गोडसे के रिवॉल्वर से मोक्ष के लिए आत्महत्या तक’ – सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद MP कांग्रेस सठिया गयी है

सिंधिया

“अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का, यार ने ही लूट लिया घर यार का”। पिछले दो दिनों से मानो ये गीत कांग्रेस पार्टी का पसंदीदा गीत बन चुका है। एक दिलजले आशिक की भांति कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया के त्यागपत्र को अभी तक नहीं पचा पायी है। ‘वो मेरी नहीं हुई तो किसी की नहीं हो सकती’ वाले तर्ज पर कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई अब पूरी तरह सठिया गयी है। नाथूराम गोडसे के साथ कनैक्शन जोड़ने से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को मौत की धमकियाँ भेजने तक, आपको मध्य प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर सब कुछ मिलेगा।

सबसे पहले, कांग्रेस पार्टी की फजीहत कराने में अग्रणी नेताओं में से एक दिग्विजय सिंह ने सभी को चौंकाते हुए ट्वीट किया, “महात्मा गांधी को मारने के लिए नाथूराम गोडसे ने जिस रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया, उसे ग्वालियर के परचुरे ने उपलब्ध कराया था”। दिग्विजय ने ट्वीट में जिस परचुरे का नाम लिया, उनका पूरा नाम डॉ. डीएस परचुरे था। वह ग्वालियर में एक हिंदू संगठन के प्रमुख थे। इनके बारे में और अनुसंधान करना पड़ेगा” –

चचा तो सीरियस हो गए। जीतू पटवारी ने खुन्नस में ज्योतिरादित्य सिंधिया को गद्दार कहा था, दिग्विजय सिंह तो इसे दस कदम आगे ले गए।  ज्योतिरादित्य सिंधिया को महात्मा गांधी की हत्या से जोड़ने का दिग्विजय सिंह ने जो प्रयास किया है, उसे हास्यास्पद नहीं तो क्या कहें?

परंतु बात यहीं पर नहीं रुकी। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जिस प्रकार से ट्वीट्स की झड़ी लगा दी, उससे लगा मानो ज्योतिरादित्य सिंधिया को इन्होंने ज़लील करने की कसम खा ली है। एक ट्वीट में मध्य प्रदेश कांग्रेस कहती है, ” सिंधिया गजब हैं- किसानों के न्याय के लिये मिल गये हत्यारों के साथ,  भ्रष्टाचार मिटाने के लिये व्यापम और ई-टेंडर वालों के साथ,  रोज़गार दिलाने के लिये रोजगार छीनने वालों के साथ, सम्मान पाने के लिये देश जलाने वालों के साथ गये..! माफ करो शिवराज, अब तुम्हारे नेता महाराज” –

एक और ट्वीट में कहा गया, ” सिंधिया जी की 18 साल की राजनीति में कांग्रेस ने 17 साल तक सांसद बनाया, 2 बार केंद्रीय मंत्री बनाया, मुख्य सचेतक बनाया, राष्ट्रीय महासचिव बनाया, यूपी का प्रभारी बनाया, कार्यसमिति सदस्य बनाया, चुनाव अभियान प्रमुख बनाया, 50+ टिकट, 9 मंत्री दिये, फिर भी मोदी-शाह की शरण में ?” इन सभी टिप्पणियों को देखकर लग रहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस तो ‘शंकर हम तुमको पाला हूँ’ वाले मोड में है

परंतु हद तो तब हो गयी, जब कांग्रेस ने ये ट्वीट पोस्ट की –

इस ट्वीट में लिखा गया है, ” फिर बुराड़ी जैसी घटना – एक जगह मोक्ष पाने की उम्मीद में दिल्ली के बुराड़ी निवासी भाटिया परिवार के 11 सदस्यों ने आत्महत्या कर ली। दूसरी जगह उज्ज्वल भविष्य पाने की उम्मीद में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। दोनों ही दुखद घटनाओं का परिणाम लगभग एक जैसा है”।

यहाँ न केवल ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपमानित किया गया, बल्कि उन्हें एक तरह से मौत की धमकी भी दी गयी। बता दें कि ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया का प्लेन भी 2001 में संदिग्ध परिस्थितियों में क्रैश हुआ था, जिसमें उनकी असामयिक मृत्यु हुई थी। क्या मध्य प्रदेश कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में कुछ ऐसा ही प्लान तो नहीं बना रही?

हालांकि, बात यहीं पर खत्म नहीं हुई। कांग्रेस के समर्थकों ने असहिष्णुता का प्रत्यक्ष प्रमाण देते हुए भोपाल में सिंधिया के प्रस्तावित दौरे से पहले उनके स्वागत में लगे पोस्टर्स पर स्याही फेंकी। इतना ही नहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया का त्यागपत्र सार्वजनिक होते ही कांग्रेस पार्टी के भोपाल दफ्तर से उनके नेमप्लेट हटाने वाली तस्वीरें भी सामने आई, और ये पार्टी लोकतन्त्र बचाने चली थी।

सच कहें तो कांग्रेस अब पूर्ण रूप से हाशिये पर आ चुकी है। वे भले ही हर तरह के प्रपंच का उपयोग कर सरकार बनाने के लिए प्रयासरत हो, परंतु मध्य प्रदेश में जो भी हुआ, उससे सिद्ध होता है कि इस पार्टी को लोकतन्त्र की फिक्र नहीं है, कुशल नेतृत्व की तो बिलकुल भी नहीं है। अब कांग्रेस का भविष्य क्या होगा, यह तो भगवान ही जाने।

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