भारत ने एक बार फिर दिखाया कि क्यों वह आने वाले समय का ‘सुपर पावर’ हैं

कोरोना वायरस ने उजागर किया भारत और पाकिस्तान के बीच का अंतर

भारत

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने सिद्ध कर दिया है कि वे मानवता के लिए कितना सोचती है। दिवंगत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के शब्दों में, ‘यदि हमारे नागरिक मंगल गृह पर फंसे हो, तो भी हम उन्हे सकुशल वापिस ले आएंगे!’ हाल ही में चीन में कोरोना वायरस की महामारी के कारण वुहान में फंसे भारतीय नागरिकों, विशेषकर विद्यार्थियों को सकुशल निकालने में भारतीय सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसके साथ ही साथ भारत सरकार मालदीव के 7 नागरिकों को सकुशल वापिस ले आई है, जिससे उसे क्षेत्रीय महाशक्ति का टैग मिला है।

अभी रविवार को एयर इंडिया की एक विशेष फ्लाइट वुहान से होते हुए नई दिल्ली पहुंची है। इस फ्लाइट में 323 भारतीयों के साथ साथ 7 मालदीव के नागरिक भी शामिल थे। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने भारत का आभार प्रकट करते हुए अपने ट्वीट में कहा है, “7 मालदीव के नागरिक एयर इंडिया के एक विशेष फ्लाइट से दिल्ली की ओर रवाना हुए हैं। वहाँ आने पर उन्हें कुछ समय के लिए quarantine हेतु दिल्ली में ठहराया जाएगा। हम भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बहुत बहुत आभारी हैं। विक्रम मिसरी और संजय सुधीर जैसे राजदूतों को विशेष धन्यवाद” –

इसके अलावा उन्होने भारत द्वारा मालदीव के नागरिकों की सहायता करने के कदम की सराहना करते हुए कहा, “यह निर्णय दोनों देशों के बीच के मजबूत रिश्तों का परिचायक है और ये नेबरहुड फ़र्स्ट और इंडिया फ़र्स्ट पॉलिसी की विजय है”।

वहीं दूसरी तरफ हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान तो अपने ही नागरिकों को चीन से बाहर निकालने से कतरा रहा है। पीएम इमरान खान ने चीन के साथ खड़ा होने का दावा करते हुए अपने नागरिकों को बाहर निकालने से साफ मना किया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक मार्मिक वीडियो में एक पाकिस्तानी छात्र कहता हुआ दिखाई दिया है, “आप इस बस को देख सकते हैं, जिसमें भारतीय स्टूडेंट्स को वापिस भारत ले जाया जा रहा है। बांग्लादेशियों को भी सकुशल निकाला जाएगा। फिर आते हैं हम पाकिस्तानी, जो यहाँ फंसे हुए हैं, और हमारी सरकार कहती है कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम जिए, infected हो या फिर मर जाएँ। शर्म करो पाकिस्तानी सरकार, कुछ तो हिंदुस्तानियों से सीख लो। कुछ सीखो कि वे अपने लोगों का किस तरह ख्याल रखती है।

एक अन्य वीडियो में कई पाकिस्तानी महिला विद्यार्थी सरकार से मदद की गुहार करती दिखाई दी है। इनके अनुसार इस समस्या से पाकिस्तान में उनके परिवार वाले भी परेशान हो रहे हैं और वे वुहान में फंसे हुए हैं, जहां शहर बंद होने के कारण कोई खाना पानी नहीं बचा है –

परंतु पाकिस्तानी सरकार के रवैये को देखकर ऐसा तो बिलकुल नहीं लगता है कि उन्हें अपने विद्यार्थियों की ज़रा भी फिकर है। पाकिस्तानी सरकार तो उल्टे यह कह रही है कि ज़िंदगी और मौत तो अल्लाह के हाथ में है, जो हो रहा है होने दो। पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अलवी ट्वीट करते हैं, “पैगंबर के उपदेश आज के माहौल में भी वाजिब हैं – यदि किसी जगह कयामत या महामारी आए, तो वहाँ जाना नहीं चाहिए, पर जहां आप है, और वहाँ कयामत या महामारी जाये, तो आपको वहाँ से निकालना नहीं चाहिए”।

चीन में जिस तरह से कोरोना वायरस फैला है, उससे एक बात तो स्पष्ट है – जहां भारत वात्सल्य की भावना दिखाते हुए अपने नागरिकों के साथ साथ अन्य देशों के नागरिकों को भी बाहर निकाल रहा है, तो वहीं पाकिस्तान अपने नागरिकों को मरने के लिए चीन में छोड़ दिया है, मानो वे उनके अपने कभी थे ही नहीं।

Exit mobile version