5 जनवरी की शाम को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के बाद हिंसक छात्रों को सबक सिखाने के लिए अब जेएनयू प्रशासन ने योगी सरकार वाला तरीका निकाला है। योगी सरकार ने जिस तरह CAA के दंगाइयों से ही सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की थी, अब JNU प्रशासन हिंसक छात्रों को पहचानकर उन्हीं से JNU की संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई करेगा। जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने इस बात को मीडिया के सामने आकर स्वीकारा है। उन्होंने कहा है “बर्बरता के कारण कैंपस में भारी नुकसान हुआ है। जो छात्र बर्बरता में शामिल थे, उनकी पहचान की जाएगी और उनसे हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी”।
A mob of estimated 50 vandals freely roaming inside #JNU campus, wielding iron rods, lathis, sticks, as women students send us SOS messages that they are hiding inside Sabarmati hostel where the attack has taken place. #अखिल_भारतीय_गुंडा_परिषद pic.twitter.com/kVloERjTWy
— Villager's Voice (जोहार किसान) 🚜🇮🇳 (@tribal_rj29) January 5, 2020
बता दें कि 5 जनवरी की शाम को 50 से 55 नकाबपोश गुंडों ने JNU में घुसकर तोड़-फोड़ मचाई थी और JNU विद्यार्थी परिषद की अध्यक्ष आइशी घोष पर भी हमला किया गया था। घटना की विडियो के अनुसार गुंडो ने हाथों में जानलेवा हथियार ले रखे थे और उस दिन जमकर JNU की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। जेएनयू पर हमले के बाद जहां एक तरफ JNUSU ने ABVP और पुलिस पर मिलीभगत करने का आरोप लगाया था, तो वहीं बॉलीवुड भी JNU के लेफ्ट विंग छात्रों के समर्थन में आ गया था। वहीं ABVP ने कहा था कि JNUSU से जुड़े लोग ही गुंडागर्दी कर रहे थे।
JNU Inder attack by alleged ABVP terrorists ! Despite @DelhiPolice presence on campus!!!! Stop this terror and rampage ! Watch this video received from a student! WHAT IS DELHI POLICE DOING????? Is this a govt. sanctioned attack????? pic.twitter.com/k5tfoV67Op
— Swara Bhasker (@ReallySwara) January 5, 2020
हालांकि, इस पूरे संग्राम के दौरान JNU की संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचा था। अब JNU प्रशासन ने नुकसान की भरपाई छात्रों से ही करने की बात कहकर सभी छात्रों को एक संदेश भेजने की कोशिश करेगा। गुंडागर्दी किसी भी विश्वविद्यालय की शोभा को मिट्टी में मिला देती है, और यही बात JNU के रजिस्ट्रार ने भी कही। उन्होंने कहा ““विश्वविद्यालय एक खुली जगह है। हम परिसर में निःशुल्क आवाजाही की अनुमति देना चाहते हैं। सुरक्षा कर्मियों को मामले की जांच करने दें। हम छात्रों को दो समूहों के रूप में नहीं देखते हैं”।
असल में JNU के अंदर छात्रों के एक गुट का राजनीति से कुछ ज़्यादा ही जुड़ाव हो गया है। JNU के परिसर में राजनीति के कारण ही छात्रों के बीच लड़ाई और हँगामा देखने को मिलता है, जिस वजह से यह यूनिवर्सिटी पढ़ाई के अलावा बाकी सब कारणों से चर्चा में बनी रहती है। चाहे राजनीतिक पार्टियां हो, या फिर देश की लिबरल मीडिया, ऐसा कोई मौका नहीं होता जब ये लोग इस यूनिवर्सिटी को विवादों में ना घसीटते हों। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे लोग यहाँ पॉलिटिकल टूरिज़म करते हैं और फिर यहाँ से जन्म होता है कन्हैया कुमार जैसे नेताओं का, जिन्हें लाइमलाइट देने में मीडिया भी कोई कसर नहीं छोड़ती।
इन छात्रों द्वारा की जाने वाली हिंसक क्रांति को रोकने के लिए अब जो कदम जेएनयू प्रशासन उठाने जा रहा है, वह प्रशंसनीय है। जब इन्हीं छात्रों से इनके द्वारा होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी, तभी इनकी अक्ल ठिकाने आएगी। JNU फीस मामले पर इन छात्रों ने कहा था कि वे गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, और बढ़ी हुई फीस देने में वे असमर्थ हैं। हालांकि, JNU की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते वक्त इन्हें किसी बात की कोई चिंता नहीं होती। अब उम्मीद है कि JNU प्रशासन के वसूली वाले उपाय से ये हिंसक छात्र अवश्य ही सही रास्ते पर आ जाएंगे।