पहले केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों को खतरे में डाला, अब Kerala की कम्युनिस्ट सरकार ने भी मजदूरों को कोरोना की चपेट में ढकेला

सबसे ज्यादा मामले केरल में हैं, कम्युनिस्ट विजयन मजदूरों को मारकर रहेंगे क्या?

केरल

जब से भारत में कोरोना वायरस का मामला आया है तब से ही केंद्र सरकार ने हर वो कदम उठाया है जिससे इस महामारी के प्रसार को रोका जा सके। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से ही अभी तक इस महामारी के लिए किए गए टेस्ट में से पॉज़िटिव केस 2 प्रतिशत तक सीमित हैं जो कि अन्य देशों के मुक़ाबले सबसे कम है।

परंतु ऐसी आपदा के समय में भी राजनीति करने वाले बाज नहीं आ रहे है।  केंद्र सरकार की इस सफलता को असफलता में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें सबसे आगे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केरल की कम्युनिस्ट सरकार है।

बता दें कि पीछले शनिवार को दिल्ली और यूपी के बार्डर पर लाखों की तादाद में प्रवासी श्रमिकों को दिल्ली से यूपी आना पड़ा। इसका कारण दिल्ली सरकार द्वारा उड़ाई गयी अफवाह थी जिसमें यह कहा गया था कि यूपी बार्डर पर बसे उनका इंतज़ार कर रही है। इस गंदी राजनीति का यह परिणाम हुआ कि लाखों की संख्या में श्रमिक बस अड्डो और बार्डर पर सोशल डिस्टेन्सिंग को धत्ता बताते हुए जमा होने लगे। इसके बाद यूपी की योगी सरकार को आनन फानन में सभी श्रमिकों को बसों के द्वारा उनके गंतव्य तक पहुंचाना पड़ा।

इसी तरह के हालात अब केरल में भी है। केरल के कोट्टयम जिले की एक वीडियो सामने आई है जिसमें हजारों प्रवासियों को वापस भेजने के लिए प्रदर्शन करते देखा जा सकता है। कोरोना के समय में किसी भी जिले में इस तरह के प्रदर्शन से संक्रमण का खतरा कई गुना अधिक बढ़ जाता है और केरल में कोरोना पॉज़िटिव मामले में बहुत आगे है।

https://twitter.com/GirishP45126383/status/1244229111037345793

लेकिन केरल के हालात इससे भी बदतर हो सकता है जो हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। असम की एक अन्य वीडियो भी सामने आया कि अवैध बांग्लादेशी केरल से परिवहन ट्रकों में वापस असम लौट रहे हैं। कल्पना कीजिए कि अवैध प्रवासी देश भर में लगभग 3,000 किलोमीटर की यात्रा कर असम तक पहुंच जाता है वो भी तब जब देश में लॉक डाउन हो, और किसी भी प्रकार की यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध की आवश्यकता हो।

इन अस्वाभाविक परिस्थितियों में एक-दूसरे के साथ भीड़ में यात्रा करने वाले ये अवैध अप्रवासी अब पूर्वोत्तर के लिए खतरा पैदा करते हैं, जहां अब तक केवल दो ही कोरोनावायरस के पॉज़िटिव मामले आए हैं।

https://twitter.com/porbotialora/status/1244290379693715457

दिल्ली में जो हुआ और जो केरल में हो रहा है, उसके बीच एक समानांतर रेखा खींची जा सकती है। क्योंकि इन दोनों ही यानि केरल और दिल्ली में जो हुआ उसने देश में एक प्रवासी संकट शुरू कर दिया है। केरल के भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा, प्रवासी बेचैन हैं क्योंकि उन्हें भोजन और रहने के लिए आवास नहीं मिल रहा है। इसी कारण से वे घर जाना चाहते हैं।

दिल्ली में भी भोजन और आवास की कमी भी प्रवासी संकट का कारण है। लेकिन अन्य राज्यों में कई तरह की व्यवस्थाएं की गयी हैं। अब केंद्र सरकार ने भी लॉकडाउन का पालन न करने पर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया गया है कि राज्यों की सीमाओं को सही तरीके से सील बंद किया जाए और शहरों राजमार्गों पर केवल आवश्यक वस्तु के वाहन चलें ना कि आम लोगों के वाहन चलें।

Exit mobile version