दुनिया वुहान वायरस के प्रकोप से मोर्चा संभाले हुए हैं, और इसी दिशा में भारत में भी 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इस दौरान लोग कम से कम घर से बाहर निकले, इसके लिए सारे प्रबंध भी सुनिश्चित किए गए हैं। परन्तु संकट की इस घड़ी में लोगों का मनोबल ना टूटे, इसके लिए केंद्र सरकार ने कुछ अनोखे निर्णय भी लिए हैं, जिसमें से एक है डीडी नेशनल पर कुछ पुराने सीरियल को दोबारा प्रसारित करना। इसी कड़ी में प्रसार भारती ने निर्णय लिया था कि शनिवार सुबह से डीडी नेशनल पर रामायण के दो एपिसोड और डीडी भारती पर महाभारत के दो एपिसोड रोज़ प्रसारित होंगे।
On public demand, popular serials #Ramayana and #Mahabharat make a comeback on #Doordarshan from today. Re-telecast of Ramayana episodes on #DDNational at 9 AM and 9 PM, Mahabharat to be shown in #DDBharati at 12 noon and 7 pm everyday pic.twitter.com/JCOPEepmdv
— DD News (@DDNewslive) March 28, 2020
अस्सी के दशक के अंत में प्रसारित हुए ये सीरियल कितने लोकप्रिय हैं, उसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि रामायण का पहला एपिसोड आते ही आज सुबह डीडी की आधिकारिक वेबसाइट क्रैश हो गईं। परन्तु यह निर्णय कुछ लोगों के दिल में शूल की भांति चुभने लगा। वामपंथी ब्रिगेड को यहां भी एक साजिश नजर आई और स्वभाव अनुसार वे इस निर्णय पर भी रूदाली करने लगे।
इस रूदाली का प्रारंभ हुआ लिबरल ब्रिगेड की पोस्टर गर्ल राणा अय्यूब के ट्वीट से। राणा अय्यूब ने ट्वीट कर कहा, “यहां एक बच्चा गरीबी और भुखमरी से मर गया, पर नहीं, हमें तो रामायण दिखानी है।”
First hunger death. Eleven year old Rahul Musahar. Let's watch Ramayan on TV pic.twitter.com/sdM15aowvk
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) March 28, 2020
अब भला राणा अय्यूब ये बताने का कष्ट करेंगी कि भुखमरी का रामायण के प्रसारित होने से क्या संबंध है? एक धर्म के प्रति इतनी घृणा? शायद इन्होंने यह नहीं देखा होगा कि इसी प्रसार भारती ने रामायण और महाभारत सहित ब्योमकेश बख्शी और शाहरुख खान अभिनीत सीरियल सर्कस पुनः प्रसारित करने का भी निर्णय लिया है।
परन्तु यह तो मात्र शुरुआत है। इसके पश्चात कई लिबरल एजेंडा ऊंचा रहे हमारा को आत्मसात करते हुए रामायण सीरियल के विरुद्ध विष उगलने लगे। हिन्दुस्तान अखबार की पूर्व मुख्य संपदिका Mrinal Pande (मृणाल पाण्डे) उपहास उड़ाते हुए ट्वीट करती है, “धन्य हो। घर में नहीं है दाना, पर्दे पर रामायना।”
इसी भांति सागरिका घोष भी ट्विटर पर अपना दुखड़ा रोने लगी। मोहतरमा ने ट्वीट कर कहा है, “जब आप क्रूरता से लॉकडाउन का दुरुपयोग करे, जब अर्थव्यवस्था दिवालिया होने के मुहाने पर खड़ी हो, तो आपके पास क्या बचता है? धर्म का आकर्षक हथियार निकाल लो #Ramayana #Mahabharata।”
https://mobile.twitter.com/sagarikaghose/status/1243788567173689345
परन्तु इन लोगों का वास्तविक डर उजागर हुआ जब लिबरल ब्रिगेड की नई पोस्टर गर्ल कही जाने वाली लादीदा फरजाना ने कल फेसबुक से पोस्ट किया, “कल से दूरदर्शन लॉकडाउन के दौरान जनता का मनोरंजन करने के लिए रामायण सीरियल को प्रसारित करेगा। जिस विचारधारा से हिन्दू राष्ट्रवादियों का उदय हुआ, और जिस कारण से बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ, वह अब दोबारा आने वाला है और कोरोना वायरस के बाद हमें इससे भी निपटना होगा।”
कहने को लादीदा की बात पूरी तरह गलत भी नहीं है। डर तो लगेगा ही। चूंकि पूरा देश लॉकडाउन में है, और रामायण जैसे धारावाहिक प्रसारित हो रहे हैं, इसलिए जो युवा अपनी संस्कृति से विमुख हो चुके थे, उनका पुनः अपनी संस्कृति से परिचय, और स्थिति ठीक होने पर वे अपनी संस्कृति के पुनरुत्थान के लिए कदम भी उठाएंगे, जिसे ये वामपंथी अपनी भाषा में ध्रुवीकरण बोलते हैं। लिबरल्स इस बात से भी डरे हुए हैं कि कोरोना से लड़ाई के बाद भारत अपने इतिहास से वापस न जुड़ जाए। हम तो बस इतना ही कहेंगे की ये डर अच्छा है, और होना भी चाहिए, क्योंकि वुहान वायरस के प्रकोप के बाद उस भारत का उदय होगा, तुष्टिकरण के नाम पर अपने ही देश की बलि नहीं चढ़ाएगा।