तो भाई लोग दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं और इस बार भी आम आदमी पार्टी ही दिल्ली की सत्ता को संभालने जा रही है। आम आदमी पार्टी 70 में से 62 सीट जीत गयी है जिससे स्पष्ट है कि इस बार भी अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली की सत्ता संभालेंगे। वहीं भाजपा ने पहले के मुक़ाबले थोड़ा बेहतर प्रदर्शन करते हुए 8 सीट जीतकर वैधानिक तौर पर विपक्ष का दर्जा प्राप्त कर लिया है, तो वहीं कांग्रेस रसातल में गिरते हुए इस बार भी खाता खोलने में नाकाम रही है। सच कहें, तो कांग्रेस का हाल वही है – ‘न घर की रही न घाट की।’ इस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अब तक का सबसे खराब रहा है। कांग्रेस ने 66 सीटों पर चुनाव लड़ा और 63 प्रत्याशियों की जमानत ज़ब्त हो गयी है। पर इस शर्मनाक हार पर भी जो व्यक्ति फूला नहीं समा पा रहा है, वो है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भारत के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम। इन जनाब ने ट्वीट किया:
“AAP की जीत हुई, बेवकूफ बनाने तथा फेंकने वालों की हार। दिल्ली के लोग, जो भारत के सभी हिस्सों से हैं, उन्होंने BJP के ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और खतरनाक एजेंडे को हराया है। मैं दिल्ली के लोगों को सलाम करता हूं जिन्होंने 2021 और 2022 में अन्य राज्यों जहां चुनाव होंगे के लिए मिसाल पेश की है”।
AAP की जीत हुई, बेवकूफ बनाने तथा फेंकने वालों की हार।दिल्ली के लोग, जो भारत के सभी हिस्सों से हैं, ने BJP के ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और खतरनाक एजेंडे को हराया है।
मैं दिल्ली के लोगों को सलाम करता हूं जिन्होंने 2021 और 2022 में अन्य राज्यों जहां चुनाव होंगे के लिए मिसाल पेश की है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 11, 2020
यहाँ कांग्रेस का वोट शेयर 4 प्रतिशत पर ही सिमट गया, 63 सीटों पर जमानत ज़ब्त हो गयी, पर चिदंबरम अन्ना को इस बात की खुशी है कि भाजपा सत्ता में नहीं आ पायी है। पहले ही कांग्रेसी दुख के सागर में डूबे हुए थे, अब पी चिदंबरम के बयान ने मानो उनके घावों में बुरी तरह नमक रगड़ा है। फिर क्या, कई कांग्रेसी नेता चिदंबरम के बड़बोलेपन पर भड़क गए, और उन्होंने चिदंबरम को जमकर लताड़ा।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया, “मैं आपसे आदरपूर्वक पूछना चाहती हूँ – क्या कांग्रेस ने भाजपा को हराने का डिपार्टमेन्ट राजकीय पार्टियों को सौंप दिया है? यदि ऐसा नहीं है, तो हम आम आदमी पार्टी की विजय पर इतना क्यों इतरा रहे हैं, अपनी शर्मनाक हार पर हम विश्लेषण क्यों नहीं कर रहे हैं? अगर ये सच है, तो क्या हमारी प्रादेशिक कांग्रेस कमेटियों को अपनी दुकान नहीं बंद कर लेनी चाहिए?”
With due respect sir, just want to know- has @INCIndia outsourced the task of defeating BJP to state parties? If not, then why r we gloating over AAP victory rather than being concerned abt our drubbing? And if ‘yes’, then we (PCCs) might as well close shop! https://t.co/Zw3KJIfsRx
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) February 11, 2020
3 Things Congress should NOT do today:
1. Justify own defeat
2. Find happiness in BJP defeat
3. Tell themselves that in Election wins & losses are cyclicCongratulations to @AamAadmiParty for a well deserved victory & running a focussed campaign.
— Jaiveer Shergill (@JaiveerShergill) February 11, 2020
अब ऐसी स्थिति में भला शशि थरूर कैसे चुप रह सकते थे? उन्होंने भी शायराना अंदाज़ में एक ट्वीट करते हुए पी चिदंबरम को उसके बड़बोले ट्वीट के लिए निशाने पर लेते हुए कहे, “किसी की जीत पे यूं नाजां हैं, शिकस्त खा के फतह पाई हो!”
किसी की जीत पे यूं नाज़ाँ हैं
शिकस्त खा के फतह पाई हो ! #DelhiElectionResults— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 12, 2020
अब शशि थरूर ने अपने ट्वीट में किसी का नाम तो नहीं लिया है लेकिन यहाँ समझदार को इशारा काफी है। कांग्रेस नेता का इस तरह से अपनी हार की समीक्षा की बजाय भाजपा की हार का जश्न मनाना उसकी चुनाव न जीत पाने की अक्षमता को भी दर्शाता है।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पी चिदंबरम ने अपने बड़बोलेपन के कारण पार्टी की फजीहत कराई हो। जब अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधान हटाये गए थे, तो चिदंबरम ने अपनी कुंठा जगजाहिर करते हुए कहा था, “यदि जम्मू कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता तो भगवा पार्टी इस राज्य का विशेष दर्जा नहीं छीनती। भाजपा ने अपनी ताकत से अनुच्छेद को समाप्त किया। जम्मू कश्मीर अस्थिर है और अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियां इस अशांत स्थिति को कवर कर रही हैं लेकिन भारतीय मीडिया घराने ऐसा नहीं कर रहे है”।
इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान जब कई लोगों ने कांग्रेस द्वारा प्रायोजित न्याय स्कीम के अतार्किक प्रावधानों का विरोध किया, तो चिदंबरम ने जनता का उपहास उड़ाते हुए कहा था, “अगर कोई देश अपनी जीडीपी का एक फीसदी से भी कम हिस्सा 20 फीसदी आबादी पर खर्च नहीं कर सकता है, तो इसका मतलब यह देश हृदयहीन लोगों के द्वारा शासित किया जा रहा है। मैं किसी भी अर्थशास्त्री को चुनौती देता हूं कि वे आएं और मुझे बताएं कि यह कैसे ‘असंभव’ है। अगर देश 20 फीसदी गरीबी के लिए इतना भी नहीं कर सकता है, तो मेरा मानना है कि यहां के लोगों के पास बड़ा दिल नहीं है”।
सच कहें तो पी चिदंबरम ने आम आदमी पार्टी के प्रचंड विजय पर खुशी जताकर अपनी ही पार्टी का उपहास किया है। आज जो कांग्रेस की हालत है, उसके पीछे एक प्रमुख कारण यह भी है कि उनके वरिष्ठ नेता अपनी ज़ुबान पर कोई लगाम नहीं रखते। इसी वजह से आये दिन इस पार्टी को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ता है पर फिर भी इस पार्टी के नेता इससे कोई सीख नहीं लेते।