बॉलीवुड स्टार शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा से जनवरी 2014 में दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में 8 करोड़ की लूट को कौन भूल सकता है। उन्हें लूटने वाला आरोपी शिव शक्ति नायडू को यूपी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। इस घटना से फिर यह साबित हो गया है कि योगी आदित्यनाथ ने शासन व्यवस्था को किस प्रकार से दुरुस्त कर रखा है। उनके नेतृत्व में यूपी पुलिस ने अपराध को काबू में कर उत्तर प्रदेश को अपराधियों के लिए नर्क बना दिया है।
बता दें कि राज कुंद्रा से लूट के हाईप्रोफाइल केस में 6 साल जेल में रहने के बाद आरोपी शिव शक्ति नायडू परोल पर बाहर आया और तब से फरार चल रहा था।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के कंकरखेड़ा क्षेत्र में दिल्ली का यह मोस्ट वांटेड और डेढ़ लाख का इनामी शिव शक्ति नायडू मंगलवार को पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया। पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के वैष्णो धाम की आर्क सिटी कॉलोनी में यह मुठभेड़ हुई। पुलिस को सरधना थाना क्षेत्र से फॉर्च्यूनर गाड़ी लूटे जाने की सूचना मिली थी और फिर सूचना मिलते ही पुलिस ने कॉलोनी में चेकिंग कराई। शिव शक्ति नायडू वही मौजूद था और फॉर्च्यूनर गाड़ी में छिपा बैठा था। जब उसे लगा कि अब वह नहीं भाग पाएगा तब उसने फॉर्च्यूनर गाड़ी के अंदर से ही पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस की टीम ने तब तक इसकी जानकारी अपने आला अधिकारियों को दी थी। सूचना पाकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी क्षेत्राधिकारी दौराला, पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए और इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी। दोनों ओर से खूब फायरिंग हुई। पुलिस की फायरिंग में शिव शक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया और फिर उसकी मौत हो गयी।
पुलिस ने उसके पास से एक 9 एमएम इंग्लिश कार्बाइन और डबल बैरल बंदूक 12 बोर, एक फॉर्च्यूनर गाड़ी जो थाना सरधना मेरठ से लूटी गई थी और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार शिव शक्ति के खिलाफ मकोका के तहत भी कार्रवाई हुई थी।
पंजाब, दिल्ली और पश्चिम यूपी में खौफ का पर्याय बना कुख्यात शक्ति नायडू पुलिस को खुली चुनौती देता था। मॉडलिंग का सपना बताकर हथियारों के साथ अक्सर सोशल मीडिया पर फोटो डालता था। नायडू दिल्ली स्पेशल सेल के एसीपी ललित मोहन नेगी व मेरठ में एक इंस्पेक्टर की हत्या करने की साजिश रच रहा था। इंस्पेक्टर की हत्या से इंकार करने पर उसने अपने एक साथी को भी गोलियों से भून डाला था। लेकिन मंगलवार को पुलिस ने नायडू को एनकाउंटर में मार गिराया।
लूट, डकैती, सुपारी या फिर रंगदारी वसूलना उसका पेशा था। दिल्ली से पेरोल पर छूटने के बाद नायडू ने दिल्ली और पंजाब में कई गैंग तैयार कर लिए थे। पश्चिम यूपी के जिलों में कई वांटेड बदमाशों से उसके गहरे संबंध थे।
ऐसे अपराधियों की वजह से ही उत्तर प्रदेश का नाम बदनाम था। ऐसे अपराधियों को पहले राजनीतिक पार्टियों से भी मदद मिलती थी। जब से यूपी की कमान योगी के हाथ में आई है तब से राज्य में एक अलग ही रंग देखने को मिला है। योगी सरकार ने सत्ता में आते ही सपा सरकार के गुंडाराज को अपने एनकाउंटर से तहस नहस कर दिया था। कई अपराधियों ने तो स्वयं हथियार डाल दिए थे। रिकॉर्ड देखें तो मार्च 2017 में यूपी में योगी सरकार सत्ता में आई और 20 मार्च 2017 से 25 मार्च 2018 के बीच राज्य में 1,478 से अधिक पुलिस एनकाउंटर हुए। कानून व्यवस्था के मजबूत होने से अचानक से उत्तर प्रदेश की शासन व्यवस्था में सुधार देखने को मिला।
इस दर से अपराधी इतने घबरा गए थे कि कई तो आत्मसमर्पण कर चुके हैं वर्ष 2018 में यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा था कि पिछले कुछ दिनों में 3000 से ज्यादा अपराधियों ने आत्मसमर्पण किया है जिनमें से 1500 ऐसे बदमाश हैं जिनपर पुलिस ने ईनाम रखा था।
यूपी पुलिस ने अपराधियों से कड़े अंदाज में निपटा कर एक बहुत अच्छी मिसाल कायम की है और इसके साथ ही दूसरे राज्यों के पुलिस के लिए एक मानक भी तय कर दिया है।