हैदराबाद के Osmania University के प्रोफेसर कासिम को माओवादियों से लिंक पड़ा भारी, अब पीसेंगे चक्की

तेलंगाना

(PC: The News Minute)

माओवाद पर लगाम लगाने हेतु तेलंगाना पुलिस ने हाल ही में ओस्मानिया विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को हिरासत में लिया है। प्रोफेसर पर आरोप है कि उसके माओवादियों के साथ कुछ गहरे कॉन्टेक्ट्स हैं। तेलुगू विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर सी कासिम के ऊपर UAPA एक्ट के अंतर्गत पहले से ही एक मुकदमा दर्ज है।

सिद्दीपेत क्षेत्र के पुलिस कमिश्नर डी जोएल डेविस द्वारा पीटीआई के साथ की गयी बातचीत के अनुसार, “केस इंवेस्टिगेशन में है, और हमने आवश्यक सबूत भी जुटा लिए हैं। कुछ इनपुट्स भी सामने आई है। हमने कई डॉक्यूमेंट सीज़ किए हैं”।

इसके साथ ही साथ कमिश्नर डेविस ने यह भी बताया कि ओस्मानिया विश्वविद्यालय माओवादियों के संपर्क में निरंतर बना हुआ है। उनके अनुसार “आरोपी प्रोफेसर कासिम तेलंगाना राज्य में माओवादियों के लिए एक यूनाइटेड फ्रंट तैयार कर रहे थे। फंडिंग और अन्य आवश्यक कामों के लिए प्रोफेसर कासिम एक अहम संयोजक है। शनिवार को कासिम को गजवेल के स्थानीय अदालत में पेश किया गया है”।

जैसा कि तेलंगाना पुलिस ने खुलासा किया है, अर्बन नक्सल मूवमेंट विश्वविद्यालयों और कई विद्यार्थियों में तेज़ी से फैलता जा रहा है। इसकी पुष्टि करते हुए प्रोफेसर के.जगन को पिछले वर्ष ओस्मानिया विश्वविद्यालय से ही अक्टूबर माह में हिरासत में लिया गया था। माओवाद प्रारम्भ में जंगलों और कुछ गांवों तक ही सीमित था, परंतु अब इसने कई शैक्षणिक संस्थानों में अपनी जड़ें जमानी शुरू कर दी है। एक अदृश्य नक्सल समर्थक बुद्धिजीवी वर्ग मीडिया और एनजीओ की सांठगांठ के साथ देश में माओवाद स्थापित करने की दिशा में निरंतर प्रयास करते हैं।

अर्बन नक्सल सिस्टम में एक्टिविस्ट्स, बुद्धिजीवियों जैसे का बहुत महत्वपूर्ण रोल है, जिसे पकड़ पाना कोई आसान काम नहीं है। इस अभियान ने हजारों विद्यार्थियों को अपनी ओर आकर्षित किया है। 1980 के दशक में तेलंगाना के काकतीय विश्वविद्यालय एवं एनआईटी वारंगल और ओस्मानिया विश्वविद्यालय से विद्यार्थी भर-भर के नक्सलियों के ‘Progressive War Cadres’ जॉइन कर रहे थे। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इन संगठनों ने शिक्षा क्षेत्र में भर्ती के लिए देशव्यापी अभियान चलाया है। संघर्ष और क्रांति के नाम पर यह लोग विद्यार्थियों को अपनी ओर हर प्रकार से आकर्षित करते हैं। यही कारण है कि जेएनयू, हैदराबाद में स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी, मुंबई का TISS, जादवपुर विश्वविद्यालय अर्बन नक्सलवाद के प्रमुख केन्द्रों में शामिल है।

ऐसे में तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए स्थापित स्पेशल यूनिट ग्रेहाउण्ड्स’ की सक्रियता सराहनीय है। इसके अलावा सीआरपीएफ़ के कोबरा यूनिट और स्थानीय पुलिस की नक्सलवाद को लेकर सक्रियता की भी हमें दाद देनी होगी, जिनके कारण कई दुर्दांत नक्सल कमांडर्स पकड़े गए हैं। तेलंगाना के ओस्मानिया विश्वविद्यालय से नक्सल प्रोफेसर की गिरफ्तारी इसी दिशा में एक सराहनीय  प्रयास है।

Exit mobile version