देश में चीनी वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, मौजूदा समय की बात करें तो आंकड़ा 200 के पार पहुंच चुका है। इसके मद्देनजर कल रात 8 बजे पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ‘जनता कर्फ्यू’ जैसे शब्द का इस्तेमाल किया और कहा कि 22 तारीख को सुबह 7 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक जनता कर्फ्यू के रुप में अपने घरों के अंदर कैद रहना है। पीएम मोदी ने बेहद विनम्रता के साथ देशवासियों से कहा-
”प्रत्येक देशवासी से समर्थन मांग रहा हूं। यह है जनता कर्फ्यू। यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार 22 मार्च को सुबह 7 से रात 9 तक सभी को इसका पालन करना है।”
At 5 PM on 22nd March 2020, the day of the Janata Curfew, I have a special request. Will you all help? #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/Qi63adPUJh
— Narendra Modi (@narendramodi) March 19, 2020
पीएम मोदी ने कहा-
”आपसे मैंने जब भी और जो भी मांगा है, देशवासियों ने निराश नहीं किया है। ये आपके आशीर्वाद की कीमत है कि हम सभी मिलकर अपने निर्धारित लक्ष्यों की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। आज हम 130 करोड़ देशवासियों से कुछ मांगने आए हैं। मुझे आपसे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए, आने वाला कुछ समय चाहिए। अभी तक कोरोना महामारी से बचने के लिए विज्ञान कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में हर किसी की चिंता बढ़नी स्वाभाविक है। दुनिया के जिन देशों में कोरोना का वायरस और उसका प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है, वहां अध्ययन में एक और बात सामने आई है कि इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक जैसे बीमारी का विस्फोट हुआ है। इन देशों में संक्रमितों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। भारत सरकार इस वैश्विक महामारी के फैलाव के ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है।”
On 22nd March 2020, let us observe a Janata Curfew and add strength to the fight against COVID-19. #IndiaFightsCorona. pic.twitter.com/qOqhQaJES5
— Narendra Modi (@narendramodi) March 19, 2020
सरकार के साथ देशवासियों के कर्तव्य की भी परीक्षा
दरअसल, पीएम मोदी का यह संबोधन संबोधन मात्र नहीं है। यह सरकार के साथ-साथ जनता के अनुशासन की भी अग्नि परीक्षा है। इस जनता कर्फ्यू के माध्यम से देशवासियों को उनकी जिम्मेदारी, नैतिक कर्तव्य निभाने का मौका मिला है। इस कर्फ्यू से एक बात सामने आ जाएगी कि असल में देश में कोरोना के मरीजों की संख्या कितनी है? जब लोग अपने घरों में कैद रहेंगे तो किसी अन्य को इस बीमारी का संक्रमण नहीं होगा, जिससे कोरोना का चेन टूटेगा। कुल मिलाकर जनता कर्फ्यू एक ड्रिल की तरह है जिससे देशवासियों के अंदर इस बीमारी की जागरुकता आए। जनता कर्फ्यू के दौरान अगर कोई मामला आता है तो वह सामने आएगा जिससे कि कोरोना के संदिग्ध का इलाज किया जा सके।
22 तारीख ही क्यों चुना पीएम मोदी ने?
पीएम मोदी अपने फैसलों के लिए बेहद दमदार माने जाते हैं। उन्होंने 22 तारीख के दिन जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है। बता दें कि 22 तारीख को रविवार का दिन है और उस दिन अधिकतर लोग अपने घरों में रहते हैं। इसीलिए उन्होंने इस दिन को चुना ताकि हर तबका इसमें अपना सहयोग दे सके। दूसरी तरफ जब शाम को 5 बजे, लोग अपनी खिड़की या दरवाजे पर खड़े होकर 5 मिनट तक थाली या ताली बजाकर उन लोगों को धन्यवाद देंगे तो ये भी एक आध्यात्मिक प्रयोग ही होगा जिससे कोरोना से लड़ने वालों को संबल प्राप्त होगा, साथ ही डॉक्टरों का भी मनोबल बढ़ेगा।
कोरोना से बच सकता है भारत-
जैसा कि चीन के बाद इरान, इटली, स्पेन और अमेरिका में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। इन देशों में अगर सतर्कता बरती जाती तो कोरोना को हराया जा सकता था। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। जिस तरह से भारत ने तत्काल फैसला लिया है उससे कोरोना का चेन तोड़ा जा सकता है और कोरोना का चेन तभी टूटेगा जब हम सोशल डिस्टेंस मेंटेन रखेंगे। इसी सोशल डिस्टेंस को मेंटेन करने के लिए पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है। हर रोज जिस तरह से मामले बढ़ते जा रहे हैं उसको देखते हुए भारत अच्छा प्रयास कर रहा है। सरकार का यह प्रयास है कि बद से बदतर हालात से भी लड़ा जा सके, इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां चल रही हैं।
जनता कर्फ्यू की जरुरत इसलिए भी जरुरी है कि दक्षिण कोरिया वाला हाल भारत का न हो पाए, क्योंकि एक व्यक्ति करोड़ो लोगों को इनफेक्ट कर सकता है। ठीक ऐसा ही हमने दक्षिण कोरिया में देखा, जहां 31 वें मरीज ने कुल 8 हजार लोगों को संक्रमित किया। अगर भारत में भी इस तरह का कुछ होता है तो समझा जा सकता है कि इस घनी आबादी वाले देश काक्या होगा।
कोरोना वायरस से इनफेक्ट होने का मतलब कत्तई ये नहीं है कि जान चली जाएगी। अगर किसी को यह अपना शिकार बना भी लेता है तो बचाया जा सकता है। इस बीमारी में मृत्यु दर काफी कम है, या यूं कहें कि सड़क दुर्घटना के मामलों से भी कम है। लेकिन अगर दूसरों तक इस वायरस को न फैलने दिया जाए तो हम उस कम दर को भी रोक सकते हैं जिससे अब तक कई देशों में जाने गईं हैं। इन्हीं वजहों से जनता कर्फ्यू एक शानदार कदम है जिससे कोरोना जैसी महामारी से बचा जा सके।
TFI परिवार की ओर से भी आग्रह है कि आप पीएम मोदी के इस अभियान में शामिल हों और अपने घरों में कैद होकर यानि खुद से खुद पर कर्फ्यू लगाकर राष्ट्र की सुरक्षा में योगदान दें। इस वक्त सहयोग की जरुरत है, ऐसे में तमाम वैचारिक मतभेदों को किनारे रखकर अपने राष्ट्र के लिए सरकार का साथ दें।