राहुल गाँधी की मैथमेटिक्स का कोई सानी नही है वो एक पल में किस आंकड़े को अपने शानदार कैलकुलेशन से दोगुना, यहाँ तक कि 10 गुना करते हैं उसे आज तक कोई समझ नही पाया। देश के प्रभावी गणितज्ञ राहुल गांधी ने एक बार फिर से सरकार से सवाल किये और सवाल सुनकर सरकार समेत पत्रकारों के भी पसीने छूटने लगे। हालांकि, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने उनके सवाल का सटीक जवाब दिया, लेकिन वो बाद में राहुल गाँधी के 50 से 500 वाले गणित को सुनकर हैरानी में पड़ गये होंगे।
अब आपको पूरा मामला समझाते हैं। हुआ यूं कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सोमवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बैंकिंग फ्रॉड के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सवाल पूछा। देश की बुरी अर्थव्यवस्था से व्यथित राहुल गांधी ने सरकार से तीखे अंदाज में पूछा कि “हमारी इकोनॉमी बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। हमारी बैंकिंग व्यवस्था काम नहीं कर रही है। बैंक फेल हो रहे हैं। और मुझे लगता है कि मौजूदा वैश्विक हालात की वजह से और बैंक भी डूब सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह बैकों से पैसों की चोरी है। मैंने सरकार से पूछा था कि सबसे बड़े 50 विलफुल डिफॉल्टर हिंदुस्तान में कौन कौन हैं तो मुझे कोई जवाब नहीं दिया गया। घुमा फिरा कर कुछ जवाब दिए गए पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया।”
Lok Sabha MP Shri @RahulGandhi questions the govt on wilful defaulters & the exorbitant rise of bad loans written off by the BJP govt.#MPFloorTest #MondayMotivaton #MondayMotivaton #mondaythoughts #MondayMorning #rahulgandhi pic.twitter.com/X30NO1zELn
— we love Congress (@welovecongress_) March 16, 2020
राहुल गाँधी के इस सवाल का जवाब दिया युवा नेता वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने और कहा कि “2010 से 2014 तक जो ग्रॉस एडवांस दिए गए थे, उनमें से कितने फ्रॉड होते थे, कितने डिफॉल्ट होते थे। वो ग्रॉस एडवांस के 0.64 फीसदी है। ये कम होकर 2018-20 में 0.18 फीसदी रह गए और 2019-20 में कम होकर 0.08 फीसदी रहे गए।” अनुराग ठाकुर ने आगे समझाते हुए कहा कि “ऐसा क्यों हुआ क्योंकि इनके समय औसत ग्रोथ रेट 18 थी जो एडवांस और क्रेडिट दिया जाता था। और फ्रॉड साथ में होते थे। लेकिन हमारी सरकार ने आकर एसेट क्वालिटी रिव्यू करवाने के साथ ही असली एनपीए के आंकड़े देश के सामने रखे। बैंकों का पुन: पूंजीकरण किया गया।”
Shashi ji,
List of wilful defaulters is already in public domain – https://t.co/39Y6GC501K
Please enlighten Mr @RahulGandhi regarding this & Parliamentary procedure.
Your query & text of actual Q305 are different.
My LS reply (on my Twitter timeline) is based on hard facts. https://t.co/pmOiXwxmxp
— Anurag Thakur (मोदी का परिवार) (@ianuragthakur) March 16, 2020
इसके बाद राहुल गाँधी के 50 विलफुल डिफाल्टर के जवाब में उन्होंने कहा कि “50 विलफुल डिफॉल्टर्स की जानकारी केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) की वेबसाइट मौजूद है। इसमें छिपाने की बात ही नहीं है। इनकी सरकार के दौरान पैसे लिए गए थे। कुछ लोग अपने किए पापों को दूसरे के सिर मढ़ना चाहते हैं। ये सभी जानकारी वेबसाइट पर मौजूद है। अगर आप चाहते हैं कि नाम पढ़े जाएं तो मैं सारे के सारे नाम पढ़ सकता हूं।”
इसके बाद अनुराग ठाकुर ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बीच 2 करोड़ रुपये में हुए पेटिंग सौदे का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “पेटिंग किसने बेची और किसके खाते में पैसा गया। वरिष्ठ सदस्य का सवाल दिखाता है कि इस विषय में उनकी समझ कितनी कम है।” अनुराग ठाकुर ने अपने जवाब से सभी पश्नों के उचित और तार्किक जवाब दिया और एक समझदार नेता के लिए ये जवाब पर्याप्त होते हैं।
‘Privileged’ Mr Gandhi disrespects Parliamentary rules, is unwilling to view publicly available information and accept hard facts I stated in Lok Sabha.
Why are you running away from the truth?
Wilful Defaulters List: https://t.co/39Y6GC501K
Lok Sabha Reply: 👇🏼 pic.twitter.com/ysn031OXuQ
— Anurag Thakur (मोदी का परिवार) (@ianuragthakur) March 16, 2020
ऐसा लगता है कि अनुराग ठाकुर के जवाब से महान गणितज्ञ राहुल गांधी संतुष्ट नहीं हुए थे या फिर चर्चा के दौरान कहीं खोये हुए थे या सोये हुए थे, जैसा कि आमतौर पर वो करते हुए कई बार कैमरे में कैद भी हुए हैं, तभी मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने एक अलग ही नंबर पेश कर दिया।
Confused all time ….. Pappu the entertainer#RahulGandhi #Congress #BJP pic.twitter.com/NwtxlEZzIN
— TeachLessonToChina (@Getunited_hindu) March 16, 2020
पिछत्तीस लाख जैसे नए नंबर का अविष्कार करने वाले राहुल गाँधी ने संसद से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘मैंने संसद में सरकार से मैंने पूछा था कि सबसे बड़े 500 डिफॉल्टर्स कौन हैं। स्पीकर की ड्यूटी है कि मेरे अधिकारों की रक्षा करें, लेकिन उन्होंने मुझे दूसरा सवाल पूछने नहीं दिया। यह मेरे अधिकारों का हनन है। यह गलत है।‘ राहुल गाँधी ने आगे कहा कि ‘सरकार इन 500 लोगों का नाम लेने के लिए क्यों डरी हुई है। हमें पता है कि देश की अर्थव्यवस्था आगे नहीं बढ़ रही है। 500 लोगों ने देश की संपत्ति की चोरी की है’।
संसद में 50 और संसद से बाहर आते ही गणित के विद्वान राहुल गाँधी ने डिफॉल्टर्स की लिस्ट 500 कर दी मतलब 10 गुना। अब ये काम केवल यही कर सकते हैं। हालांकि, अनुराग ठाकुर ने अच्छे से पहले ही इशारों इशारों में कह दिया था कि सवाल करने वाले में कितनी समझ है ये उस व्यक्ति के सवाल से ही पता चलता है। और राहुल गाँधी की समझ पर कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है।