दुनिया के सबसे बुजुर्ग प्रधानमंत्री और मलेशियाई नेता महातिर मोहम्मद ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया है। रॉयटर्स के मुताबिक मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्म ने राज परिवार को इस्तीफा सौंप दिया है और अब हो सकता हो उनके साथी अनवर इब्राहीम अगले प्रधनमंत्री बने।इस बात की जानकारी हमने पहले ही अपनी कुछ रिपोर्ट्स में दी थी कि महातिर मोहम्मद कुर्सी छोड़ सकते हैं और यह मलेशिया के लोगों के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं होगी। महातिर की वजह से मलेशिया के संबंध भारत से कमजोर हुए हैं साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इस देश को कई बार शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा था।
JUST IN: Malaysian Prime Minister Mahathir Mohamad has submitted resignation to the king – sources pic.twitter.com/fbBlSa14oX
— Reuters (@Reuters) February 24, 2020
बता दें कि महातिर वर्ष 2018 में दूसरी बार मलेशिया के PM बने थे और तभी से उन्होंने मलेशिया के आर्थिक और कूटनीतिक पहलुओं को कमजोर करना शुरू कर दिया था। एक तरफ उन्होंने अपने भड़काऊ बयानों से भारत और अमेरिका जैसे देशों के साथ अपने रिश्ते खराब किए, तो वहीं इन देशों के साथ अपने व्यापार को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया, जिसका खामियाजा मलेशिया के मासूम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उम्मीद है कि महातिर के जाने के बाद देश के नए प्रधानमंत्री उनके द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई करने का प्रयास करेंगे।
महातिर मोहम्मद अपने राजनीतिक साथी अनवर इब्राहिम के साथ मिलकर सरकार चला रहे थे। सरकार बनाते समय महातिर ने यह वादा किया था कि एक या दो साल के बाद वे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर अनवर के लिए कुर्सी खाली कर देंगे। लेकिन पिछले वर्ष नवंबर में उन्होंने अपनी कुर्सी छोड़ने से साफ इंकार कर दिया था।
फाइनेंशियल टाइम्स को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने कहा था कि अभी कुर्सी छोड़ने का उनका कोई प्लान नहीं है और मौजूदा हालातों को देखते हुए देश चलाने के लिए वे ही सही व्यक्ति हैं। लेकिन अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। इससे मलेशिया के लोग सबसे ज़्यादा खुश होंगे क्योंकि वे महातिर की सरकार से खासा निराश थे।
जिस तरह उन्होंने देश को भ्रष्टाचार से उबारने के नाम पर पिछले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार किया है, खुद मलेशिया के लोग भी उनसे खुश नहीं थे। मलेशिया में महातिर मोहम्मद की सरकार की लोकप्रियता में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। पिछले वर्ष अप्रैल में प्रकाशित स्ट्रेट टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ एक साल के अंदर ही महातिर सरकार की लोकप्रियता में बड़ी कमी आई है, और महातिर की अप्रूवल रेटिंग 71 प्रतिशत से घटकर सिर्फ 46 प्रतिशत रह गयी थी । वहीं रिपोर्ट में यह भी लिखा था कि सिर्फ 39 प्रतिशत लोग ही उनकी सरकार को सकारात्मक फीडबैक देंगे।
इसके अलावा पिछले कुछ महीनों में भी वे ऐसे कदम उठा चुके हैं जिससे भविष्य में मलेशिया की अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुकसान पहुँच सकता है। पिछले वर्ष अगस्त महीने में उन्होंने यूएन में कश्मीर मुद्दे को उठाया था जिसने नई दिल्ली को बहुत आहत कर दिया था, रही सही कसर महातिर के CAA की आलोचना करने वाली बयान से पूरी कर दी। इसके बाद मलेशिया की पाम ऑयल इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। नीचे दिये हुए ग्राफ से आप समझ सकते हैं कि वर्ष 2019 के आखिर में भारत ने मलेशिया से पहले के मुक़ाबले बेहद ही कम मात्रा में पाम ऑइल का इम्पोर्ट किया था।
वहीं पिछले वर्ष ईस्ट एशिया समिट के दौरान भी महातिर ने चीन का बचाव करते हुए अमेरिका पर निशाना साधा था। दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान RCEP के मुद्दे पर बोलते हुए महातिर मोहम्मद ने कहा था कि अमेरिका जानबूझकर ASEAN देशों को टार्गेट कर रहा है ताकि अपनी शत्रुतापूर्ण व्यापार नीति के माध्यम से वह एक-एक करके सभी देशों को निशाना बना सके। महातिर मोहम्मद ऐसे समय में अमेरिका पर हमले कर रहे हैं जब खुद मलेशिया का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस है। वर्ष 2018 में अमेरिका के साथ मलेशिया का ट्रेड सरप्लस 26।5 बिलियन यूएस डॉलर था। वहीँ, मलेशिया उस चीन की गोद में बैठकर अमेरिका को गाली दे रहा है जिसके साथ उसका ट्रेड डेफिसिट है। यह दिखाता है कि मलेशिया ASEAN देशों में ASEAN के हितों के विरुद्ध चीन के हितों के लिए काम कर रहा है।
ऐसे में अब जब महातिर मोहम्मद अपनी कुर्सी छोड़ दी है, तो अनवर के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी है कि वे महातिर द्वारा की गई इन गलतियों को सुधरेंगे और भारत के साथ अपने रिश्ते दोबारा सही करने की दिशा में काम करेंगे।