हाल ही में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उपद्रवी छात्रों पर हुई कार्रवाई का एक बार फिर समर्थन किया। ये बातें योगी आदित्यनाथ ने रिपब्लिक के प्रमुख संपादक एवं चर्चित पत्रकार अर्नब गोस्वामी से साझा की। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने ये भी बताया कि कैसे यूपी पुलिस ने एएमयू को एक और जामिया बनने से रोका।
योगी आदित्यनाथ के अनुसार, “पुलिस किसी भी संस्थान में तब तक दाखिल नहीं होगी, जब तक संस्थान हमें स्वीकृति नहीं देती। 15-16 दिसंबर के बीच जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में हिंसा हुई थी। इसी प्रकार से एएमयू में हिंसा भड़काने का प्रयास किया गया था, परंतु हमने उपद्रवियों को संस्थान से बाहर ही निकलने नहीं दिया। अब कोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है और उन्होंने मानवाधिकार विभाग को इस घटना पर एक रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया है”। इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया, “हमने विश्वविद्यालय से ये भी कहा है कि यदि बात कानून और व्यवस्था पर बन आए, तो हम कहीं भी प्रवेश करने से पहले एक बार भी नहीं सोचेंगे”।
कानून व्यवस्था को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए यूपी के मुख्यमंत्री से जब अर्नब ने पूछा कि शर्जील इमाम के विरुद्ध देर से एक्शन क्यों लिया गया, जबकि उसके भड़काऊ भाषण का विडियो वायरल हो चुका था। इस पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, “सरकार सभी विश्वविद्यालयों के स्वायत्तता का सम्मान करती है, परंतु सभी विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किया गया है कि यदि उनकी गतिविधियों के कारण कानून व्यवस्था को कोई नुकसान पहुंचता है, तो सरकार उचित एक्शन लेने से नहीं हिचकिचाएगी”।
ऐसा दिसम्बर में देखने को भी मिला था जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हिंसा देखने को मिली थी। इस सा मामले में योगी सरकार ने AMU के हजार अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। अब हाल के इंटरव्यू को देखकर तो यही लगता है कि एएमयू में देश विरोधी गतिविधियों में कमी नहीं आई तो योगी सरकार इस यूनिवर्सिटी को बंद करने पर भी विचार कर सकती है।
#UPDATE Akash Kulhari,SSP Aligarh: There was a clerical mistake in the report, case registered against 1,000 students and not 10,000 https://t.co/uN6wbjOy8e
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 28, 2019
इससे स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है और यदि एएमयू जैसे संस्थानों के उपद्रवी छात्रों ने इस काम में अड़ंगा डालने का प्रयास किया, तो वे उनके विरुद्ध एक्शन लेने से भी नहीं हिचकिचाएँगे। पिछले कुछ समय से एएमयू केवल गलत कारणों से खबरों में बना हुआ है, और जिस तरह से योगी आदित्यनाथ की सरकार असामाजिक तत्वों से निपट रही है, उससे तो यही आशा की जा रही है कि वे इस समस्या से भी आसानी से निपट लेंगे।
यह तो स्पष्ट है कि एएमयू में बड़े पैमाने पर सुधार की आवश्यकता है, जिसमें कानून व्यवस्था को बनाए रखना सबसे अहम है। योगी सरकार इस दिशा में प्रयासरत है और यही वजह है कि एएमयू में देश विरोधी गतिविधियों में बड़ी कमी देखि गयी है। इसके अलावा सरकार को चाहिए कि वे एक स्थायी पुलिस स्टेशन का निर्माण कैम्पस में करे, जिससे गैर कानूनी गतिविधि, हिंसा और गुंडई पर कुछ हद तक रोक लगाई जा सकती है। सच कहें तो ऐसे कदम पहले भी लिए जा चुके हैं। उदाहरण के तौर पर गया में स्थित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक स्थायी पुलिस स्टेशन का निर्माण हुआ था। कुछ जगहों पर संस्थान पैरा मिलिट्री संस्थाओं की सेवा लेने से भी नहीं हिचकिचाते। उदाहरण के तौर पिछले ही वर्ष शांतिनिकेतन में स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय भारत में पहली ऐसी संस्थान बनी जिसके पास एक स्थायी सेक्युरिटी फोर्स है जिसकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की गयी थी। सरकार ने इस फोर्स का गठन कुलाधिपति के आवेदन पर किया था, क्योंकि संस्थान में अराजकता दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी।
ऐसे में एएमयू में एक ऐसा पुलिस स्टेशन या फोर्स का गठन नहीं किया जाना कई मायनों में यहाँ छात्रों द्वारा फैलाए जा रहे उपद्रव पर काबू पाया जा सकेगा। एएमयू एक केन्द्रीय संस्थान, जिसे संसद के एक अधिनियम के माध्यम से केन्द्रीय संस्थान की मान्यता मिली है। निस्संदेह संस्थान की स्वायत्ता आवश्यक है, परंतु इसकी आड़ में अराजकता और देशद्रोह की भावनाओं को संस्थान में बढ़ावा नहीं दिया जा सकता।
शर्जील इमाम का भाषण बताता है कि किस तरह अराजकता, कट्टरपंथ और सांप्रदायिक भेदभाव ने संस्थान में अपनी जगह बनाई है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि ये शर्मनाक एपिसोड एएमयू की लाईमलाइट में आया हो। जिन्ना के तस्वीर से संबन्धित विवाद और उससे जुड़ी सांप्रदायिकता से साफ पता चलता है कि कैसे एएमयू में कट्टरपंथियों ने अपनी पकड़ मजबूत की है, और इसी कट्टरपंथ पर उत् प्रदेश सरकार को लगाम लगानी है। इसके संकेत भी योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इंटरव्यू में दे दिए हैं। योगी सरकार एएमयू में उपद्रवियों के विरुद्ध एक्शन लेने से ज़रा भी नहीं हिचकिचा रही है, और हम आशा करते हैं कि एएमयू में योगी सरकार के नेतृत्व में और बड़े सुधार देखने को मिले फिर भी कोई उत्पात मचाता है तो यूपी पुलिस अनुशासन बेहतर तरीके से सीखा ही देगी।