देश में कुछ भी हो, हमारे बॉलीवुड में दो गुट स्पष्ट दिखाई देते हैं। पक्ष में और विपक्ष में। परंतु पूर्वोत्तर दिल्ली में भड़के दंगों पर जिस तरह बॉलीवुड के विभिन्न सितारों की प्रतिक्रिया आई है, उससे स्पष्ट पता चलता है कि बॉलीवुड अभी दो धड़ों में बंटा हुआ है, एक जो केवल लाइमलाइट में बने रहने के लिए देशद्रोहियों का भी समर्थन करने को तैयार है, और दूसरे, सोच समझकर अपने विचारों को सामने रखते हैं।
पहले बात करते हैं उनकी, जो इन दंगों में भी अपना निजी एजेंडा साधने में लगे हुए हैं। पूर्वोत्तर दिल्ली में भड़के दंगों के बाद भी कुछ लोग ऐसे थे, जो इसके लिए भी हिंदुओं को दोषी ठहराने में लगे हुए थे, और कपिल मिश्रा को हिरासत में देखना चाहते थे। इनमें सबसे आगे थीं स्वरा भास्कर, जो न सिर्फ दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की मृत्यु के लिए दिल्ली पुलिस को ही दोषी ठहराया, अपितु सीएए विरोध के नाम पर एनआरसी के बारे में बेतुकी अफवाहें भी फैलाई –
“Go ahead and throw stones!!!!” 👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽 Slow claps for @DelhiPolice
One of your own is dead because of your dereliction of duty! #DelhiPolice #DelhiBurning https://t.co/uFTc4NlAs1— Swara Bhasker (@ReallySwara) February 24, 2020
परंतु स्वरा भास्कर के जिस वीडियो पर बहुत कम लोगों का ध्यान गया था, वो था जामिया मिलिया में उपद्रवियों पर हुई पुलिस कार्रवाई पर उनके विरोध का।
This is actress, Swara Bhasker, inciting mobs by lying that the police is attacking Muslim households cuz they eat meat.
She has also said it on record that Delhi Police is with Hindus. Shouldn’t she be arrested for instigating Muslims against the state?pic.twitter.com/xtPw6q2o6X
— Sonam Mahajan (@AsYouNotWish) February 27, 2020
अब बात सीएए विरोध की हो, और अनुराग कश्यप का नाम न लिया जाये, ऐसा हो सकता है क्या? दिल्ली में भड़के दंगों के लिए वे प्रारम्भ से ही हिन्दू आतंकवाद की भूमिका पर ज़ोर दे रहे थे और वर्तमान ट्वीट्स को देखकर ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता कि वे आगे इस बेतुके सिद्धान्त से ज़रा भी विमुख होने वाले हैं –
इतना तो आज साफ है कि PRO-CAA का मतलब Anti-Muslim है बस और कुछ नहीं ।
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) February 24, 2020
परंतु ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें पश्चिमी मीडिया की एकतरफा कवरेज बिलकुल भी रास नहीं आई है। इन्हीं में शामिल हैं अभिनेता और हाल ही में फिल्म निर्माण की ओर मुड़े तुषार कपूर, जिन्होंने पश्चिमी मीडिया की एकतरफा कवरेज को लताड़ते हुए ट्वीट किया, “यह बहुत ही दुखदायी है जब अंतर्राष्ट्रीय मीडिया हमारे देश के बारे में ऐसी कवरेज करे। अब तो सोचता हूँ कि कहीं उत्तर कोरिया के बारे में इनकी खबरें सच भी हैं या नहीं?” –
https://twitter.com/TusshKapoor/status/1234327063860928512
इस पर जब अभिनेता संजय खान की बेटी फराह खान अली ने तुषार को घेरने का प्रयास किया, तो तुषार ने उसे फराह को आइना दिखाते हुए कहा, “लगता है आपने अपनी सुबह की कॉफी नहीं ली है, क्योंकि अर्ध सत्य को अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा प्रकाशित करना स्थिति को नकारने से भी बुरा है। तो जागने की ज़रूरत आपको है, मुझे नहीं” –
Dearest farah, maybe you’ve not had your morning coffee yet, but talking about half truths in the international media is not the same as being in denial of the current situation! So…Good morning my sweet friend!
— Tusshar (@TusshKapoor) March 2, 2020
अब इनकी फिल्म choices उतनी आकर्षित हो न हो, परंतु इस बार तुषार कपूर ने बात पते की कही है। परंतु तुषार कपूर अकेले नहीं हैं जिन्होंने संकट के इस समय में भी अपना संयम कायम रखा। जब रिचा चड्ढा जैसी अभिनेत्री मोहम्मद शाहरुख के चित्र को ट्वीट करते हुए दिल्ली पुलिस को दंगों के लिए दोषी ठहरा रही थी, तो अभिनेत्री रवीना टंडन ने उसे आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया, “हाँ, सही है आप। दिल्ली पुलिस काफी overworked हैं, और उनका एक जवान मारा गया। काश आप इनके लिए भी कुछ समवेदनाएँ प्रकट करती। उनकी [आपकी तरह] लाइफ हमारी तरह लक्ज़री से भरी हुई नहीं है, और उन्हें एक thankless जॉब का हिस्सा बनना पड़ा है, और हम लोग उनपर अनावश्यक दबाव बढ़ा रहे हैं” –
Overworked and one dead too. Folks . If we could be kind enough also to offer some condolences to the bereaved. They don’t have cushy lives and are stuck in a thankless job. Constantly under pressure. A few bad apples can spoil the cart. https://t.co/zmy8TBHOcK
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) February 24, 2020
फलस्वरूप रिचा को अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा। वहीं परेश रावल खुलकर दिल्ली के दंगों में भी एजेंडा साधने वालों के विरुद्ध अपने तरीके से टूट पड़े, और उन्होंने प्रमुख रूप से रवीश कुमार जैसे लोगों को आड़े हाथों लिया। जब रवीश कुमार ने मोहम्मद शाहरुख को अनुराग मिश्रा बनाने की कोशिश की, तो परेश रावल ने पूर्व सैन्य अफसर और खिलाड़ी, मेजर सुरेन्द्र पूनिया का ट्वीट शेयर करते हुए कहा, ‘कोई मीडिया है तो कोई भेड़िया भी’ –
कोई मिडिया है तो कोई भेड़िया है ! https://t.co/N02dURUZSQ
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) February 27, 2020
इतना ही नहीं, जब विजेंदर सिंह ने इन दंगों में भी 2002 का मुद्दा घसीटने की कोशिश की, तो परेश रावल ने अपने ही अंदाज़ में ट्वीट किया, “जनाब आपको बॉक्सिंग और बकवास में फर्क समझ लेना चाहिए” –
जनाब आपको बोकसिंग और बकवास का फ़र्क़ समझ लेना चाहिये ! https://t.co/jh9SkSQMTN
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) February 28, 2020
जहां दिल्ली के दंगों पर बॉलीवुड के कई हस्तियों ने संयम बरतने और शांति कायम करने की अपील की, तो वहीं स्वरा भास्कर और अनुराग कश्यप जैसे लोग भी थे, जिनहोने इसे हिन्दू आतंकवाद और 2002 के दंगों से जोड़ने का प्रयास किया था। परंतु तुषार कपूर के ट्वीट्स से जो घमासान मचा, उससे सिद्ध हो गया कि अब वामपंथी पूरे बॉलीवुड को अपने इशारों पर नहीं नचवा सकते।