भारत के Smartphone Sector में BBK की 43% हिस्सेदारी है, और कई भारतीय कंपनियों को ये पता ही नहीं

BBK ने भारत में सैमसंग का वर्चस्व खत्म कर दिया है

अगर आपने अपने आस पास देखा होगा तो भारत में लोग अक्सर ओप्पो, वीवो, रियलमी या वनप्लस जैसे फोन का प्रयोग करते हैं, पर ये बात शायद ही जानते होंगे की इन सभी फोन्स का मालिक एक है और वह है चीन में स्थित BBK इलेक्ट्रॉनिक्स। बता दें कि हाँग काँग में स्थित काउंटरपॉइंट रिसर्च के क्यू3 डेटा के अनुसार दुनिया में स्मार्टफोन उत्पादन के लिहाज से BBK इलेक्ट्रॉनिक्स दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है, जो सैमसंग से बस कुछ ही कदम पीछे है

पर भारतीय बाज़ार में स्थिति तो कुछ और ही है। BBK इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में सैमसंग से कई कदम आगे हैं, और भारतीय मोबाइल बाज़ार में उसका हिस्सा 43 प्रतिशत है। वन प्लस का मार्केट शेयर अभी किसी को नहीं पता है, परंतु अनुमान लगाया जा रहा है कि वो 5 प्रतिशत के आसपास है।

एक और चीन आधारित कंपनी शाओमी 28 प्रतिशत के साथ भारत के मार्केट में दूसरे स्थान पर है। BBK भले ही नोकिया के स्तर पर न पहुँच पाया हो, परंतु वो उसी दिशा मे है जिसपर चलकर नोकिया ने कभी भारत में अपना वर्चस्व जमाया था –

ईकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार BBK के दो मेजर ब्रांड – ओप्पो और वीवो ने अप्रैल से सितंबर के बीच अपना कुल राजस्व दोगुना करते हुए 34500 करोड़ रुपये कर लिया है। काउंटरपॉइंट की रिसर्च एनालिस्ट अंशिका जैन के अनुसार, “वीवो, ओप्पो और रीयलमी ने भारत में अपने ऑनलाइन चैनल को बढ़ावा देने के लिए 360 डिग्री मार्केटिंग अप्रोच लेने का निर्णय किया है।

BBK के ब्रांड ओप्पो और वीवो भारत के लो एंड स्मार्टफोन मार्केट में वर्चस्व जमाने के लिए एक दूसरे से जूझ रहे हैं। इसके अलावा वन प्लस सैमसंग से भारतीय और चीनी मार्केट दोनों में कांटे की टक्कर दे रहा है। इतना ही नहीं, BBK ने भारत में सैमसंग का वर्चस्व भी खत्म कर दिया है। हालांकि, सैमसंग अभी भी BBK और शाओमी के बाद भारत में स्मार्टफोन्स का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट प्लेयर बनी हुई है।

चीन में BBK 1990 से सक्रिय है। परंतु ओप्पो का आविष्कार BBK के संस्थापक डूआन योंगपिंग ने 2004 मे की थी। वीवो की स्थापना 2009 में हुई और रियलमी को 2018 में खोजा गया था। वन प्लस को भले ही 13 दिसंबर 2013 में स्थापित किया गया था, परंतु यह कंपनी BBK की subsidiary ही है।  BBK के ब्रांड भारत में काफी लोकप्रिय हैं, जिसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वीवो ने 2199 करोड़ रुपये की बड़ी बोली लगाकर अगले पांच साल के लिए फिर से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल कर लिए थे। इसी प्रकार से ओप्पो अपने प्रोडक्शन कैपेसिटी को 2020 तक दोगुना करने पर विचार कर रहा है। पिछले कुछ सालों से भारत में स्मार्टफोन का मार्केट काफी बढ़ा है, और आर्थिक स्लोडाउन के बाद भी स्मार्टफोन्स की डिमांड में कोई कमी नहीं आई है।

भारत अब दुनिया का स्मार्टफोन बनाने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है और इसने अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है। मोदी सरकार के मेक इन इंडिया ने भारत को विश्व में एक नई पहचान दी जिससे भारत स्मार्टफोन निर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बन गया है। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में भारत में केवल 2 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट थीं, लेकिन जब से ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत हुई, तब से 2017 में संख्या बढ़कर 123 यूनिट हो चुकी है। भारत में कम कीमत पर कई सुविधाएं देने के कारण चीनी ब्रांड के स्मार्टफोन की बढ़ती माँग के साथ BBK का मार्केट शेयर बढ्ने की उम्मीद है।

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