पाकिस्तान के लाहौर में बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज जारी है, लेकिन बांग्लादेश के खिलाड़ियों को लगातार अपनी सुरक्षा की चिंता सताए जा रही है। इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं पाकिस्तान आने से पहले बांग्लादेश के लेफ्ट आर्म बॉलर मुस्ताफिजुर रहमान ने बंगलादेशी लोगों के लिए यह ट्वीट किया कि उनके लिए वे लगातार प्रार्थना करते रहें। उन्होंने लिखा “पाकिस्तान जा रहे हैं, दुआओं में याद रखना”।
Heading to Pakistan. Remember us in your prayers. #PAKvBAN pic.twitter.com/7l85XfFUWM
— Mustafizur Rahman (@Mustafiz90) January 22, 2020
रहमान का यह ट्वीट देखते ही देखते वायरल हो गया, और पाकिस्तान को एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेइज्जती का शिकार होना पड़ा। रहमान का डर इसलिए भी जायज़ है क्योंकि पाकिस्तान में क्रिकेट मैदान और खिलाड़ी समय-समय पर आतंक का शिकार होते रहते हैं। वर्ष 2015 में पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच दूसरे वनडे मैच के वक्त गद्दाफी स्टेडियम के पास शुक्रवार रात को धमाका हो गया था जिसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। ऐसे में अभी भी सभी को डर है कि कहीं दोबारा पाकिस्तान में खिलाड़ियों पर ऐसा हमला ना हो जाये। हालांकि, ऐसा नहीं है कि इन आतंकी हमलों का डर सिर्फ बांग्लादेशी खिलाड़ियों को हो, यहां तक कि खुद पाकिस्तानी लोग भी कल खेले गए पाकिस्तान और बांग्लादेश के मैच को देखने नहीं आए और आधा मैदान खाली पड़ा रहा। इसके अलावा इस मैच को कराने के लिए पूरे लाहौर शहर को सुरक्षा के नाम पर लॉकडाउन कर दिया गया, जिसके बाद लोगों ने पाकिस्तानी प्रशासन को खूब गाली दी।
मैच के दौरान खाली पड़े मैदान पर टिप्पणी करते हुए एक यूजर ने लिखा “गद्दाफ़ी स्टेडियम में काफी निराशनजाक भीड़। लाहौर के लोग आखिर क्रिकेट से इतनी नफरत क्यों करते हैं? लाहौर में तब तक कोई अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं होना चाहिए जब तक लाहौर के लोग मैदान को पूरे तरीके से भरना ना सीख लें”।
“Disappointing crowd in Ghaddafi stadium, why do Lahoris hate cricket so much? Lahore shouldn’t hold any international matches in future unless Lahoris can learn to fill up the stadium”
— Osama. (@ashaqeens) January 24, 2020
इसी तरह पूरे शहर को लॉकडाउन किए जाने पर एक यूजर ने लिखा “अच्छी बात है कि देश में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हो रही है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर सड़कों को जाम कर देना बहुत बेकार विचार है। कृपया टीम के लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल ही कर लीजिये, ये पूरे शहर को जाम होने से तो बचाएगा”।
International Cricket is back in Pakistan. It's Great.But paralyzing whole lahore by closing roads in the name of security is terrible. Kindly use helicopters to transport that team. That will save the common man from further turmoil.Let elite enjoy but let us breath.
— Observer (@Explorer599) January 25, 2020
बता दें कि पाकिस्तानी क्रिकेट पर आतंक का काला धब्बा कई वर्षों से लगा रहा है। वर्ष 2009 में पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने गयी श्रीलंका टीम पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, जिसमें 12 बंदूकधारियों ने मिलकर श्रीलंकाई टीम को ले जा रही बस पर धावा बोल दिया था। इस हमले में टीम के 6 खिलाड़ी ज़ख्मी हो गए थे, जबकि 6 पाकिस्तानी पुलिस के जवान मारे गए थे। पाकिस्तान क्रिकेट पर ऐसा ही कलंक वर्ष 2007 में भी लगा था जब विश्व कप के दौरान टीम के कोच बॉब वूलमर की रहस्यमई कारणों से मौत हो गयी थी। जब पाकिस्तान विश्व कप से बाहर हुआ था, उसके अगले ही दिन टीम के कोच का शव होटल में मिलने से हड़कंप मच गया था, और पाकिस्तानी क्रिकेट की साख को तब बड़ा झटका पहुंचा था, जिससे Pakistan आज तक भी उभर नहीं पाया है। अब जब भी कोई टीम या खिलाड़ी Pakistan आने की बात करता है, तो वह इन घटनाओं को भूल नहीं पाता है।
अब इससे कोई इंकार नहीं कर सकता कि बांग्लादेशी खिलाड़ियों के मन में भी यही डर बैठा होगा। गौरतलब है कि कोचिंग स्टाफ के अलावा बांग्लादेश के दिग्गज खिलाड़ी जैसे मोसाद्दिक हुसैन, अराफ़त सनी, तैजुल इस्लाम, अबु हिदर को भी पाकिस्तान गए squad से बाहर रखा गया है। बोर्ड ने कहा था कि इनमें से कुछ को अभी आराम चाहिए। इसके अलावा बोर्ड ने कहा था कि मुशफिकुर रहीम सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं। यहां तक कि मुशफिकुर ने खुद भी यह कहा था कि उनके परिवार को उनके लिए चिंता हो रही थी, इसलिए उन्हें पाकिस्तान जाने से मना कर दिया।
पाकिस्तान शुरू से ही आतंक का केंद्र रहा है और भारत और अफ़ग़ानिस्तान जैसे देशों में आतंक की लगातार सप्लाई करता रहा है। यही कारण है कि दुनियाभर के क्रिकेट खिलाड़ी पाकिस्तान में आने से मना कर देते हैं। इसी का एक और उदाहरण हमें तब देखने को मिला था जब PSL के लिए ब्रिटेन के पूर्व खिलाड़ी केविन पीटरसन ने पाकिस्तान आने से साफ मना कर दिया था। PSL का फाइनल Pakistan के लाहौर में होना था और तब पीटरसन ने कहा था कि अगर उनकी टीम फाइनल में पहुंच जाती है, तो भी वे पाकिस्तान कतई नहीं जाएंगे। इन्हीं कारणों की वजह से पाकिस्तान अपने यहां क्रिकेट को पुनर्जीवित करने की भरपूर कोशिश में लगा है लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगती है और ऐसा ही हमें इस बार भी होता दिखाई दे रहा है।