कोरोना की जद में पाकिस्तान की आम जनता के साथ-साथ अब पाकिस्तानी सेना भी आती दिखाई दे रही है। आलम यह है कि पाकिस्तानी सेना के 8 टॉप ओफिसर्स को कोरोना से ग्रसित पाया गया है। इससे पाकिस्तान सेना में भयंकर डर का माहौल बन गया है और जवानों ने duty पर जाने से मना कर दिया है।
पाकिस्तान ने कोरोना को लेकर शुरू से ही ढीला-ढाला रवैया दिखाया जिसका कारण अब ना सिर्फ पाकिस्तान की आम जनता बल्कि सेना भी कोरोना की चपेट में आ गयी है। ऐसा ही चलता रहा तो पाकिस्तानी सेना जल्द ही इस कोरोना स्ट्राइक की वजह से घुटने टेक सकती है।
पाकिस्तान में जब से सरकार ने कोरोना को काबू करने के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया को सख्ती से लागू करना शुरू किया है, तभी से लगातार देश में कोरोना के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इससे डर बढ़ गया है कि पाकिस्तान समेत दक्षिण एशिया के सभी देशों में वुहान वायरस के मामलों की रिपोर्टिंग सही से नहीं हो रही है और इसके कारण इन देशों में यह महामारी बड़ा रूप धारण कर सकती है।
पाकिस्तान वुहान वायरस से बुरी तरह पीड़ित दो देशों के साथ सीमा साझा करता है, और पाकिस्तान ने काफी समय तक इन देशों के साथ अपने बॉर्डर को बंद नहीं किया। जनवरी में चीन में शुरू हुई यह बीमारी जनवरी महीने के अंत तक ईरान में पहुँच चुकी थी और फरवरी में 23 तारीख तक पाकिस्तान ने इरान से सटे अपने बॉर्डर को बंद नहीं किया।
यानि फरवरी महीने में लंबे समय तक ईरान में पाकिस्तानी नागरिकों का आना जाना लगा रहा था, जो कि बड़े पैमाने पर वुहान वायरस से पीड़ित देश है। इसके अलावा पाकिस्तान में चीन से भी लगातार फ्लाइट्स आती रही, जिसमें शक है कि कोरोना से पीड़ित मरीज भी पाकिस्तान में बिना किसी रोकथाम के आते रहे।
बता दें कि पाकिस्तान वही देश था जिसने अपने देश में कोरोना ना घुसने देने के लिए चीन के वुहान से अपने नागरिकों को बाहर निकालने से मना कर दिया था। पाकिस्तानी छात्रों ने तब पाकिस्तानी सरकार से उन्हें बाहर निकालने की काफी मिन्नतें की थी, लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने उनकी एक बात भी मानने से इंकार कर दिया था। इसके उलट एक पाकिस्तानी अधिकारी ने उन छात्रों को संदेश दिया था कि “ज़िंदगी और मौत को अल्लाह के हाथ में हैं, यहाँ आनी है या वहाँ आनी है”।
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अब लगता है कि पाकिस्तानी सेना को अपनी इस लापरवाही का सबसे बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही गर्त में जा चुकी है और इसके साथ ही पाकिस्तान में हैल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर बहुत ही घटिया गुणवत्ता का है, जिसके कारण वहाँ इस वायरस फैलने के चांस बहुत ज़्यादा है।
जिस प्रकार पाकिस्तानी सेना के फ़ौजी काम पर आने से मना कर रहे हैं, उससे पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था के चरमराने का खतरा भी बढ़ गया है। अब देखना यह होगा कि पाकिस्तानी सेना इस कोरोना स्ट्राइक से किस प्रकार लड़ती है और वह इसका मुक़ाबला कर भी पाएगी या नहीं।