भारत के पूर्व सीजेआई और अब राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई इन दिनों नए नए खुलासे कर रहे हैं। इस बार उन्होंने कपिल सिब्बल के बारे में जुबान खोला है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह 2018 में तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव में सुप्रीम कोर्ट का समर्थन मांगने उनके घर गए थे। जस्टिस गोगोई के मुताबिक, उन्होंने तब सिब्बल को घर में घुसने नहीं दिया था।
टाइम्स नाउ को दिए इंटरव्यू में गोगोई ने कहा- ”व्यक्तिगत रूप से कपिल सिब्बल पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन इतना जरुर बताना चाहूंगा कि जनवरी 2018 के प्रेस कॉन्फ्रेस के बाद वो मेरे आवास पर आए और उन्होंने तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट का समर्थन मांगा था। जिसके बाद मैनें उन्हें अपने घर पर आने से मना कर दिया। तब मैं सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता के क्रम में तीसरे नंबर का जज था।”
Sensational disclosure | @KapilSibal came to me for Dipak Mishra's impeachment. I did not let him enter my house: Ranjan Gogoi, Ex- CJI & Rajya Sabha MP tells Navika Kumar on #FranklySpeakingWithGogoi. pic.twitter.com/925WzBjWXE
— TIMES NOW (@TimesNow) March 21, 2020
हालांकि जब गोगोई से पूछा गया कि आपने सिब्बल को अपने घर में घुसने ही नहीं दिया और बात भी नहीं हो पाई तो कैसे पता चला कि वो यही बात कहने आपके घर आ रहे थे?
इस पर जस्टिस रंजन गोगोई ने जवाब देते हुए कहा- क्योंकि मुझे शाम को एक फोन आया था और मुझसे कहा गया कि सिब्बल इस मुद्दे पर बात करने के लिए आपके घर आ रहे हैं तो मैनें फोन करने वाले व्यक्ति से कहा कि उन्हें मेरे घर आने की कोई अनुमति मत दीजिए।
दरअसल, कपिल सिब्बल को उसी समय से मिर्ची लगी हुई है जब से रंजन गोगोई को राष्ट्रपति ने राज्यसभा का सांसद मनोनीत किया है। गोगोई के सांसद मनोनीत होते ही सिब्बल ने कहा कि ये तो सरकार की तरफ से गोगोई को उपहार है। इस पर पलटवार करते हुए गोगोई ने कहा कि जो ऐसा बोलते हैं या सोचते हैं वो देश के दुश्मन हैं।
बता दें इससे पहले भी गोगोई ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि “एक ‘लॉबी’ के चलते न्यायिक स्वतंत्रता पर खतरा है।” उन्होंने कहा कि आधा दर्जन लोग ऐसे हैं जो जजमेंट उनके पक्ष में ना आने पर जजों की छवि खराब करने की कोशिश करते हैं।
गोगोई ने कहा गुरुवार को कहा था-, ‘न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब है कि इसके ऊपर बैठे आधा दर्जन लोगों के शिकंजे को खत्म करना। जब तक यह शिकंजा खत्म नहीं होगा तब तक न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं हो पाएगी। वे जजों को फिरौती देने के लिए पकड़ते हैं। अगर कोई फैसला उनके मन मुताबिक नहीं आता तो वह जज की छवि को खराब करने की हरसंभव कोशिश करते हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि, “मैं उन जजों को लेकर चिंतित हूं जो यथास्थितिवादी हैं, जो इस लॉबी से पंगा नहीं लेना चाहते और शांति से रिटायर होना चाहते हैं।”
अब जिस तरह से रंजन गोगोई एक के बाद एक खुलासे कर रहे हैं उससे लिबरल गैंग और कांग्रेसियों की पोल खुलती जा रही है। इस बार उन्होंने कपिल सिब्बल जैसे वकील की पोल खोली जिसने जस्टिस दीपक मिश्रा पर महाभियोग लगाने की बात की। इससे पहले भी वे लिबरल लॉबी की बात कर चुके हैं। इस तरह से गोगोई लिबरलों और कांग्रेसियों को एक्सपोज करते जा रहे हैं।