अमित शाह की दो टूक, ‘सीएए पर एक इंच पीछे नहीं हटेगी सरकार, जिसको बहस करनी है आ जाये’

अमित शाह

PC: Amar Ujala

गृह मंत्री अमित शाह हाल ही में आयोजित एक रैली में सीएए के विषय पर खुलकर सामने आए हैं। जोधपुर में आयोजित भाजपा के अभिनंदन समारोह में अमित शाह न केवल विपक्ष पर गरजे, बल्कि उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार सीएए पर तनिक भी पीछे नहीं हटने वाली है।

समारोह में हुंकार भरते हुए पहले अमित शाह ने जनता से भारत माता की जय का नारा लगवाया। तद्पश्चात उन्होंने बताया कि सीएए भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है, और उन्हें ये रैली क्यों करनी पड़ी है। अमित शाह के अनुसार भाजपा ने देशभर में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में जनजागरण अभियान का आयोजन किया है, क्योंकि जिस कांग्रेस को वोटबैंक की राजनीति की आदत पड़ गई है, उसने इस कानून पर दुष्प्रचार किया है।

सीएए के विरोध के नाम पर हो रहे दुष्प्रचार पर प्रकाश डालते हुए अमित शाह कहते हैं, “आज कांग्रेस, ममता दीदी, सपा, बसपा, केजरीवाल और कम्युनिस्ट सारे CAA का विरोध कर रहे हैं। मैं इन सारी पार्टियों को चुनौती देता हूं कि कहीं पर भी चर्चा करने के लिए आ जाओ”।

उन्होंने कहा कि “चाहे सारे विपक्षी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एकजुट हो जाएं, लेकिन भाजपा अपने इस फैसले पर एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी”।

परंतु अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होने राहुल गांधी के साथ साथ कांग्रेस पार्टी को वीर सावरकर के विरुद्ध आपत्तिजनक पत्रिका बंटवाने के लिए भी आड़े हाथों लिया। अमित शाह के अनुसार, “राहुल बाबा अगर आपने CAA कानून पढ़ा है तो कहीं पर भी चर्चा करने के लिए आ जाओ और अगर नहीं पढ़ा है तो मैं इतालवी में इसका अनुवाद करके भेज देता हूं, उसको पढ़ लीजिये। नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध, ईसाई लोग, जो धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हैं, उन्हें नागरिकता देने का ये कानून है। इस कानून से नागरिकता मिलने वाली है।

वीर सावरकर के अपमान के विषय पर उन्होंने कहा, “वीर सावरकर जैसे इस देश के महान सपूत और और बलिदान देने वाले का भी कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है। कांग्रेसियों शर्म करो-शर्म करो। वोटबैंक के लालच की भी हद होती है। वोटबैंक के लिए कांग्रेस ने वीर सावरकर जैसे महापुरुष का अपमान किया है”। बता दें कि कांग्रेस के सामाजिक अंग कांग्रेस सेवा दल ने वीर सावरकर के बारे में अपनी पत्रिका में बेहद आपत्तिजनक बातें छपवाई थी, जिसमें इस पार्टी ने वीर सावरकर को समलैंगिक घोषित करने का प्रयास भी किया।

इसके साथ ही अमित शाह ने सीएए के विरोध के नाम पर हिंसा भड़काने के लिए प्रमुख रूप से ममता बनर्जी को भी आड़े हाथों लिया, और उन्होने कहा, “ममता दीदी कह रही हैं कि आपकी लाइने लग जाएंगी, आपसे अलग अलग प्रूफ मांगे जाएंगे। मैं शरणार्थी भाइयों को कहना चाहता हूं कि आप प्रताड़ित होकर आये हो, यहां कोई प्रताड़ना नहीं झेलनी पड़ेगी, आपको सम्मान के साथ नागरिकता दी जाएगी। आपको ममता दीदी से डरने की जरूरत नहीं है। मैं ममता दीदी को कहना चाहता हूं कि बंगाली भाषी शरणार्थी हिंदू, दलितों ने आपका क्या बिगाड़ा है, क्यों इनकी नागरिकता का विरोध कर रही हो?”

अमित शाह इससे पहले एबीपी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने सीएए के विरुद्ध दुष्प्रचार करने वालों को जमकर लताड़ा। जामिया मिलिया इसलामिया पर दिल्ली पुलिस के कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा, “यह कहना बड़ा सरल होता है कि यह असफलता है। जब आंदोलन में लोग हिंसा करने पर उतर आते हैं, तो पुलिस को आवश्यक कदम उठाने पड़ते हैं, और आप ही बताइये कि पुलिस वालों को डंडा क्यों दिया जाता है?”

इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार पीएफ़आई पर कोई कार्रवाई करेगी, तो अमित शाह ने तुरंत जवाब दिया, “देश के गृह मंत्री होने के नाते मैं आपसे कहता हूँ कि जब भी ऐसा कोई निर्णय लिया जायेगा, मैं आपको बता कर नहीं करूंगा। मैं काँग्रेस का गृह मंत्री नहीं हूँ”

अमित शाह ने ये भी बताया कि सीएए के अंतर्गत आने वाले शरणार्थियों का विरोध करने वाले ये भूल रहे हैं कि वहां से आए शरणार्थी भी यहीं के निवासी हैं। जब पत्रकार सुमित अवस्थी ने सवाल किया कि इससे हमारे देश के गरीबों को अनदेखा नहीं किया जा रहा है क्या? तो अमित शाह ने उनकी बोलती बंद करते हुए कहा, “यह भी तो हमारे देश का हिस्सा हैं। सन 47 से पहले हम एक ही देश का हिस्सा हुआ करते थे। यह हमारे ही देश का हिस्सा थे। एक वचन हमारे संसद में भी दिया गया था कि जो लोग वहाँ छूट गए। ये बात गांधी जी ने भी कही थी, ये बात नेहरू ने भी कही थी, और हमारे पास तो पुख्ता सबूत भी कहे थे।”

अमित शाह ने न केवल सीएए पर स्पष्टीकरण देकर जनता को कई अफवाहों की वास्तविकता से अवगत कराया है, अपितु सीएए से एक इंच भी न हटने की हुंकार भर अमित शाह ने सिद्ध किया है कि आखिर जनता ने उन्हें देश के गृह मंत्री के तौर पर क्यों चुना है।

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