रेप कल्चर, राक्षसी पर्व, लड़कियों को छेड़ने का त्योहार- होली आते ही लिबरलों का हाय-तौबा शुरु

होली आते ही इनके दिव्य उपन्यास से दिव्य-दिव्य कहानियां निकलने लगती हैं

Actor Navdeep, Co Founder C Space Along With Rakesh Rudravanka - CEO - C Space

होली का पर्व अब बस कुछ ही घंटे दूर है, और हर वर्ष की भांति इस बार भी हिन्दू विरोधी तत्वों ने हमारे इस पावन त्योहार को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस बार अब अंतर सिर्फ इतना है कि ये घृणा अब केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, अपितु इसे वैश्विक स्तर पर प्रचारित किया जा रहा है।

पिछले कुछ वर्षों से धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दू त्योहारों को अपमानित करने की एक मुहिम सी चल पड़ी है, मानो इससे ज़्यादा आवश्यक कोई काम नहीं है। चाहे वह द क्विंट के नफरत से भरा लेख हो, या फिर पिछले वर्ष प्रसारित हुए सर्फ एक्सेल का विवादास्पद एड, जिसमें होली के रंगों की तुलना गंदगी से की गई हो, इस हिन्दू विरोधी अभियान में कोई कमी नहीं आयी है। परन्तु इस वर्ष तो निकृष्टता की सभी सीमाएं लांघ दी गई, और होली के पर्व को दुष्कर्म समर्थक की संज्ञा दे दी गए। विश्वास नहीं होता तो इन ट्वीटस को देख लीजिए –

https://twitter.com/DeadZedb/status/1236197907784753152

https://twitter.com/OpusOfAli/status/1236908396218961922

अब एक नजर इस ट्वीट थ्रेड पर भी डाल लीजिए। इसमें होली को ना सिर्फ एक पितृसत्ता्मक त्योहार की संज्ञा दी गई है, अपितु इसे आपराधिक कृत्य बताने तक की चेष्टा कर डाली। इस थ्रेड के अनुसार होली वासना के लिए तड़प रहे राक्षसों का त्योहार है, होली है एक युद्धघोष है और हिन्दू पुरुष केवल लड़कियों को छेड़ने और उनकी इज्जत लूटने के लिए यह त्योहार खेलते हैं।

 

परन्तु इस प्रकार के आडंबर केवल यही सिद्ध करते हैं कि किस प्रकार से ये लोग होली आते ही इसे अपमानित करने और बदनाम करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाते हैं। परन्तु इस बार इनकी जहरीली मानसिकता ने एक अलग ही रूप ले लिया है। USA में स्टूडेंट्स अगेंस्ट हिंदुत्व के नाम से एक गिरोह होली को अपमानित करने के लिए होली अगेंस्ट हिंदुत्व नाम का कार्यक्रम कर रहा है, जिसका मूल उद्देश्य इस पर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपमानित करना है।

https://twitter.com/indiantweeter/status/1235042530963722240

इस कार्यक्रम के अन्तर्गत होली पर वामपंथी विद्यार्थियों ने हार्वर्ड, ब्राउन, प्रिंस्टन और कोलंबिया जैसे प्रसिद्ध संस्थानों में सफेद कपड़ों में आने के बजाए काले कपड़ों में आने का फरमान सुनाया है। यह अभियान दिल्ली में भड़के दंगों के विरोध स्वरूप हिन्दुओं की छवि को बदनाम करने के लिए ही किया गया है। तुलसी गबार्ड ने यूं ही ऐसे कुत्सित लोगों पर अपने ट्वीट से निशाना नहीं साधा था।

होली हमेशा से इस्लामी कट्टरपंथियों और वामपंथियों के निशाने पर रही है और इस साल इस घृणास्पद अभियान को एक अलग ही स्तर पर ले जाते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय रंग दिया है, जो सिद्ध करता है कि हिन्दू आस्था के प्रति इनकी घृणा किस हद तक बढ़ी हुई है।

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