23 फरवरी को जब मलेशिया में मुहयुद्दीन यासीन के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ था, तो मलेशिया के अधिकारियों ने महातिर के समय भारत के साथ बिगड़े रिश्तों को सुधारने की बात कही थी। तब कुछ मलेशियाई सांसदों ने यह भी कहा था कि भारत के साथ मलेशिया को बातचीत करनी चाहिए और इसके बाद ही भारत से रिश्ते सुधारे जा सकेंगे। अब यह होता भी दिखाई दे रहा है।
दरअसल, इस साल Malaysia ने भारत से रिकॉर्ड तोड़ शुगर इम्पोर्ट की है और नई सरकार आने के बाद तो भारत से चीनी के आयात को बहुत ज़्यादा बढ़ा दिया गया है। माना जा रहा है कि मलेशिया(Malaysia) ऐसा भारत को लुभाने के लिए कर रहा है ताकि भारत दोबारा मलेशियाई पाम ऑयल का आयात करना शुरू कर दे।
All India Sugar Trade Association के अध्यक्ष प्रफुल विठलानी के मुताबिक “मलेशिया (Malaysia) इस साल बड़ी ही आक्रामकता के साथ भारत से चीनी आयात कर रहा है, जो कि हैरानी की बात है”। आंकड़ों के मुताबिक, मलेशिया ने इस साल भारत से 3 लाख 24 हज़ार से ज़्यादा चीनी आयात की है जबकि वर्ष 2019 में यह मात्रा सिर्फ 1 लाख 10 हज़ार टन थी। इसके अलावा मलेशिया ने इस साल वर्ष 2008 के 3 लाख 13 हज़ार टन चीनी आयात करने के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। प्रफुल ने उम्मीद जताई है कि इस साल Malaysia भारत से 4 लाख टन से ज़्यादा चीनी आयात कर सकता है।
मलेशिया में नई सरकार बनते ही मलेशियाई सांसद वी का सियोंग ने कहा था “क्या हम इस पर बातचीत नहीं कर सकते हैं? आखिर यहां हमारे देश और देशवासियों का सवाल है। चूंकि अब नई सरकार बन गई है, तो हमारे नए प्रधानमंत्री इस ओर जरूर ध्यान देंगे, और भारत के साथ अपनी दोस्ती को मजबूत करेंगे”।
बता दें कि वी का सियोंग को हाल ही में मलेशिया का परिवहन मंत्री बनाया गया है, इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि मलेशिया की नई सरकार वाकई भारत के साथ रिश्ते सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है।
मलेशिया के नए प्रधानमंत्री मुहयुद्दीन वैसे भी भारत के साथ अच्छे रिश्ते रखने के पक्षधर रहे हैं और वे ज़ाकिर नाईक के मामले पर भी भारत का ही समर्थन कर चुके हैं। पिछले वर्ष अगस्त में जब ज़ाकिर ने मलेशिया के हिंदुओं को निशाने पर लेते हुए उनकी वफादारी पर शक किया था, तो यासीन ने उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाया था। ज़ाकिर ने तब कहा था कि मलेशिया के हिन्दू मलेशिया से ज़्यादा पीएम मोदी के वफादार हैं। उसके बाद यासीन ने ज़ाकिर को चेतावनी देते हुए कहा था- कानून से ऊपर कोई नहीं है, डॉक्टर जाकिर नाइक भी नहीं”। उसके बाद ज़ाकिर नाईक पर कार्रवाई करते हुए उनके सार्वजनिक भाषणों पर रोक लगा दी गयी थी।
"None above the law, not even Dr. Zakir Naik (in file pic)," says, Malaysian Home Minister Muhyiddin Yassin: Malaysian media pic.twitter.com/l6TlbjBEHS
— ANI (@ANI) August 26, 2019
मुहयुद्दीन के पास ज़ाकिर नाइक को भारत को सौंपने के रूप में भारत के साथ संबंध सुधारने का एक अच्छा मौका उपलब्ध है। इसी के साथ मुहयुद्दीन बिना वजह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करके भी नई दिल्ली के साथ दोस्ती मजबूत कर सकते हैं।
मलेशिया के पूर्व PM महातिर ने जहां एक ओर कश्मीर के मुद्दे को UN आम सभा में उठाया था, तो वहीं गलत बयानबाजी करते हुए उन्होंने CAA को मुस्लिम विरोधी बताया था। इसके बाद मलेशिया की पाम ऑयल इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। नीचे दिए हुए ग्राफ से आप समझ सकते हैं कि वर्ष 2019 के आखिर में भारत ने मलेशिया से पहले के मुक़ाबले बेहद ही कम मात्रा में पाम ऑयल का इम्पोर्ट किया था, और इसी दौरान भारत ने इंडोनेशिया से पाम ऑयल का इम्पोर्ट बढ़ा दिया।
अब नई सरकार ने भारत से भरपूर मात्रा में चीनी आयात कर भारत सरकार को संकेत दे दिया है कि वह भारत से संबंध सुधारने को लेकर चिंतित है। मलेशिया आमतौर से ब्राज़ील और थाईलैंड से चीनी आयात करता है, लेकिन अब वह भारत को प्राथमिकता दे रहा है। ऐसे ही चलता रहा तो हमें जल्द ही भारत और मलेशिया के सम्बन्धों में दोबारा मधुरता देखने को मिल सकती है।