जैसे जैसे दिन बढ़ते जा रहे हैं, शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन की कलई भी खुलती जा रही है। लोगों को पता चल रहा है की सीएए और एनआरसी के नाम पर ये विरोध कैसे कट्टरपंथियों और उनके नापाक मंसूबों को बढ़ावा दे रहा है। हाल ही में शाहीन बाग प्रदर्शनों के मुख्य नेता माने जाने वाले शर्जील इमाम के भड़काऊ भाषण से ये बात स्पष्ट हो भी हो चुका है कि शाहीन बाग में जुटे प्रदर्शनकारियों का इरादा लोकतंत्र की रक्षा करने का तो बिलकुल नहीं है। हालांकि, आपको ये जानकर कोई हैरानी नहीं होगी कि इस देश विरोधी का लिंक द वायर से भी है।
"Hum Hindustan aur North-East ko PERMANENTLY cut kar sakte hain.Assam ko kaatna hmari zimmedari hai. Assam aur India kat ke alag ho jaye"
JNU student & Chief organizer of #ShaheenBagh inciting people to cut NE from rest of India.Are NIA officials sleeping?pic.twitter.com/mw5ZDysPvj
— Sir Jadeja fan (@SirJadeja) January 24, 2020
दोस्तों शाहीन बाग़ की असलियत देखें:
१)असम को इंडिया से काट कर अलग करना हमारी ज़िम्मेदारी
२)”Chicken Neck” मुसलमानो का है
३)इतना मवाद डालो पटरी पे की इंडिया की फ़ौज Assam जा ना सके
४)सारे ग़ैर मुसलमानो को मुसलमानों के शर्त पर ही आना होगा
If this is not ANTI NATIONAL then what is? pic.twitter.com/kgxl3GLwx1— Sambit Patra (Modi Ka Parivar) (@sambitswaraj) January 25, 2020
दरअसल, शर्जील इमाम द वायर के लिए कई लेख चुका है, ये वही व्यक्ति है जिसकी शाहीन बाग में दिए गये भाषण से उसकी भारत विरोधी सोच उजागर हुई है। ऐसे देशद्रोही तत्वों को द वायर किस तरह से बढ़ावा देता है ये एक बार फिर से सामने आ गया है। शर्जील इमाम को द वायर ने मंच प्रदान किया और वहां इसने कई लेख लिखे हैं।
बता दें कि शर्जील इमाम तब से चर्चा में है जबसे उसने भारत के टुकड़े करने की बात कही है। ‘उसने अपने एक भाषण में कहा था कि, “असम को भारत से काटना हमारी ज़िम्मेदारी है। जब तक असम और भारत अलग नहीं होते, तब तक वो हमारी नहीं सुनेंगे। असम में मुसलमानों की हालत तो आप जानते ही हैं। सीएए और एनआरसी वहाँ पर लागू हो चुका है। लोगों को डिटेन्शन कैंप्स में फेंका गया है, नरसंहार हो रहा है और फिर 6-8 महीने में हम पाएंगे कि बंगाली, चाहे हिन्दू हो या मुसलमान, सब मारे जाएंगे। यदि हमें असम की रक्षा करनी है, तो हमें पूर्वोत्तर का गेटवे बंद करना होगा”।
इमाम ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर, या चिकन्स नेक (Chicken’s neck) का उल्लेख भी किया, जो भारत की सिक्योरिटी के लिहाज से काफी अहम है। शर्जील ने दावा किया, “ये Chicken’s neck मुसलमानों का है, क्योंकि यही अधिकांश लोग मुसलमान हैं”। अब ऐसे देश विरोधी लोगों को मंच प्रदान करने के लिए द वायर की खूब आलोचना हो रही है।
वैसे ये पहली बार नहीं है, द वायर पहले भी भारत विरोधी प्रोपगैंडा फैलाने के लिए आलोचना का शिकार हो चुका है। परंतु उसके बाद भी इस मीडिया पोर्टल ने शर्जील इमाम के चार भड़काऊ लेख प्रकाशित किये हैं, जिसमें एक तो लोकसभा चुनाव से पहले प्रकाशित हुआ था।
2018 में मई माह में शर्जील इमाम ने एक बेहद आपत्तीजनक लेख लिखा था, जिसमें उसने भारत के विभाजन के प्रमुख दोषियों में से एक मुहम्मद अली जिन्ना को माफ़ करने की बात की थी। इमाम ने इस लेख में लिखा था कि, “विभाजन में सबसे ज़्यादा नुकसान भारतीय मुसलमानों का हुआ, पर जिन्ना या मुस्लिम लीग पर दोष डालना इतिहास के अनुसार अच्छा नहीं होगा”।
पूरे लेख में इमाम जिन्ना का महिमामंडन करते हुए दिखाई दिया, ये जानते हुए भी कि जिन्ना के कारण विश्व के सबसे खौफनाक नरसंहार में से एक 16 अगस्त 1946 को डायरेक्ट एक्शन डे के रूप में हुआ, जिसमें लाखों निर्दोष हिन्दू, सिख और अन्य समुदायों के लोगों की निर्ममता से मार दिया गया था।
जिस समय एएमयू में जिन्ना के तस्वीर को महिमामंडित करने के पीछे बहुत बवाल हुआ था, तब भी द वायर ने शर्जील इमाम जैसे देशद्रोही को अपने विचार रखने के लिए एक मंच प्रदान किया था। आज 6 राज्यों की पुलिस – मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम, दिल्ली, यूपी एवं बिहार की पुलिस ने शर्जील के भाषण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। फिलहाल शर्जील फरार चल रहा है , और उसके भड़काऊ बयानों के बाद भी द वायर उसके समर्थन में है।
हाल ही में लिखे एक लेख में द वायर के एक अन्य पत्रकार ने दावा किया है कि कैसे शर्जील का भाषण देशद्रोही नहीं हो सकता। द वायर भले ही शर्जील इमाम के अपराधों को मानने से मना करे, परंतु ये बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि वो ऐसे देशद्रोहियों को मंच देने का कोई अवसर हाथ से नहीं जाने देते, जिसके कारण शर्जील जैसे विश्वासघातियों को बढ़ावा मिलता है।