‘हमने खैरात बांटनी बंद कर दी है’, योगी आदित्यनाथ ने बिलबिलाए अनुराग कश्यप को सुनाई दो टूक

योगी आदित्यनाथ

PC: Nazar Har Khabar Ke Sach Par

सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर कई लोग इन दोनों निर्णयों के विरोध में सामने आये हैं। इनमें बॉलीवुड का वामपंथी गुट भी शामिल है, जो अपने आप को बॉलीवुड की आवाज़ के तौर पर बढ़ा चढ़ा कर दिखा रहे हैं। इनमें भी सबसे मुखर वक्ताओं में से एक हैं अनुराग कश्यप, जो आये दिन पीएम मोदी और अमित शाह के विरुद्ध विष उगलते रहते हैं। अब योगी आदित्यनाथ ने अनुराग कश्यप को दो टूक सुनाई  है।

दरअसल, गणतंत्र दिवस के अवसर पर अनुराग ने एक बेहद ही बेतुका ट्वीट पोस्ट करते हुए कहा था, “हमारा गृहमंत्री कितना डरपोक है। खुद की पुलिस , खुद ही के गुंडे , खुद की सेना और सिक्यूरिटी अपनी बढ़ाता है और निहत्थे protestors पर आक्रमण करवाता है। घटियेपन और नीचता की हद अगर है तो वो है अमित शाह। इतिहास थूकेगा इस जानवर पर”।

अनुराग कश्यप ने देश के गृह मंत्री के खिलाफ बेहद ही शर्मनाक बोल कहे, परंतु अनुराग कश्यप मोदी सरकार के विरुद्ध इतना विष क्यों उगल रहे हैं? क्या इसके पीछे कोई निजी कारण है? दरअसल, अनुराग कश्यप भाजपा, विशेषकर उत्तर प्रदेश में सत्तासीन भाजपा सरकार से इसलिए चिढ़े हुए हैं, क्योंकि उसे वैसी सुविधाएं नहीं मिलती, जैसी अखिलेश यादव की सरकार में मिलती थी। इसी बात पर प्रकाश डालते हुए योगी आदित्यनाथ ने आजतक से की गयी बातचीत में बताया  कि उनकी सरकार ने अवसरवादियों को ‘खैरात बांटना बंद कर दिया है’, चाहे वो अनुराग कश्यप हो या फिर कोई और”।

सीएए पर बातचीत के दौरान योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि विरोध के नाम पर हिंसा करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा कि, “सरकारी संपत्तियों की रक्षा करना मेरा दायित्व है। फिर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर हम क्यों मौन रहें? चंद लोग लूट-पाट करें, तोड़-फोड़ करें, इसकी इजाजत हम नहीं दे सकते। जो भी पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाएगा, उससे वसूली की जाएगी”।

इंटरव्यू में जब संवाददाता ने पूछा कि क्या बॉलीवुड द्वारा सीएए के प्रति विरोध से वे चिंतित हैं, तो योगी आदित्यनाथ ने दो टूक जवाब दिया, “हमने खैरात बांटना बंद कर दिया है। चाहे वो अनुराग कश्यप हों या कोई भी हो। जो प्रेरणादायी काम कर सकें, उनके लिए हम काम करेंगे। विभाजनकारी शक्तियों को शासन का साथ नहीं मिलेगा”।

अब योगी आदित्यनाथ ने ये बात यूं ही नहीं कही। अभी कुछ ही हफ्तों पहले भाजपा प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने अनुराग कश्यप की पोल खोलते हुए ट्वीट किया था, “ मोदी जी, अमित शाह जी और योगी जी से नफ़रत की वजह तो समझिए, पिटी फ़िल्मों पर भी जनता की गाढ़ी कमाई उड़ाते हुए बंटने वाली सरकारी भीख और पेंशन की बख्शीश Bjp सरकार आते ही बंद हो गई, फिर क्या मुफ्तखोरों में नफरत तो भड़कानी ही है !”–

इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा, “पिटी हुई फ़िल्मों के लिए सरकारी भीख ना मिली तो अनुराग कश्यप कुंठित हो गाली गलौज पर उतर आए। कुछ सरकारें इनकी फ्लॉप फ़िल्मों पर भी करोड़ों देती थीं,यश भारती को पेंशन की शहद भी चटाती थीं, योगी जी ने मुफ्त की पेंशन बंद कर पैसा ग़रीबों,विधवाओं,किसानों में बांट दिया,यही चिढ़ है इनकी” –

जवाब में अनुराग कश्यप ने योगी सरकार को घेरने का प्रयास किया था, पर वे अपने आप को ही एक्स्पोज़ कर बैठे। महोदय ने ट्वीट कर यह समझाने का प्रयास किया कि कैसे योगी सरकार उनकी फिल्मों को अनुदान दे अपनी ही बात से मुकर रही है, परंतु ट्वीट में अनुराग ने मसान के रिलीज़ डेट को ही फास्ट फॉरवर्ड कर डाला। मसान 2017 में नहीं 2015 में रिलीज़ हुई थी, और अनुराग कश्यप को अनुदान अखिलेश सरकार से मिला था, योगी आदित्यनाथ की सरकार से नहीं।

सच कहें तो अनुराग कश्यप जैसे व्यक्तियों की कुंठा से साफ पता चलता है कि किस तरह से ऐसे लोग पहले की तरह खातिरदारी न मिलने पर तिलमिला रहे हैं और प्रासांगिक बने रहने के लिए आए दिन मोदी सरकार के विरुद्ध विष उगलते रहते हैं। ऐसे में योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात से सिद्ध कर दिया है की उनके राज्य में मुफ्तखोरी में विश्वास रखने वालों को कोई जगह नहीं मिलेगी।

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