पिछले कुछ दिनों से संजय राउत सभी के निशाने पर हैं। कारण है उनका इन्दिरा गांधी पर विवादित बयान और उनके बयान ने विवादों का पिटारा खोल दिया है जहां से कई विवादत सच सामने आने वाले हैं। एक इंटरव्यू के दौरान शिवसेना नेता राउत ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने के लिए मुंबई आया करती थीं। इसके बाद तो जैसे पूरे राजनीतिक गलियारे में भूकंप आ गया। एक के बाद एक कई बड़े नेताओं का बयान आने लगा। यही नहीं संजय राउत के समर्थन में करीम लाला के पोते का भी बयान आ गया। हालांकि, कांग्रेस के साथ सत्ता में बैठे होने के कारण जैसे ही संजय राउत पर राजनीतिक दबाव बढ़ा वैसे ही उन्होंने अपने बयान से मुंह मोड़ लिया और उसे वापस ले लिया। पर वो कहते हैं न,
अब पछताये होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत!!
संजय राउत ने अपने बयान से एक ऐसे मुद्दे को उठा दिया है जिससे राजनीतिक गलियारों के कई सच बाहर आएंगे और कई कनेक्शनस भविष्य में सामने आयेंगे। और यह शुरू भी हो चुका है, संजय राउत के बाद करीम लाला के पोते ने कहा कि करीम लाला के दफ्तर में इंदिरा गांधी की उनके साथ मुलाकात की तस्वीरें हैं। यही नहीं, करीम लाला के साथ एनसीपी चीफ शरद पवार और पूर्व शिवसेना चीफ बाल ठाकरे की तस्वीरें भी मौजूद हैं। सीनियर फोटो जर्नलिस्ट बलजीत परमार ने भी दावा किया है कि करीम लाला और इंदिरा गांधी के बीच साल 1973 में एक बार मुलाकात हुई थी। वो समय तब का था जब मशहूर डायरेक्टर और शायर हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय को पद्मभूषण दिया जाना था
इसके बाद अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान के बेटे सुंदर शेखर ने भी बयान दिया है। गुरुवार को सुंदर शेखर ने कहा कि संजय राउत ने जो भी कहा सही कहा है। इंदिरा गांधी करीम लाला से मिला करती थीं। उनके अलावा और भी कई नेता करीम लाला से मिलते थे। सुंदर शेखर ने आगे दावा किया कि बालासाहेब ठाकरे हाजी मस्तान के अच्छे दोस्त हुआ करते थे।
Sundar Shekhar, adopted son of don Haji Mastan: Sanjay Raut (Shiv Sena leader) is right. Indira Gandhi used to meet him (Karim Lala). Many other leaders also used to visit. Haji Mastan was a businessman. Balasaheb Thackeray too was a good friend of Haji Mastan. pic.twitter.com/Vqa4sc7spu
— ANI (@ANI) January 16, 2020
संजय राउत ने मुंबई के अंडरवर्ल्ड के साथ कांग्रेस के राजनेताओं के कनेक्शन उजागर करने के बाद, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम– देवेन्द्र फडणवीस ने बहुत वैध सवाल किया और पूछा है कि क्या अंडरवर्ल्ड के सहारे कांग्रेस चुनाव जीतती थी? क्या कांग्रेस को अंडरवर्ल्ड से फंडिंग मिलती थी?
देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि, “इंदिरा जी पर इतने गंभीर आरोप लगे हैं तो कांग्रेस मौन क्यों है। कांग्रेस को इन सब सवालों के जवाब देना चाहिए। सोनिया जी, राहुल जी और प्रियंका जी जवाब दें। फडणवीस ने पूछा, ‘क्या कांग्रेस को अंडरवर्ल्ड फंडिंग करती थी? क्या कांग्रेस को चुनाव जीतने के लिए डराने धमकाने की जरूरत पड़ती थी?” उन्होंने पूछा, ‘छोटा शकील, दाऊद इब्राहिम मुंबई का पुलिस कमिश्नर तय करते थे, मंत्रालय में कौन बैठेगा और कौन नहीं ये भी वही तय करते थे। तो किया राजनीति का अपराधीकरण की शुरुआत उनके कार्यकाल में हुई थी?’
बता दें कि कुछ दिन पहले शिवसेना के सांसद संजय राउत ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि, “एक दौर था जब दाउद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी मुंबई के पुलिस कमिश्नर तय किया करते थे। इतना ही नहीं, वो यह भी तय करते थे कि सरकार के किस मंत्रालय में कौन बैठेगा। हमने अंडरवर्ल्ड का वो दौर देखा है, लेकिन अब वो यहां सिर्फ चिल्लर हैं।”
इसके बाद कांग्रेस के नेता इसके बाद संजय राउत पर राजनीतिक दबाव बढ़ा तब उन्होंने अपने कदम पीछे खींचना शुरू किया। संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, ‘नेहरू और इंदिरा गांधी के लिए हमेशा से मेरे मन में सम्मान है।’ उन्होंने आगे कहा कि करीम लाला से कई नेताओं की मुलाकात होती थी। संजय राउत ने अपने बयान में कहा, ‘अफगानिस्तान के पठानों के नेता के रूप में नेताओं की उनसे (करीम लाला) मुलाकात होती थी। करीम लाला के दफ्तर में कई नेताओं की तस्वीरें भी थीं। समस्या जानने के लिए करीम लाला से सभी नेता मिलते थे।’
पिछले कुछ महीनों में, खासकर महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे घोषित होने के बाद, संजय राउत समाचारों के केंद्र में बने हुए हैं। संजय राउत शिवसेना से राज्यसभा सांसद और सामाना के प्रधान संपादक हैं। कहा जाता है कि वह अपने भाई, विक्रोली निर्वाचन क्षेत्र से विधायक, सुनील राउत, महागठबंधन सरकार में कैबिनेट बर्थ से सम्मानित नहीं होने के कारण शिवसेना के शीर्ष नेताओं से गुस्से में हैं। राउत 36 मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए। भले ही संजाए राउत ने इन्दिरा गांधी के अंडरवर्ल्ड से रिश्तों की बात खीज में या मज़ाक में कही हो, लेकिन इसका असर कई दिनों तक रहने वाला है और कई अनकहे-अनसुने तथ्य सामने लाने वाला है।