पिछले दो दिनों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों ने दिल्ली में हिंसक रूप ले लिया है। दंगाइयों ने उपद्रव मचाते हुए पूर्वोत्तर दिल्ली में काफी रक्तपात किया है। दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल समेत 20 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है, और वहीं 250 से ज़्यादा व्यक्ति घायल बताए जा रहे हैं। फिलहाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने कमान संभाल ली है, और अमित शाह द्वारा बुलाई गई आपात बैठक के बाद दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त [कानून व्यवस्था] के तौर पर एसएन श्रीवास्तव नियुक्त किया गया है।
परंतु एसएन श्रीवास्तव कौन है? उनकी नियुक्ति से दिल्ली के पूर्वोत्तर क्षेत्र में सुधार आने के कयास क्यों लगाए जा रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि एसएन श्रीवास्तव देश के उन चुनिन्दा पुलिस अफसरों में शामिल हैं, जिन्होंने हर चुनौती का सामना करते हुए अपने कर्तव्य पर अड़े रहे। एस.एन. श्रीवास्तव इससे पहले भी दिल्ली पुलिस में विभिन्न पदों पर तैनात हो चुके हैं, और ऐसे में वे दिल्ली के वातावरण और उसकी राजनीतिक परिदृश्य से भली-भांति परिचित होंगे। ऐसा भी माना जा रहा है कि वे ही दिल्ली के अगले पुलिस मुखिया होंगे, क्योंकि वर्तमान पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को एक महीने का एक्सटेंशन दिया गया था, और यह 29 फरवरी को समाप्त हो रहा है।
इसके अलावा एसएन श्रीवास्तव एक बेहद सख्त पुलिस अफसर हैं, जिन्हें कानून व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में महारत प्राप्त है। इससे पहले एसएन श्रीवास्तव को सीआरपीएफ के वेस्टर्न जोन का एडीजी बनाया गया था। उन्होंने आर्मी के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में कई ऐंटी टेरर ऑपरेशन्स को अंजाम दिया था। 2017 में उन्होंने सीआरपीएफ के साथ मिलकर दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उनका घाटी से सफाया भी किया। इसमें हिजबुल के कई टॉप कमांडर्स भी शामिल थे।
इसके बाद एसएन श्रीवास्तव को सीआरपीएफ का स्पेशल डीजी (ट्रेनिंग) बना दिया गया। वहीं मंगलवार की शाम को उन्हें वापस दिल्ली पुलिस में तैनात किया गया और उन्हें तत्काल पद ग्रहण करने को कहा गया। पद ग्रहण करते ही उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर बैठक ली। शायद इसी का असर था कि जहां एक ओर जाफराबाद के मेट्रो स्टेशन से उपद्रवियों को तुरंत हटाया गया, तो वहीं पर पूर्वोत्तर दिल्ली में उपद्रवियों को देखते ही गोली मार देने के आदेश दिए गए।
शाहीन बाग का विरोध प्रदर्शन निरर्थक सिद्ध होने के बाद सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे के एक दिन पहले ही जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर कब्ज़ा जमाने का प्रयास किया। रविवार शाम मौजपुर में दंगाइयों ने कपिल मिश्रा द्वारा निकाली गई सीएए समर्थक रैली पर जमकर पथराव किया। हिंसा की कई घटनाएं जाफराबाद, मौजपुर और बाबरपुर के अंदरूनी हिस्सों में भी सामने आई हैं।
गृहमंत्री अमित शाह द्वारा हिंसा की आशंका के चलते पुलिस ने यहां सभी गैरजरूरी आवाजाही रोक दी है। मुख्य सड़क मार्ग पर बैरिकेड लगाए गए हैं। सड़कों पर वाहनों के साथ-साथ पैदल व्यक्तियों की आवाजाही भी नियंत्रित की गई है। साथ ही सड़क के दोनों ओर बड़ी तादात में दिल्ली पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स और अर्द्धसैनिक बलों के सशस्त्र जवान तैनात किए गए हैं।
इतना ही नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने भी स्थिति को संभालते हुए दिल्ली पुलिस के अफसरों से बातचीत की है, और मामले की कमान अपने हाथ में ली है। ऐसे में एसएन श्रीवास्तव जैसे मंझे हुए अफसर को दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त के तौर पर नियुक्त कर केंद्र सरकार ने स्थिति को काबू में लाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है।