Pak के लिए उसका घमंड नागरिकों से अधिक महत्वपूर्ण है, वुहान में ठुकराया था भारत की मदद का ऑफर

पाकिस्तान

PC: The Economic Times

चीन के वुहान शहर से भारत अपने लगभग सभी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल चुका है। कोरोना वायरस की वजह से भारत समेत दुनिया के दर्जनों देश अपने नागरिकों को वुहान शहर से निकाल चुके हैं। हालांकि, अब भारतीय संसद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जानकारी दी है कि जब भारत वुहान से अपने नागरिकों को निकाल रहा था, तो भारत सरकार ने अपने सभी पड़ोसियों के सामने भी उनके नागरिकों को निकालने से संबन्धित प्रस्ताव पेश किया था। इसी के बाद भारत सरकार ने 7 मालदीव के नागरिकों को भी भारतीयों के साथ वुहान से  बाहर निकाला था। हालांकि, तब भी पाकिस्तान की ओर से भारत सरकार के पास अपने नागरिकों को निकालने से संबन्धित कोई निवेदन नहीं आया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में कहा कि, ”चीन के वुहान शहर से भारतीय छात्रों को निकालते वक्त भारत ने एक जिम्मेदार देश के नाते वहां मौजूद सभी पड़ोसी देशों के छात्रों को निकालने का प्रस्ताव रखा था। जब हमने यह प्रस्ताव दिया तो मालदीव के सात और बांग्लादेश के एक नागरिक ने ही हमारे इस प्रस्ताव को स्वीकारा जिसके बाद हम उन्हें अपने देश के नागरिकों के साथ भारत लाये।” तब पाकिस्तान चाहता तो अपने दूतावास के माध्यम से भारत सरकार से उसके नागरिकों को भी वहां से बाहर निकालने का निवेदन कर सकता था, लेकिन उसके लिए चीन को खुश करना ज़्यादा महत्वपूर्ण था और अपनी इसी कोशिश में उसने अपने नागरिकों की बलि देना उचित समझा।

बता दें कि इससे पहले 6 फरवरी को भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया था कि अगर पाकिस्तान सरकार वुहान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत सरकार की मदद मांगती है, तो हम उनके नागरिकों को वहां से निकालने पर विचार कर सकते हैं। इससे पहले पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि उनका वुहान से अपने नागरिकों को निकालने का कोई विचार नहीं है, जिसके बाद से ही वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्र अपनी सरकार को कोसते हुए वहां से सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर रहे हैं।

ऐसी ही एक वीडियो में एयरपोर्ट जा रही बस में भारतीय छात्रों को बैठता हुआ देखकर पाकिस्तानी छात्र कहता है कि “जब भारत अपने नागरिकों को निकाल रहा है तो पाकिस्तान सरकार अपने नागरिकों से कहती है कि तुम वहीं रहो और मरो। हम तुम्हें नहीं निकालेंगे और न ही तुम्हें घर लौटने में मदद करेंगे”। वायरल हो चुकी इस वीडियो में पाकिस्तानी छात्र कहता है, “पाकिस्तान सरकार तुम पर शर्म आती है। भारत से सीखो कि अपने लोगों की परवाह कैसे की जाती है।’ चीन में पाकिस्तान के 28 हजार से ज्यादा छात्र हैं और इनमें से 500 वुहान में हैं”।

https://twitter.com/gunjanm_/status/1223937265686044672?s=20

भारत पहले ही वुहान में फंसे अपने सभी नागरिकों समेत मालदीव के 7 नागरिकों को भी सुरक्षित निकाल चुका है और उन्हें अपने देश वापस ला चुका है। भारत के अलावा दक्षिण एशिया में नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देश भी वहाँ से अपने छात्रों को निकाल चुके हैं। हालांकि, पाकिस्तान ने चीन को खुश करने के लिए अपने नागरिकों को वुहान से बाहर नहीं निकालने का फैसला लिया है, जबकि यह पुष्ट हो चुका है कि चीन में पाकिस्तान के चार नागरिक कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। चीन को अपनी दोस्ती दिखाने के लिए उसने भारत के ऑफर को भी ठुकरा दिया। इससे पाकिस्तान ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि उसके लिए उसके नागरिकों से ज़्यादा चीन की खिदमत करना ज़्यादा महत्वपूर्ण है।

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