बंद घड़ी भी दिन में दो बार सही समय दिखा देती है। ऐसे वुहान वायरस से लड़ने में जब एक समुदाय विशेष के धर्मगुरु अड़ंगा डालते हुए दिखाई दिये, और लाख अनुरोध और कार्रवाई के बाद भी कई मस्जिद बंद होने का नाम नहीं ले रहे थे, तो जावेद अख्तर ने सुझाव दिया कि यदि धर्म विशेष के लोग सरकार की बात नहीं मानना चाहते, तो देवबंद का दारूल उलूम ही फतवा जारी कर दे।
Tahir Mehmood Saheb an scholar n the Ex chairman of the minority commision has asked Darul ulum Deoband to give a Fatwa to close all the mosques till corona crisis is there. I totally support his demand If Kaaba n the mosque in Madina canbe closed down why not Indian mosques
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 30, 2020
जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा, “एक स्कॉलर और माइनॉरिटी कमिशन के पूर्व चेयरमैन ताहिर महमूद साहब ने दारूल उलूम देवबंद से एक फतवा जारी करने को कहा है कि जब तक कोरोना संकट है, सभी मस्जिदों को बंद किया जाए। मैं इस मांग का पूरा समर्थन करता हूं। अगर काबा और मदीना में मस्जिद बंद की जा सकती है तो भारतीय मस्जिदें क्यों नहीं”? जावेद अख्तर का ये ट्वीट तब आया है जब देश में सरकारी आदेशों के बावजुद मुस्लिम वर्ग इसकी अवहेलना कर रहा है।
Delhi Government to ask police to register FIR against Maulana of Markaz, Nizamuddin: Delhi Govt
Around 300-400 people had attended a religious gathering at Markaz & 163 people from Nizamuddin, likely to be infected with #COVID19, have been admitted to Lok Nayak Hospital, Delhi. pic.twitter.com/DrVxvqEcPq
— ANI (@ANI) March 30, 2020
बता दें कि वुहान वायरस के भारत में कुल मामलों में एक अप्रत्याशित उछाल आया। दिल्ली में मरकज भवन से 24 मरीज वुहान वायरस से संक्रमित पाये गए हैं, जिसके कारण पूरे निज़ामुद्दीन क्षेत्र को सील कर दिया गया है। इसके अलावा 300 अन्य लोगों को दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जिस तरह से मरकज़ के प्रशासक समिति, तब्लीगी जमात ने दक्षिण पूर्वी एशिया में तांडव मचाया है, उससे पता चलता है कि कैसे कुछ लोगों के लिए स्वास्थ्य, सुरक्षा और नियम क़ायदे कोई मायने नहीं रखते हैं।
सरकार ने बयान में कहा, “हमारी जानकारी में आया है कि निजामुद्दीन मरकज के प्रशासकों ने कोरोना वायरस लॉकडाउन की शर्तों का उल्लंघन किया और अब कई सारे पॉजिटिव मामले मिले हैं। इस संस्था के प्रशासकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”।
Delhi Government to ask police to register FIR against Maulana of Markaz, Nizamuddin: Delhi Govt
Around 300-400 people had attended a religious gathering at Markaz & 163 people from Nizamuddin, likely to be infected with #COVID19, have been admitted to Lok Nayak Hospital, Delhi. pic.twitter.com/DrVxvqEcPq
— ANI (@ANI) March 30, 2020
इसके अलावा दारुल उलूम देवबंद ने भी योगी सरकार को चिट्ठी लिखते हुए कहा है, “संकट की इस घड़ी में देवबंद दारूल उलूम देश की जनता और सरकार के साथ खड़ा है। दारूल उलूम की ग्रैंड ट्रंक रोड के पास दारूल कुरान वाली बिल्डिंग है। अगर सरकार चाहे तो उस बिल्डिंग को आइसोलेशन वॉर्ड बना सकती है”।
सच कहें तो वुहान वायरस एक ऐसी महामारी है, जिसने किसी में फर्क नहीं किया है। परंतु कुछ विशेष धर्म के लोग न ही संविधान को मान रहे हैं और न ही सरकार का किसी आदेश को। वास्तव में ये सभी देश के संविधान से ऊपर अपने धर्म को रखते हैं। अगर इन्हें कोई समझा रहा है तो उसके खिलाफ ही ये लोग एकजुट हो जाते हैं।
First be compassionate & don’t show your upbringing. You are safe so far only by the will of god. This can reach anybody despite your precautions. Be a problem solver. Thats the answer to you. Take care bro.
— Mohammed Mujahid (@mohdmujahid_ip) March 30, 2020
ये लोग ये मानने को तैयार नहीं है कि वुहान वायरस एक गंभीर समस्या है, आज अपनी धर्मांधता के चक्कर में वे दूसरे लोगों की जान भी खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे में जावेद अख्तर का ट्वीट भले ही कुछ लोगों को अटपटा लगे, परंतु समय के हिसाब से जनाब ने एक सही सुझाव दिया है। पर सही बात इन्हें धर्म के खिलाफ लगती है।