दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा यूपी और बिहार के लगभग 2 लाख से अधिक प्रवाशियों को यूपी बार्डर पर DTC बसों से पहुंचाने के बाद खड़ी हुई समस्या के बाद अब केंद्र ने लॉकडाउन को सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया गया है कि राज्यों की सीमाओं को सही तरीके से सील बंद किया जाए और शहरों राजमार्गों पर केवल आवश्यक वस्तु के वाहन चलें ना कि आम लोगों के वहान चलें।
केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य और जिले के सभी बॉर्डर पूरी तरह से सील किये जाएं जिससे एक राज्य से दूसरे राज्य में और एक जिले से दूसरे जिले में लोगों की आवाजाही न हो पाए। ये संदेश भी दिया गया है कि जिन लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है और लॉकडाउन की अवधि के दौरान यात्रा की है उन्हें सरकारी नियम के मुताबिक सरकारी सुविधाओं में न्यूनतम 14 दिनों के लिए रहना होगा।
Center directs States to ensure no movement of people across cities. All arrangements be made for migrant labourers at their place of work including timely payment of wages. Action should be taken against those asking students/labourers to vacate: Govt of India. #COVID19 pic.twitter.com/8sXiiHvfIo
— ANI (@ANI) March 29, 2020
बता दें कि यूपी, बिहार और झारखंड के लगभग 2 लाख से अधिक लोग यूपी और दिल्ली के बार्डर पर अपने घर जाने के लिए जमा हो गए थे जिसके कारण कोरोना फैलने की आशंका बढ़ गयी थी।
केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों में कहा गया कि जिले के डीएम और एसपी को इन निर्देशों के पालन के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए जो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी किए गए हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों सहित गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन और उनके रहने की पर्याप्त व्यवस्था उनके काम के स्थान पर ही की जानी चाहिए।
बता दें कि पीएम मोदी ने पूरे भारत में संपूर्ण लॉक डाउन का ऐलान किया था, उन्होंने कहा था कि अगले 21 दिन तक लॉकडाउन रहेगा। परंतु उसके बाद कई राज्यों से कई लोगों के पैदल ही अपने-अपने गृह राज्य जाने की खबर आई थी। कल दिल्ली में यह मामला बढ़ा और दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा प्रवासियों को अफवाहें फैलाकर यूपी बार्डर पर भेज दिया गया। कई लोग तो आनंद विहार बस अड्डे पर जमा हो गए थे।
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इसी के मद्देनजर केंद्र ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों से लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों की आवाजाही को रोकने के लिए प्रभावी तरीके से राज्य और जिलों की सीमा सील करने को कहा है। मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उनसे सुनिश्चित करने को कहा कि शहरों में या राजमार्गों पर आवाजाही नहीं हो क्योंकि लॉकडाउन जारी है।
सरकार ने विज्ञप्ति में कहा, ‘यह नोट किया गया है कि बड़े और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दिशानिर्देशों का प्रभावी कार्यान्वयन हुआ है। आवश्यक आपूर्ति भी बनाए रखी गई है। स्थिति पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है और आवश्यकतानुसार उपाय किए जा रहे हैं।’
एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘देश के कुछ हिस्सों में प्रवासी कामगारों की आवाजाही हो रही है। निर्देश जारी किए गए हैं कि राज्यों और जिलों की सीमा को प्रभावी तरीके से सील करना चाहिए।’
केंद्रीय कैबिनेट सचिव और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने इस विषय पर शनिवार की देर शाम और आज सुबह राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशक के साथ लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
अधिकारी ने बताया कि प्रवासी कामगारों सहित जरूरतमंद और गरीब लोगों को खाना और आश्रय मुहैया कराने के लिए समुचित इंतजाम किए जाएंगे। इस दौरान कोरोना वायरस के मामलों की भी समीक्षा की गई यह समीक्षा भी की गई कि कहां मामले बढ़ रहे हैं और कहां स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। इन दिशा निर्देशों में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि आवश्यक सामानों की आपूर्ति बनाई रखी जाए।
अगर यह खतरनाक वायरस गांवों तक पहुंचता है तो गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है। और जिस तरह के दिल्ली यूपी के बार्डर और केरल में प्रवासियों की खबर आरही है बॉर्डरों को सील किया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया था।