नहीं जानता उन्होंने ऐसा कदम क्यों नहीं उठाया। उल्टे उसे हैदराबाद छोड़ने के लिए वे बढ़ावा दे रहे थे। मैंने प्रकाश सर को हमेशा एक आदर्श के तौर पर देखा, पर पता नहीं क्यों उन्होंने कभी भी मेरे बारे में कुछ भी अच्छा नहीं बोला”।
साइना नेहवाल और पीवी सिंधू के बीच की तनातनी पर भी प्रकाश डालते हुए गोपीचन्द लिखते हैं, “हाँ, मेरे पास और भी प्लेयर थे, और पीवी सिंधू काफी अच्छा कर रही थीं। पर मेरा उद्देश्य साइना को अनदेखा करना नहीं था। मेरी गलती शायद यही थी कि मैं उसे यह बात कभी समझा ही नहीं पाया”।
कई महीने पहले scroll.in नामक एक ऑनलाइन पोर्टल ने इसी बात पर प्रकाश डालते हुए लिखा था कि साइना इस बात से दुखी थीं कि उन्हें अन्य शिष्यों के मुक़ाबले अकैडमी में विशेष ध्यान नहीं दिया जाता, जबकि पुल्लेला गोपीचन्द एक आदर्श गुरु की भांति सभी शिष्यों को एक समान प्रशिक्षण देते थे। इसी स्वघोषित दुख के कारण विश्व चैंपियनशिप सम्पन्न होते ही साइना ने गोपीचन्द का प्रशिक्षण छोड़कर अपने व्यक्तिगत ट्रेनर यू विमल कुमार से प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया। हालांकि, 2017 खत्म होते होते साइना वापिस गोपीचन्द अकादेमी से प्रशिक्षण लेने लगीं।
इस बात की पुष्टि करते हुए बैडमिंटन प्लेयर और साइना के पति परूपल्ली कश्यप बताते हैं, “मेरी पत्नी एक पर्फेक्ट हरियाणवी जाटनी है। वे गोपी सर के पास जाकर उनसे सॉरी भी बोलना चाहती थीं, पर वे इसे स्वीकारने में असमर्थ थीं”।
उधर प्रकाश पादुकोण अकादेमी ने इस बात का खंडन करते हुए ये बताने का प्रयास किया है कि कैसे ये निर्णय केवल साइना का था, और प्रकाश पादुकोण का इसमें कोई हाथ नहीं था। परंतु गोपीचन्द द्वारा लगाए आरोपों से प्रकाश पादुकोण की छवि को नुकसान तो अवश्य पहुंचा है ।इससे यह भी पता चलता है कि शायद उनके लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि भी नहीं था। अब गोपीचन्द और क्या क्या बातें बताते हैं, ये तो 20 जनवरी को पुस्तक के अनावरण पर ही पता चलेगा।